IBPS RRB की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. ऐसे में आपकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए हम आपके लिए हिंदी की प्रश्नोतरी लाये है. आपनी तैयारी को तेज करते हुए अपनी सफलता सुनिश्चित कीजिये…
क्यों न हम यह स्वीकार करें कि प्रकृति ने अपने अक्षय भण्डार को मानव-मात्र के लिए अनावृत्त कर रखा है? प्रकृति के प्रति प्रतियोगिता या प्रतिस्पर्धा का भाव क्यों रखा जाए? वस्तुतः प्रकृति के प्रति सहयोगी, कृतज्ञ तथा सदाशय होकर ही मनुष्य अपनी भीतरी प्रकृति को राग-द्वेष से मुक्त करता है और स्पर्धा को प्रेम में बदलता है। आज आणविक प्रौद्योगिकी को मानव कल्याण का साधन बनाने की अत्यन्त आवश्यकता है। यह तभी सम्भव है जब मनुष्य की बौद्धिकता के साथ-साथ उसकी रागात्मकता का विकास हो। रवीन्द्र और गाँधी का यही सन्देश है। ‘कामायनी’ के रचयिता जयशंकर प्रसाद ने श्रद्धा और इड़ा के समन्वय पर बल दिया है। मानवता की रक्षा और उसके विकास के लिए पूरब-पश्चिम का सम्मिलन आवश्यक है। तभी कवि पन्त का यह कथन चरितार्थ हो सकेगा-
‘मानव तुम सबसे सुन्दरतम’।
1. उपरिलिखित अवतरण का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक हो सकता है-
(a)पूरब-पश्चिम का सम्मिलन
(b)मानव-उत्पीड़न से मुक्ति
(c)पूरब-पूरब है पश्चिम-पश्चिम है
(d)मानव तुम सबसे सुन्दरतम्
2. मनुष्य का एक साथ दैहिक और आत्मिक विकास निम्नांकित कथन की क्रियान्विति से ही सम्भव है-
(a)पूँजीवाद और साम्यवाद के समन्वय से
(b)पूरब और पश्चिम के समन्वय से
(c)तन्त्र और मन्त्र के समन्वय से
(d)लोक और परलोक के समन्वय से
3. पश्चिम के पास अभाव है-
(a)आध्यात्मिक सम्पदा का
(b)भौतिक सुख-सुविधाओं का
(c)यान्त्रिक सभ्यता का
(d)वैज्ञानिक प्रगति का
4. प्रकृति के प्रति श्रेयस्कर है मनुष्य का-
(a)रागात्मक भाव
(b)कृतज्ञता भाव
(c)स्पर्धा भाव
(d)असूया भाव
5. भौतिक साधन विपन्नता से मुक्ति के लिए आज अनिवार्य है-
(a)आणविक शस्त्रास्त्रों का निर्माण
(b)परलोकवादी विचारधारा का त्याग
(c)पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण
(d)प्रौद्योगिकी का ग्रहण
6. मनुष्य मात्र के दुःखों एवं अभावों के प्रति संदेनशीलता से सप्राण एवं सार्थक बन सकती है हमारी-
(a)प्रौद्यौगिकी क्षेत्र की प्रगति
(b)प्रकृति से प्रतिस्पर्धा
(c)आध्यात्मिकता
(d)भौतिक सम्पन्नता
7. वर्तमान युग में अध्यात्मवाद सार्थकता प्राप्त कर सकता है-
(a)लोकहित भावना से सम्पन्न होकर
(b)प्रकृति पर विजयी होकर
(c)जीवन से पलायन करके
(d)विरक्तिमूलक अध्यात्म को अपना करके
8. मैत्री, करूणा और अहिंसा को अपनाने से दूर की सम्भावना है-
(a)प्राच्य भौतिकवाद के दैन्य की
(b)पश्चिमी भौतिकवाद की विपन्नता की
(c)पश्चिमी अध्यात्मवाद की विपन्नता की
(d)पूरबी अध्यात्मवाद की विपन्नता की
9. पश्चिमी की प्रौद्योगिकी और पूरब की धर्म-चेतना का समन्वय आवश्यक है-
(a)प्रौद्योगिकी और अध्यात्म के समन्वय के लिए
(b)यान्त्रिकता और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए
(c)मानवता की रक्षा और विकास के लिए
(d)बौद्धिकता और रागात्मकता के समन्वय के लिए
10. श्रद्धा और इड़ा के समन्वय से कवि का अभिप्रेत है-
(a)भौतिकी और रसायन का
(b)रागात्मकता और बौद्धिकता का
(c)रागात्मकता और विरागात्मकता का
(d)सहृदयता और कर्मठता का