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Banking Awareness : क्या है प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग(Priority Sector Lending )

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What Is Priority Sector Lending?

बैंकिंग जागरूकता बैंकिंग परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण सेक्शन है, ज्यादातर बैंकिंग परीक्षाओं के मेंस में सामान्य जागरूकता सेक्शन होता है, जिसमें सबसे अधिक प्रश्न बैंकिंग जागरूकता से पूछे जाते हैं. इसलिए अच्छे स्कोर के लिए इस पर पकड़ बहुत जरुरी है इसके साथ ही इंटरव्यू में भी बैंकिंग क्षेत्र से कहीं से भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं. इस लेख के माध्यम से हम  Priority Sector Lending के बारे में बात करेंगे.



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प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग क्या है?

प्राथमिकता क्षेत्र एक देश के वे क्षेत्र हैं जिन्हें विकसित होने और समृद्ध होने के लिए समय पर और पर्याप्त लोन की आवश्यकता होती है. तो यह एक ऐसा तंत्र है जो किसी देश की अर्थव्यवस्था में पैसे के समय पर वितरण का आश्वासन देता है. एक निश्चित प्रतिशत है जो प्रत्येक बैंक को इन क्षेत्रों को लोन वितरित करके हासिल करना होता है.

RBI ने लोन के लिए कई क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है और बैंकों को कुछ निश्चित लक्ष्य दिए गए हैं, जिसके अनुसार बैंकों को इन क्षेत्रों में लोन उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए.

इन क्षेत्रों में ब्याज दर समय-समय पर RBI के बैंकिंग विनियमन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर तय की जाती है



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As notified by RBI on on December 28, 2018, given below are categories under priority sector

(i) कृषि (Agriculture)
(ii) माइक्रो (सूक्ष्म), लघु और मध्यम उद्यम (Micro, Small and Medium Enterprises)
(iii) निर्यात ऋण (Export Credit)
(iv) शिक्षा (Education)
(v) आवास (Housing)
(vi) सामाजिक बुनियादी संरचना (Social Infrastructure)
(vii) नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)
(viii) अन्य (Others)

शुरुआता में जब priority sector lending की बात रखी गई थी, तब कोई विशेष लक्ष्य निर्धारित नहीं किये गए थे. पहली बार सन 1974 के नवम्बर में इन  क्षेत्रों का हिस्सा बढ़ाने की सलाह गी गई. RBI ने 2016-17 से 2019-20 तक प्रति वर्ष ANBC के के 2 प्रतिशत का अतिरिक्‍त priority sector lending का टारगेट रखा है. जो अब 40% पहुँच गया है.

प्राथमिकता क्षेत्र के तहत बैंकों के लिए लक्ष्य(Targets) और उप-लक्ष्य(Sub-targets)

प्राथमिकता क्षेत्र के तहत बैंकों के लिए लक्ष्य और उप-लक्ष्य नीचे दिए गए हैं:

Categories घरेलू अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) एवं 20 और उससे अधिक शाखाओं वाले विदेशी बैंक 20 से कम शाखाओं वाले विदेशी बैंक
कुल प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र
(Total Priority Sector)
कुल ANBC में से समायोजित नेट बैंक क्रेडिट का 40 प्रतिशत या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर की क्रेडिट समतुल्य राशि, गणना के बाद जो भी अधिक होगा, माना जाएगा

2020 तक समायोजित नेट बैंक क्रेडिट या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर के समायोजित ANBC के कुल प्रतिशत का 40 प्रतिशत, जो भी गणना के बाद अधिक है, 2020 तक चरणबद्ध तरीके से प्राप्त किया जाना है
कृषि
(Agriculture Sector)
कुल ANBC में से, 18 प्रतिशत ANBC या क्रेडिट बैलेंस शीट ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर की राशि, जो भी गणना के बाद अधिक होगी.

कृषि के लिए 18 प्रतिशत लक्ष्य के भीतर, 8 प्रतिशत ANBC या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर की क्रेडिट समतुल्य राशि का लक्ष्य, जो भी अधिक है लघु और सीमांत किसानों के लिए निर्धारित है
It is Not applicable
माइक्रो उद्यम
(Micro Enterprises Sector)
कुल ANBC में से, ANBC का 7.5 प्रतिशत या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर की क्रेडिट समतुल्य राशि, जो भी गणना के बाद अधिक होगी. It is Not applicable
कमज़ोर वर्गों को अग्रिम
(Advances to Weaker Sections Sector)
कुल ANBC में से, ANBC का 10 प्रतिशत या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर की क्रेडिट समतुल्य राशि, जो भी गणना के बाद अधिक होगी. It is Not applicable
# घरेलू बैंकों को भारत के केंद्रीय बैंक द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि  non-corporate farmers को उनका overall direct lending पिछले तीन वर्षों की उपलब्धि के सिस्टम-वाइड औसत से कम न हो





प्राथमिकता क्षेत्र(priority sector) के अंतर्गत श्रेणियों का विवरण:

Agriculture – कृषि

  • RBI के अनुसार, कृषि के अंतर्गत आने वाली गतिविधियों को तीन उप-श्रेणियों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है- कृषि ऋण(Farm credit), कृषि बुनियादी ढाँचा(Agriculture infrastructure) और सहायक गतिविधियाँ(Ancillary activities)
  • वे लोग जो individual farmers हैं (जिनमें स्वयं सहायता समूह (SHG) या संयुक्त देयता समूह (JLGs) शामिल हैं, अर्थात व्यक्तिगत किसानों के समूह, बशर्ते कि बैंक ऐसे ऋणों  का अलग से ब्योरा रखते हों] कृषि और इससे संबंधित सेवाओं में अर्थात डेयरी, मत्स्य पालन, पशुपालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन और सेरीकल्चर.
  • कृषि और संबद्ध गतिविधियों (डेयरी, मत्स्य, पशुपालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन और सेरीकल्चर) में लगे सभी कॉरपोरेट्स, साझेदारी फर्मों और संस्थानों को ऋण प्रदान किया जाएगा.
      माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम(MSME)
      RBI के अनुसार, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा अधिसूचित निवेश की सीमाएँ नीचे दी गई हैं:

      विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing sector)
      उद्यम (Enterprises) संयंत्र और मशीनरी में निवेश
      Micro Enterprises 25 लाख रुपए से अधिक न हो
      Small Enterprises 25 लाख रुपए से अधिक परंतु 5 करोड़ रुपए से अधिक न हो
      Medium enterprise 5 करोड़ रुपए से अधिक परंतु 10 करोड़ रुपए से अधिक न हो
      सेवा क्षेत्र(Service Sector)
      उद्यम उपकरणों में निवेश
      Micro Enterprises 10 लाख रुपए से अधिक न हो
      Small Enterprises 10 लाख रुपए से अधिक परंतु 2 करोड़ रुपए से अधिक न हो
      Medium enterprise 2 करोड़ रुपए से अधिक परंतु 5 करोड़ रुपए से अधिक न हो


      Education –शिक्षण.


      व्यावसायिक पाठ्यक्रमों(vocational courses) सहित शिक्षा के प्रयोजनों के लिए व्‍यक्तियों को ₹ 10 लाख तक का लोन चाहे स्‍वीकृत राशि कुछ भी हो, प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग के लिए पात्र माना जाएगा.



      Housing- आवास


      • प्रति परिवार निवास क्षेत्र की खरीद/ निर्माण करने के लिए व्‍यक्तियों को महानगरीय केंद्रों (दश लाख और उससे अधिक की आबादी वाले) में ₹ 35 लाख  तक का लोन और अन्‍य केंद्रों में ₹ 25 लाख तक का लोन बशर्ते निवास क्षेत्र की समग्र सीमा महानगरीय केंद्रों और अन्‍य केंद्रों में क्रमश: ₹ 45 लाख और ₹ 30 लाख से अधिक न हो. बैंक के अपने कर्मचारी को स्वीकृत ऋण को इसमें शामिल नहीं करता है.
      • परिवारों के क्षतिग्रस्त निवास स्थल की मरम्मत के लिए महानगरीय केंद्रों में ₹5 लाख और अन्‍य केंद्रों में ₹2  लाख का लोन उपलब्ध कराया जाता है.


      Export Credit – निर्यात ऋण


      प्राथमिकता क्षेत्र के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए Export Credit को  20 से कम शाखाओं वाले विदेशी बैंकों द्वारा बढ़ाया जाता है.


      Others


      • बैंकों द्वारा व्यक्तियों और उनके SHG/JLG को सीधे दिए जानेवाले प्रति उधारकर्ता ₹ 50,000/- या इससे कम के लोन बशर्ते उधारकर्ता की घरेलू वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹ 0.1 मिलियन से अधिक न हो और  गैर-ग्रामीण क्षेत्रों में यह ₹ 0.16 मिलियन से अधिक न हो.
      • आपदाग्रस्त व्यक्तियों को लोन, जो एक लाख से अधिक का न हो.
      • अनुसूचित जातियों/ अनुसूचित जनजातियों के लिए राज्य प्रायोजित संगठनों को इन संगठनों के लाभार्थियों को निविष्टियों की खरीद और आपूर्ति और/या उनके उत्पादनों के विपणन के विशिष्ट प्रयोजन के लिए लोन की स्वीकृति.
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      Under Weaker Sections(कमज़ोर वर्ग) Category:

      भारत के केंद्रीय बैंक के अनुसार, निम्नलिखित उधारकर्ताओं के लिए प्राथमिताकता-प्राप्त क्षेत्र ऋण(Priority sector loans) सुविधा  है, कमजोर वर्ग श्रेणी के तहत विचार करने के लिए पात्र हैं: –
      No. श्रेणी (Category)
      1. छोटे और सीमान्त किसान
      2. जिनकी व्यक्तिगत कर्ज सीमा  0.1 मिलियन से अधिक न हो, ऐसे ग्रामीण और कुटीर उद्योग, काश्तकार
      3. सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं जैसे राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM), राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) और स्वच्छकारों की पुनर्वास के लिए स्‍व-रोजगार योजना (SRMS) के अंतर्गत लाभार्थी
      4. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियां
      5. विभेदक ब्याज दर (DRI) योजना के लाभार्थी
      6.  स्व-सहायता समूह (Self Help Groups)
      7. गैर संस्थागत उधारदाताओं(non-institutional lenders) के प्रति ऋणग्रस्त आपदाग्रस्त किसान
      8. गैर संस्थागत उधारदाताओं के प्रति ऋणग्रस्त किसानों को छोड़कर आपदाग्रस्त व्यक्तियों(Distressed persons) को अपने ऋण की पूर्व अदायगी हेतु ₹ 0.1 मिलियन से कम के ऋण।
      9. अलग-अलग महिला लाभार्थियों को प्रति उधारकर्ता ₹ 0.1 मिलियन तक के ऋण
      10. दिव्यांग व्‍यक्ति (Persons with disabilities)
      11. 18 से 65 वर्ष की आयु सीमा के साथ प्रधान मंत्री जन-धन योजना (PMJDY) खाता धारकों के लिए ₹ 10,000/- तक के ओवरड्राफ्ट,

      12. भारत सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित अल्‍पसंख्‍यक समुदाय(Minority communities )

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