World Earth Day 2020: Learn Its Date, Theme & Significance on the Event’s 50th Anniversary
पृथ्वी जिसके बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, उसी पृथ्वी को बचाने के लिए, उसके प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. आज जब लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं और प्रदुषण बढ़ता जा रहा है, उत्तरी ध्रुव की ठोस बर्फ़ का पिघलना, ओज़ोन परत में छेद हो गया, ग्लोबल वार्मिग आदि की वजह से इस दिन का महत्त्व और बढ़ जाता है. प्राकृतिक सम्पदा के अत्यधिक दोहन से स्थिति बिगड़ती जा रही है ऐसे में जरुरी है कि हम इस पर विचार करें कि प्रकृति को और अधिक नुकसान न पहुंचाएं.
The theme of World Earth Day 2020 (पृथ्वी दिवस 2020 थीम) :
इस ख़ास दिन को मानाने के लिए प्रति वर्ष एक थीम या विषय रखा जाता है, इस वर्ष पृथ्वी दिवस की थीम Climate Action है. जबकि पिछले वर्ष Protect Our Species इस दिन के लिए विषय था.
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पृथ्वी दिवस का इतिहास
पृथ्वी के पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए 1970 में पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत अमेरिका में हुई थी. इसकी शुरुआत अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन के द्वारा की गई थी. जिसके माध्यम से पर्यावरण शिक्षा प्रदान की जा सके. अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने सिएटल, वाशिंगटन में एक सम्मलेन में सितम्बर, 1969 में यह घोषणा की कि 1970 ई. की वसंत ऋतु में पर्यावरण पर राष्ट्रव्यापी जन साधारण प्रदर्शन किया जायेगा. इसके साथ ही पर्यावरण दिवस की शुरुआत हुई.
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लॉकडाउन से पर्यावरण प्रदुषण में आई कमी –
इस समय पूरी दुनिया में अधिकांश देशों को कोरोना के चलते पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से परिवहन और फैक्ट्रियां भी बंद हो गईं हैं. इसके साथ ही बाजार भी बंद है, जिसकी वजह से पॉलीथिन का प्रयोग भी कम हो रहा है. इसका असर यह है कि पर्यावरण में लगातार सुधार हो रहा है. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी माना कि इस लॉकडाउन की वजह से खराब वायु गुणवत्ता इंडेक्स में सुधार हुआ है. इसके साथ ही नदियों का पानी भी 50 फीसदी शुद्ध हो गया है. मीथेन उत्सर्जन में 35% की कमी आई है वहीँ वायु प्रदूषकों में 5 से 10 प्रतिशत की गिरावट हुई है.
इसका अर्थ यह है कि हमें पर्यावरण को बचाना नहीं है, बस हमें प्रदूषित नहीं करना और प्रकृति खुद अपने आप शुद्ध हो जाएगी. इस lockdown का मानव जीवन में बहुत बुरा असर पड़ा हो पर इसकी वजह से प्रकृति एक बार फिर से जीवित हो उठी है. चिड़ियों की चहकने के आवाज फिर से सुनाई देने लगी है. आसमान में तारे दिखने लगें हैं. इस प्रकार के विचारों के साथ आप इस lockdown को भी सकारात्मक रूप में देख सकते हैं.
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