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World Heritage Day 2024 – विश्व विरासत दिवस 2024, थीम, महत्व, और भारत के धरोहर स्थल

विश्व विरासत दिवस 2024

हर साल 18 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) मनाया जाता है। इस दिवस को स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for Monuments and Sites) के नाम से भी जाना जाता है।

इस खास दिन का उद्देश्य मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के महत्व, उनके अस्तित्व के संभावित खतरों और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। आइए, इस दिन के महत्व और इससे जुड़ी जानकारियों को थोड़ा और विस्तार से जानें।

विश्व विरासत दिवस 2024 थीम: विविधता को जानें और अपनाएं

विश्व विरासत दिवस 2024 के लिए निर्धारित विषय “Exploring and embracing diversity” यानि “विविधता को जानें और अपनाएं” है. यह विषय दुनिया भर में फैले सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के समृद्ध जाल को मनाने का सार है। यह विषय व्यक्तियों और समुदायों को धरोहर स्थलों की विशाल श्रृंखला, भौतिक और अमूर्त दोनों तरह की, में गहराई से जाने और उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले विविध अनुभवों में खुद को डुबोने के लिए प्रोत्साहित करता है।

यह विषय हमारी साझी विरासत को शामिल करने वाली असंख्य संस्कृतियों, परंपराओं और पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए गहरी समझ और प्रशंसा को बढ़ावा देने के महत्व पर बल देता है।

विश्व विरासत दिवस 2024 – धरोहरों को सहेजने का संकल्प

विविधता को जानने और अपनाने का आह्वान निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

  • अपने आसपास के धरोहर स्थलों का अन्वेषण करें: चाहे वे प्राचीन मंदिर हों, ऐतिहासिक किले हों, राष्ट्रीय उद्यान हों या संग्रहालय हों, अपने आसपास के धरोहर स्थलों पर जाएं और उनके इतिहास, वास्तुकला और सांस्कृतिक महत्व को समझने का प्रयास करें।
  • अन्य संस्कृतियों को जानें: पुस्तकों, वृत्तचित्रों या यात्रा के माध्यम से विभिन्न संस्कृतियों के बारे में जानें। उनकी परंपराओं, रीति-रिवाजों और कला रूपों को समझने का प्रयास करें।
  • विविधता का जश्न मनाएं: अपने समुदाय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें। विभिन्न धर्मों और समुदायों के त्योहारों को मनाएं।
  • विरासत संरक्षण को बढ़ावा दें: धरोहर स्थलों के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाएं। सफाई अभियान चलाएं या धरोहर संरक्षण संगठनों को दान करें।

विश्व विरासत दिवस हमें याद दिलाता है कि विविधता ही हमारी दुनिया की सुंदरता है। आइए, मिलकर विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का सम्मान करें और उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए संजोएं।

विश्व विरासत दिवस का इतिहास

विश्व विरासत दिवस की शुरुआत वर्ष 1982 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा की गई थी। यूनेस्को ने दुनिया भर के स्मारकों और स्थलों के संरक्षण के महत्व को रेखांकित करने के लिए इस दिवस की घोषणा की थी।

हर साल विश्व विरासत दिवस एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। 2024 के लिए विश्व विरासत दिवस की थीम की घोषणा अभी नहीं की गई है।

भारत में विश्व विरासत स्थल

भारत अपनी समृद्ध इतिहास और विविध संस्कृति के लिए जाना जाता है। देश भर में कई ऐसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल मौजूद हैं, जिन्हें यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है। इनमें से कुछ प्रमुख स्थल हैं:

  • आगरा का किला
  • ताजमहल
  • कोणार्क सूर्य मंदिर
  • महाबोधि मंदिर
  • सांची का स्तूप
  • हम्पी के खंडहर
  • कजुराहो के मंदिर
  • फतेहपुर सीकरी

विश्व विरासत दिवस हमें यह याद दिलाता है कि ये धरोहरें ना सिर्फ पर्यटन स्थल हैं बल्कि हमारे इतिहास और संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। इन्हें संरक्षित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

आप विश्व विरासत दिवस को कैसे मना सकते हैं?

  • अपने आसपास के ऐतिहासिक या सांस्कृतिक स्थलों पर जाकर उनके महत्व को समझें।
  • अपने परिवार और दोस्तों को धरोहर स्थलों के भ्रमण के लिए प्रोत्साहित करें।

विश्व विरासत दिवस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है। यह हमें यह याद दिलाने का एक अवसर है कि हमें अपनी धरोहरों को सहेजने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए। आइए, मिलकर इन अमूल्य धरोहरों को आने वाली पीढ़ियों के लिए संजोएं।

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FAQs

विश्व विरासत दिवस 2024 कब मनाया जाएगा?

हर साल 18 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) मनाया जाता है। इस दिवस को स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for Monuments and Sites) के नाम से भी जाना जाता है।