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रूस ने तैयार की कोरोना वैक्सीन “EpiVacCorona” , इससे पहले बनाई थी Sputnik V

  

रूस ने तैयार की कोरोना वैक्सीन "EpiVacCorona" , इससे पहले बनाई थी Sputnik V | Latest Hindi Banking jobs_2.1

Russia approves 2nd coronavirus vaccine after early trials | The peptide-based, two-shot vaccine, EpiVacCorona, was developed by the Vector Institute in Siberia | 2nd Corona Vaccine in Hindi | 

रूस ने अपनी दूसरी कोविड-19 वैक्सीन ‘एपिवाकोरोना’ (‘EpiVacCorona’) को मंजूरी दे दी है। ‘EpiVacCorona’ को यह मंजूरी प्रारंभिक चरण के अध्ययन के बाद मिली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की कि देश ने दूसरा कोविद -19 वैक्सीन पंजीकृत (registered) किया है

यह नई कोरोना वैक्सीन, इससे पहले  तैयार हुई वैक्सीन के दो महीने बाद आई है, क्योंकि इससे पहले रूस दुनिया की पहली कोरोनावायरस वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V) को भी आधिकारिक तौर पर रजिस्टर करा चुका है। आपको बता दें कि  स्पुतनिक वी (Sputnik V) के लिए रूस को देश और विदेश में वैज्ञानिकों की व्यापक आलोचना का सामना करना पडा था।

रूस इस साल अगस्त में COVID-19 वैक्सीन को नियामक स्वीकृति देने वाला पहला देश बन गया था, जब स्पुतनिक वी आधिकारिक तौर पर बड़े पैमाने पर नैदानिक ​​परीक्षण ( large-scale clinical trial) कर पंजीकृत हुआ था। 

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क्या है EpiVacCorona ?  जानिए, EpiVacCorona के बारे में  :

  • विनियामक अनुमोदन (regulatory approval) प्राप्त करने वाला दूसरा रूसी टीका वैक्टरोलोजी एंड बायोटेक्नोलॉजी के वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर (Vector State Research Centre of Virology and Biotechnology) द्वारा विकसित किया गया है।   
  • इस टू-शॉट वैक्सीन, ‘EpiVacCorona’ का परीक्षण शुरुआती चरण के प्लेसेबो-नियंत्रित मानव परीक्षणों (e, placebo-controlled human trials) में 100 वोलेंटीअरों के बीच किया गया था, जो दो महीने से अधिक समय तक चला था और दो सप्ताह पहले पूरा हो गया था।

  • इन volunteers की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच थी।

  • निजी और publicly funded clinical studies यानी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित नैदानिक ​​अध्ययनों के एक डेटाबेस ClinicalTrials.gov पर पोस्ट किए गए विवरण के अनुसार, वेक्टर का टीका EpiVacCorona (एपीवीकोकोरोना) SARS-CoV-2 प्रोटीन के रासायनिक रूप से संश्लेषित (chemically synthesized) पेप्टाइड एंटीजन पर निर्भर करता है, जो एक वाहक प्रोटीन के साथ संयुग्मित होता है और एक एल्यूमीनियम युक्त एडजुटेंट पर adsorbed होता है।  

    रूस की उप प्रधानमंत्री ततयाना गोलिकोवा को यह वैक्‍सीन लगाई गई है। उन्होंने पहले कहा था कि वालंटियर के तौरपर उन्होंने भी शुरुआती ट्रायल में हिस्सा लिया था। गोलिकोवा ने कहा है कि देशभर में 40 हजार वालंटियर्स को कोरोना की ‘EpiVacCorona’ वैक्‍सीन के अगले चरण के ट्रायल के लिए चुना जाएगा।

     

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