भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (संक्षेप में- इसरो), भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है, जिसका मुख्यालय बंगलौर में है। ISRO का फुल फॉर्म Indian Space Research Organization (ISRO) है, इसरो का गठन 1969 में किया गया था. इस संस्थान में लगभग 17 हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक कार्यरत हैं। संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष सम्बधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है। इस संगठन को खड़ा करने का उद्देश्य ग्रहों की खोज और अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास और दोहन करना था. इसरो की सभी लॉन्चिंग (प्रक्षेपण) चेन्नई के पास श्रीहरिकोटा द्वीप पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में की जाती हैं। हम इस आर्टिकल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के इतिहास, उद्देश्य और कुछ उपलब्धियों के बारे में आपको बता रहे हैं :
इसरो के बारे में – ISRO
इसरो का इतिहास (History of ISRO in Hindi)
जैसा कि हम अब तक जानते हैं कि इसरो का गठन 1969 में हुआ था। पहला भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट था। इसे इसरो द्वारा बनाया गया था और 19 अप्रैल, 1975 को सोवियत संघ की मदद से लॉन्च किया गया था। 1980 में, रोहिणी लंच की गई थी, यह एसएलवी -3 द्वारा सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित होने वाला पहला उपग्रह था, जो भारतीय का अन्तरिक्ष यान था। 20 मई, 1992 को ISRO ने ऑगमेंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ASLV) और इनसेट-2A लॉन्च किया। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल वैज्ञानिक स्वर्गीय ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने ISRO में SLV-3 परियोजना का नेतृत्व किया था, और बाद में भारत के मिसाइल कार्यक्रम को निर्देशित करने के लिए DRDO में चले गए।
इसरो का उद्देश्य (Motive of ISRO):
इसरो का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय कार्यों के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोग का उपयोग करना है। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम विक्रम साराभाई की दृष्टि से प्रेरित था, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है।
- उपग्रह के माध्यम से जन संचार और शिक्षा।
- इसरो अक्सर दूरसंवेदी प्रौद्योगिकी, पर्यावरण निगरानी और मौसम संबंधी पूर्वानुमान के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों का नियंत्रण और प्रबंधन करता है।
- स्वदेशी उपग्रहों और उपग्रह प्रक्षेपण यान का विकास।
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इसरो की उपलब्धियां (Achievements of ISRO)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अपने अंतरिक्ष कौशल और नवाचार को दिखाकर हमारे देश को कई गर्व करने वाला क्षण दिया है। पिछले कुछ वर्षों में, इसरो की उपलब्धियों ने अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए भी मानक समानता हासिल की है। पिछले कुछ वर्षों में इसरो की कुछ उपलब्धिया निम्नलिखित हैं।
- वर्ष 2017 में, इसरो ने एक ही मिशन में 104 उपग्रहों को लॉन्च करके विश्व रिकॉर्ड बनाया।
- वर्ष 2014 में, इसरो अपने पहले प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल पर पहुंचने वाला पहला देश बना। मार्स ऑर्बिटर मिशन या MOM का बजट महज 450 करोड़ रु. था।
- इसरो द्वारा शुरू किया गया, इनसैट बहुउद्देश्यीय भूस्थैतिक उपग्रहों की एक श्रृंखला है। यह दूरसंचार, प्रसारण, मौसम विज्ञान और बचाव कार्यों में मदद करता है।
- ISRO ने दिसंबर 2014 को GSLV-MK3 लॉन्च किया, जिसमें एक भारतीय निर्मित क्रू कैप्सूल है। यह अंतरिक्ष में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को ले जा सकता है। इसरो के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, गगनयान को 2021 में अपनी पहली परीक्षण उड़ान के लिए योजना बनाई गई है।
- 22 अक्टूबर 2008 को, ISRO ने 312 दिनों का मानव रहित चंद्र अभियान शुरू किया। यह चंद्रमा पर भारत का पहला मिशन था और एक पथ-ब्रेकिंग स्पेस मिशन भी था। इसरो यह प्रयास करने वाले केवल छह अंतरिक्ष संगठनों में से एक बन गया।
FAQs about ISRO | अक्सर पूछे गए प्रश्न
Q. ISRO, DRDO और NASA का फुल-फॉर्म क्या है?
- ISRO: Indian Space Research Organization
- DRDO: Defence Research and Development Organisation
- NASA: National Aeronautics and Space Administration
Q. ISRO का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
ISRO का मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है।
Q. ISRO द्वारा लॉन्च किया गया पहला उपग्रह(satellite) कौन सा था?
इसरो द्वारा प्रक्षेपित पहला उपग्रह आर्यभट्ट था।
Q. ISRO के संस्थापक कौन थे?
इसरो के संस्थापक विक्रम साराभाई थे।
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