आज के समय में बैंकिंग प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा एटीएम है. cash को जमा करने और निकलने का यह बेस्ट साधन है. आज के समय में लोग ज्यादा नगद रखन पसंद नहीं करते हैं जिसका सबसे बढ़ा फ़ायदा यह है कि चोरी होने या गिरने का खतरा नहीं होता है.
डिजिटल इंडिया की पहल के तहत, मुद्रा का physical exchange बहुत कम हो गया है क्योंकि अब आप केवल एक क्लिक के माध्यम से एक खाते से दूसरे खाते में आसानी से धन transit कर सकते हैं. बैंकिंग की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को विभिन्न प्रकार के एटीएम की जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि बैंकिंग परीक्षाओं में इनसे सम्बंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं. इसके साथ ही इंटरव्यू में भी इससे सम्बंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं.
ATM से जुड़े महत्वपूर्ण फैक्ट्स
- बैंक में एटीएम की अधिकतम संख्या है: State Bank Of India
- एटीएम की सर्वाधिक संख्या वाला राज्य: Maharashtra
- भारत का पहला बात करने वाला एटीएम : Ahmedabad, launched by Union Bank Of India
- केवल वह देश जहां आप भारत से NEFT कर सकते हैं: Nepal
एटीएम क्या है?
ATM का Full Form – Automated Teller Machine
ATM ऑटोमेटेड टेलर मशीन है जो एक कम्प्यूटरीकृत मशीन है जो बैंकों के ग्राहकों को नकदी का वितरण करने, अपने खाते तक पहुंचने और अन्य वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन करने की सुविधा प्रदान करती है, जिससे आपको उनकी बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
एटीएम में इस्तेमाल होने वाले कार्ड के प्रकार
बैंकों द्वारा जारी किए गए ATM cum debit cards, credit cards और open prepaid cards (नकद निकासी की अनुमति) का उपयोग विभिन्न लेनदेन के लिए एटीएम में किया जा सकता है.
ATM के प्रकार –
भारत में कई प्रकार के ATM हैं, जो विभिन्न सुविधाओं और तकनीकी उपयोग के आधार पर भिन्न-भिन्न हैं। इन ATMs का उद्देश्य ग्राहकों को विभिन्न स्थानों और आवश्यकताओं के अनुसार सुविधाएं प्रदान करना है। यहाँ भारत में उपलब्ध प्रमुख ATM के प्रकार दिए गए हैं:
1. ऑन-साइट ATM
- ये ATMs बैंकों की शाखाओं के भीतर स्थित होते हैं। ग्राहक शाखा में जाकर अन्य बैंकिंग कार्य भी कर सकते हैं और इसी परिसर में ATM का उपयोग कर सकते हैं।
2. ऑफ-साइट ATM
- ये ATMs बैंक शाखाओं के बाहर किसी अन्य जगह जैसे मॉल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, आदि में स्थित होते हैं। इनका उद्देश्य ग्राहकों को बैंक शाखा से दूर रहकर भी बैंकिंग सुविधा प्रदान करना है।
3. ब्राउन लेबल ATM
- इन ATMs का स्वामित्व बैंकों का नहीं होता, बल्कि ये किसी अन्य सेवा प्रदाता द्वारा संचालित होते हैं। हालांकि, इन ATMs पर बैंक का लोगो होता है और इनके लेन-देन का डाटा बैंक के सिस्टम से जुड़ा रहता है।
4. व्हाइट लेबल ATM
- ये ATMs गैर-बैंकिंग संस्थानों द्वारा लगाए जाते हैं। इन पर किसी विशेष बैंक का लोगो नहीं होता। इन ATMs के जरिए ग्राहक सभी बैंकों के कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। भारत में टाटा इंडिकैश पहला व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटर है।
5. ग्रीन लेबल ATM
- ये ATMs विशेष रूप से कृषि क्षेत्र के लेन-देन के लिए बनाए गए हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से कृषि से संबंधित लेन-देन के लिए किया जाता है।
6. ऑरेंज लेबल ATM
- ये ATMs शेयर और सिक्योरिटी लेन-देन के लिए उपयोग किए जाते हैं। इन ATMs को आमतौर पर वित्तीय संस्थान स्थापित करते हैं जो शेयर मार्केट के साथ कार्य करते हैं।
7. पिंक लेबल ATM
- पिंक लेबल ATMs केवल महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधा जनक होते हैं। इनका उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित और विशेष सुविधा प्रदान करना है।
8. बायोमेट्रिक ATM
- ये ATMs बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण जैसे कि फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन का उपयोग करते हैं। इनका उपयोग उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां साक्षरता की कमी है या लोग कार्ड पिन का उपयोग नहीं कर सकते।
9. यलो लेबल ATM
- ये ATMs ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन्स के लिए डिजाइन किए गए हैं। इनका उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग के भुगतान के लिए किया जा सकता है।
10. मोबाइल ATM
- ये ATM मोबाइल वैन में होते हैं और ग्रामीण इलाकों या ऐसे क्षेत्रों में पहुँचते हैं जहां बैंकिंग की सुविधा नहीं होती। विशेष मौकों या आपात स्थितियों में भी इनका उपयोग किया जाता है।
11. एन-लाइब्रे ATM
- एन-लाइब्रे ATMs उन ATM मशीनों को कहा जाता है जो किसी विशेष बैंक का हिस्सा नहीं होते हैं। इन पर कोई बैंक लोगो नहीं होता, पर ग्राहक विभिन्न बैंकों के कार्ड का उपयोग कर सकते हैं।