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बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़: बैंकिंग सेक्टर में इस्तेमाल किए जाने वाले महत्वपूर्ण कोड (Different codes used in banking sector) – Part-2

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Different codes used in banking sector (Part-2) : Banking Awareness Series



हम सभी जानते है कि लगभग सभी बैंकिंग परीक्षाओं में अधिकांश सवाल बैंकिंग अवेयरनेस यानि बैंकिंग से जुड़ी हाल ही घटनाओं से पूछे जाते है, ऐसे में उम्मीदवारों के लिए जरुरी है कि वे हाल के Important Banking Event के बारे में अपडेट रहे और परीक्षा में पूछे गए सवालों का Confident के जवाब दें. Candidates की इसी बात को समझते हुए Adda247 की टीम ने आपके लिए तैयार की है सभी बैंकिंग परीक्षाओं के लिए बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़. 




इस सीरीज़ में, हम रोज़ाना (daily basis) आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण बैंकिंग अवेयरनेस टॉपिक्स लेकर आएंगे, इसी कड़ी में आज की हमारी इस सीरीज़ का टॉपिक- बैंकिंग सेक्टर में इस्तेमाल किए जाने वाले महत्वपूर्ण कोड (Different codes used in banking sector) – Part-2यदि आप किसी Goverment Bank Job में जाना चाहते है तो ये बहुत ही जरुरी हो जाता है कि आपको बैंकिंग सेक्टर में इस्तेमाल किए जाने वाले महत्वपूर्ण कोड (Different codes used in banking sector) – Part-2 के बारे में अच्छी Knowledge हो. इस आर्टिकल में आगे बैंकिंग कोड से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी यानी बेसिक फैक्ट्स दिए जा रहे हैं







बैंकिंग सेक्टर में इस्तेमाल किए जाने वाले महत्वपूर्ण कोड (Different codes used in banking sector) – Part-2

Cheque Number:

  • चेक नंबर 6 अंकों की एक संख्या होती है जिसका उपयोग चेक की पहचान करने के लिए किया जाता है. इसमें दिनांक, खाता संख्या, चेक राशि, चेक नंबर आदि का विवरण होता है, इस प्रकार यह बैंकिंग कार्यों के लिए चेक पहचानकर्ता के रूप में कार्य करता है.
  • चेक के निचले भाग में inverted commas के बीच चेक नंबर प्रिंट होता है; चेक नंबर चेक की स्थिति दर्शाता है। इसकी स्थिति MICR कोड के दाईं ओर चेक लीफ के नीचे है।

CIF Number (Customer Information Number):

  • CIF नंबर में ग्राहक (खाता धारक) की सभी जानकारी जैसे ऋण और डीमैट खाते से संबंधित विवरण, KYC विवरण (अपने ग्राहक को जानें) आदि जानकारी होती हैं। CIF नंबर, खाता खोलते के समय बैंक द्वारा जारी की जाने वाले खाताधारक की एक वर्चुल फ़ाइल होती है.
  • CIF नंबर आम तौर पर खाताधारक के अन्य विवरण के साथ पासबुक के फ्रंट पेज पर प्रिंट किया जाता है.
  • खाता धारक के बैंक को खाता धारक के CIF नंबर तक पहुँचने और आवश्यकता होने पर उसका विवरण चेक करने का एकमात्र अधिकार होता है. कोई भी खाताधारक अपने बैंक खातों को यूनिक CIF नंबर के तहत चेक कर सकता है.
  • यही कारण है कि CIF नंबर बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बैंक और उसके ग्राहकों के बीच पारदर्शिता बनाए रखता है और इस प्रकार किसी भी तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों से बचाता है.
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PAN Number (Permanent Account Number):

  • पैन एक विशेष 10 अल्फ़ान्यूमेरिक कॉम्बिनेशन कोड है, जिसे आयकर विभाग द्वारा आवंटित किया जाता है.
  • पैन नंबर एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के रूप में कार्य करता है जिसमें करदाता की कर संबंधी सभी जानकारी एक ही स्थान पर रखी जाती है.
  • इनकम टैक्स भरने के लिए पैन नंबर अनिवार्य होता है और साथ ही ये आईडी प्रूफ के रूप में भी मान्य है.
  • किसी प्रमुख वित्तीय लेनदेन के लिए जैसे बैंक खाता खोलना, किसी संपत्ति की बिक्री या खरीद, म्यूचुअल फंड में निवेश आदि के लिए पैन नंबर जरुरी होता है.
    10 अल्फा न्यूमेरिक कैरेक्टर पैन कार्ड पर निम्नानुसार डिज़ाइन किए गए हैं:

    • पहले 3 अक्षर A से Z के बीच के होते हैं,
    • चौथा लेटर कर दाता की श्रेणी के बारे में बताता है (व्यक्तिगत श्रेणी ‘P’ है),
    • 5 वां लेटर व्यक्ति करदाता के उपनाम के पहले अक्षर को दर्शाता है,
    • अगले 4 में 0001 से 9999 तक संख्याएँ होती हैं और
    • अंतिम 10 वां कैरेक्टर में वर्णमाला चेक संख्या होती है.

        BSR Code (Basic Statistical Return Code):

        • RBI द्वारा भारत में सभी पंजीकृत बैंकों को एक यूनिक BCR कोड जारी किया जाता है.
        • इस कोड का उपयोग सभी ऑनलाइन भुगतानों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है जो विभिन्न बैंकों द्वारा कर की ओर किए जाते हैं और आयकर विभाग को सचेत करते हैं.
        • BCR कोड का उपयोग बैंकों द्वारा भुगतान किए गए सभी करों को रिकॉर्ड करने के बाद चालान का विवरण अपलोड करने के लिए भी किया जाता है।
        • बीएसआर कोड में 7 अंक कोड होते हैं, जिसमें पहले 3 नंबर बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, फिर अगले और अंतिम 4 नंबर इसी बैंक की शाखा का प्रतिनिधित्व करते हैं
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