World Bank ने “ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स (जून 2020)” शीर्षक से अपनी प्रमुख रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट महामारी के impressions का आकलन करती है और possible courses और outcomes की भी जांच करती है. रिपोर्ट में grave near-term outlook का वर्णन किया गया है और कहा गया है कि वैश्विक जीडीपी में contraction है जो 2020 में COVID-19 महामारी के कारण 5.2 प्रतिशत था. यह आठ दशकों में दुनिया की सबसे बड़ी वैश्विक मंदी है. COVID-19 महामारी दुनिया के हर हिस्से में फैल गई है और दुनिया भर में लाखों लोग संक्रमित हैं.
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About World Bank:
World Bank Group, 1944 में स्थापित किया गया था और वाशिंगटन, D.C. में मुख्यालय(headquartered) है, यह एक महत्वपूर्ण वित्तीय स्रोत है और साथ ही दुनिया भर के विकासशील देशों के लिए technical रूप से सहायता करता है. यह एक unique partnership है जिसका उद्देश्य गरीबी को कम करना है और विकास का support करना चाहता है. विश्व बैंक समूह के वर्तमान अध्यक्ष David Malpass हैं. विश्व बैंक समूह में पांच संस्थान शामिल हैं, जो इसके 189 सदस्य देशों द्वारा managed हैं. ये पाँच संस्थाएँ इस प्रकार हैं:
- International Bank for Reconstruction and Development (IBRD)
- International Development Association (IDA)
- International Finance Corporation (IFC)
- Multilateral Investment Guarantee Agency (MIGA)
- International Centre for Settlement of Investment Disputes (ICSID)
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वैश्विक आर्थिक संभावनाओं(Global Economic Prospects ) के बारे में (जून 2020):
विश्व बैंक ने “ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स (जून 2020)” शीर्षक से अपनी प्रमुख रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट COVID-19 महामारी के impressions का आकलन करती है और possible courses और outcomes की जांच भी करती है. यह global community और national policymakers द्वारा आवश्यक स्पष्ट कार्यों को इंगित करता है – नुकसान को रोकने, पुनर्प्राप्त करने और पहले से बेहतर और मजबूत बनाने के लिए. रिपोर्ट में उभरती हुई बाजार के साथ-साथ विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए दृष्टिकोण का एक विस्तृत विश्लेषण भी शामिल है, इसलिए यह आर्थिक और मानवीय संकट की गहराई जांच करता है. COVID-19 जैसा वैश्विक आर्थिक संकट किसी अन्य की वजह से कभी नहीं देखा गया है. यह द्वतीय विश्व युद्ध (second world war) के बाद से सबसे गहरी वैश्विक मंदी की ओर अग्रसर है. वहीं उभरते और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में उत्पादन में कम-से-कम छह दशक में पहली बार इतनी बढ़ी गिरावट आएगी. भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 3.2 प्रतिशत पर सिमट जाएगी.
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रिपोर्ट में उल्लिखित विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का आउटलुक:
- यह रिपोर्ट 2020 में वैश्विक जीडीपी के 5.2% में सिमटने का पूर्वानुमान लगाती है, यानी आठ दशकों में दुनिया में सबसे गहरी वैश्विक मंदी
- भारत की GDP 2020 में 3.2% तक बढ़ने की उम्मीद है, जबकि 2021 में इसका विस्तार 3.1% होने की उम्मीद है.
- Advanced economies की जीडीपी 2020 में 7% तक बढ़ने की उम्मीद है
- अमेरिका की जीडीपी 2020 में 6.1% तक बढ़ने की उम्मीद है.
- जापान की जीडीपी 2020 में 9.1% तक बढ़ने की उम्मीद है.
- उभरते हुए बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (EMDE) की जीडीपी 2020 में 2.5% तक बढ़ने की उम्मीद है.
- चीन की जीडीपी 2020 में 1.0% तक धीमी होने की उम्मीद है.
- 2020 में रूस की GDP में 6% की वृद्धि होने की संभावना है.
Conclusion – निष्कर्ष
ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स (जून 2020) में कहा गया है कि दुनिया भर की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने COVID-19 के प्रकोपों का अनुभव किया है. महामारी की वजह से घरेलू मांग और आपूर्ति, व्यापार, और वित्त सभी पर गहरा असर पड़ा है. परिणामस्वरूप उन्हें contract sharply होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में 2021 में वृद्धि की उम्मीद है, इस धारणा के साथ कि COVID-19 महामारी वित्तीय प्रणालियों को स्थायी नुकसान नहीं पहुंचाती है और fiscal, monetary और financial sector policies के अभूतपूर्व समर्थन से सहायता प्राप्त होगी.
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