23 April: World Book and Copyright Day 2020
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस (World Book and Copyright Day) प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल को मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के द्वारा पढ़ने, प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है.
2020 के लिए वर्ल्ड बुक कैपिटल: Kuala Lumpur, Malaysia
हर साल यूनेस्को और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन जो पुस्तकों के प्रकाशन और पुस्तकों के विक्रेता उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हैं 1 वर्ष के लिए World Book Capital का चुनाव करते हैं. इस वर्ष युक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट un.org के अनुसार 23 अप्रैल से 1 वर्ष, 2020 के लिए क्वालालंपुर, मलेशिया को World Book Capital बनाया गया है.
“The city of Kuala Lumpur in Malaysia was selected because of the strong focus on inclusive education, the development of a knowledge-based society and accessible reading for all parts of the city’s population.”
2020 के लिए Slogan – “KL Baca – caring through reading”
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विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास
सबसे पहले विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को जनरल कॉन्फ्रेंस के दौरान मनाया गया, जिसके माध्यम से लेखकों और पुस्तकों को श्रद्धांजलि और सम्मान दिया गया. भारत में यह दिवस 2001 से मनाना शुरू किया.
इस सम्बन्ध में अनेक कथाएं प्रचलित है, जैसे सबसे पहले 23 अप्रैल 1923 को मिगुएल डे सर्वंट्स (Miguel de Cervantes) के सम्मान में स्पेन के बुकसेलर्स ने इस दिन को सेलिब्रेट किया और मिगुएल डे सर्वंट्स को श्रद्धांजलि दी. इस दिन उनका निधन हुआ था. यूनेस्को ने भी 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में चुना क्योंकि 23 अप्रैल को ही विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare), मिगुएल डे सर्वंट्स (Miguel de Cervantes) और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा (Inca Garcilaso de la Vega) जैसे महान लेखकों का निधन हुआ. इस दिन के माध्यम से उन सभी को श्रद्धांजलि दी गई.
क्या है कॉपीराइट का अर्थ
यह एक कानूनी प्रक्रिया है, जो लगभग सभी सरकार लागू करती हैं, जो लेखकों या रचनाकारों को सीमित समय के लिए विशेष अधिकार प्रदान करती है. इसके माध्यम से कॉपी करने का अधिकार है दिया जाया जाता है.. यह कॉपीराइट धारक को कार्य और अन्य, संबंधित अधिकारों के लिए श्रेय दिए जाने का अधिकार भी प्रदान करता है.
क्यों जरुरी है विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस
किताबों को मनुष्य का सबसे अच्छा दोस्त कहा जाता है, फिर भी आज की आधुनिकता में कंप्यूटर, टैब, मोबाइल आदि ने मनुष्य को किताबों से इतना दूर कर दिया है कि मनुष्यों की सबसे अच्छी दोस्त कही जाने वाली पुस्तकों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाना पड़ रहा है. आज किताबों से हम लगातार दूरियां बढ़ा रहे हैं. इस सम्बन्ध में गुलज़ार में एक कविता भी लिखी थी. जिसकी कुछ पंक्तियाँ हम यहाँ साझा कर रहे है –
किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं
अब अक्सर गुज़र जाती है कम्प्यूटर के पर्दों पर
पुस्तक हमें जीवन जीने की कला सिखाती है साथ ही यह हमारे समज का दर्पण होती है. पुस्तकें न सिर्फ जीवन जीने की कला बल्कि जीवन में एक बेहतर मनुष्य बनने के लिए प्रेरित करती है.
इस lockdown में किताबों से करें दोस्ती –
इस समय जब पूरी दुनिया घर में रहने के लिए मजबूर है, ऐसे में आप बुक्स से दोस्ती कर सकते है. किताबे न सिर्फ सीखने के लिए बल्कि मनोरंजन करने और बोरियत दूर करने का सबसे अच्छा संसाधन है. खेल-खेल में यह जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने में मदद कर सकती है. साथ ही धैर्य और साहस के लिए लिए आपको बौद्धिक रूप से मजबूत बनती हैं. मस्तिष्क के सर्वांगीण विकास के लिए सबसे अच्छा संसाधन किताबों को मना जाता है. यह सही और गलत में फर्क करने में भी मदद करते है साथ ही जीवन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित भी करते है. इस लिए आप इस समय जब आप घर पर रहने के लिए मजबूर है तो आप किताबों को अपना दोस्त बना सकते है.
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