Amendment of the essential commodities act: सरकार ने कृषि क्षेत्र (agriculture) से जुड़े लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव करने का फैसला लिया है. Essential commodities act में बदलाव करने से कृषकों को बेहतर मूल्य की प्राप्ति होती है. आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संसद में पारित हुआ था. इस अधिनियम में अब बड़े बदलाव का अनुमान लगाया जा रहा है.
आपको बता दें कि 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी, जिसके माध्यम से आत्मनिर्भर भारत अभियान को पूरा किया जायेगा. इस घोषणा के बाद Finance Minister Nirmala Sitharaman पिछले चार दिनों से इस 20 lakh crore के पैकेज की विस्तार से जानकारी दे रही हैं. 15 मई शुक्रवार को इसी क्रम में कृषि सम्बन्धी 11 घोषणाएँ कीं. जिसमें Essential commodities act में बदलाव की भी बात कही. जिससे Atmanirbhar Bharat abhiyan को सही दिशा दी जा सके.
Government will amend Essential Commodities Act to enable better price realisation for farmers; Agriculture food stuffs including cereals, edible oils, oilseeds, pulses, onions and potato will be deregulated.#AatmaNirbharDesh #AatmanirbharBharat 216 people are talking about this
Government to amend Essential Commodities Act – आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेगी सरकार
कृषि क्षेत्र में संशोधन के माध्यम से कृषको को लाभ मिलेगा, और अन्य उद्योग की तरह प्रतिस्पर्धी बढ़ेगी. deregulation या सुधार केवल खाद्य पदार्थों के उत्पादन का नहीं होगा, बल्कि खाद्य उत्पादों की बिक्री का भी होगा. उपज पर स्टॉक सीमा नहीं लगाई जाएगी. सरकार अब प्रतिबंध केवल असाधारण परिस्थितियों में ही लगाएगी.
- राष्ट्रीय आपदाएँ
- सूखा
- कीमतों में वृद्धि
इसका लाभ उन्हें मिलेगा जो खाद्य पदार्थों के प्रोसेसर या जो installed capacity के आधार पर value chain participants हैं. इससे मांग के साथ निर्यात में मदद मिलेगी. यह कृषि के लिए marketing सुधारों को लागू करने में मदद करेगा जो किसानों को उन marketing विकल्पों को देगा जो आवश्यक वस्तुओं अधिनियम द्वारा लगाए गए नियमों के कारण उनके पास नहीं थे. किसान के पास अब बेहतर कीमतों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प है. केंद्र सरकार 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से कृषि के बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है. यह किसान के जीवन को बेहतर बनाने के लिए farm-gate infrastructure को मजबूत बनाएगा.
स्टॉक के बिन्दुओं में सुधार की आवश्यकता है जो इसके लिए उपयुक्त विकास होगा
- प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ
- किसान उत्पादक संगठन
- कृषि उद्यमी
- और दूसरे
यह सुधार प्रेरक शक्ति होगी जो सामर्थ्य को बढ़ाएगी और किसानों के लिए आर्थिक रूप से व्यवहारिक व आसान बनाएगी और फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाएगी. post-harvest management के लिए किसान अपनी उपज को बेहतर inadequate cold chain systems में संग्रहित कर सकते हैं. फण्ड के माध्यम से अंतराल को बंद किया जा सकता है. किसान की स्टॉक सीमा को हटा दिया गया है तो वह राहत की सांस ले सकता है.
यह भी पढ़ें –
फंड्स को मजबूत बनाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना होगा
- आधारिक संरचना
- क्षमता
- भंडारण
- बेहतर लॉजिस्टिक का निर्माण
- शासन और प्रशासनिक सुधार
ये सभी सुधार निष्पक्ष, पारदर्शी तरीके से एक बेहतर कानूनी ढांचे की सुविधा प्रदान करेंगे, जो किसानों के लिए मददगार होंगे.
- प्रोसेसर
- एग्रीगेटर्स
- बड़े खुदरा विक्रेताओं
- निर्यातकों
अगर आने वाले महीनों में इसकी घोषणा की जाती है तो सुधार किसानों के लिए गेम-चेंजिंग हो सकता है. किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, जिससे उनकी अधिकांश समस्याओं का समाधान होगा. COVID -19 के चलते संशोधन से किसानों को वर्षों पुरानी दुख से बाहर निकालने और कृषि सुधारों को ट्रैक पर वापस लाने में मदद मिलेगी.