IBPS RRB 2017 के लिए हिंदी प्रश्नोत्तरी
प्रिय पाठकों !!
IBPS RRB की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. ऐसे में आपकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए हम आपके लिए हिंदी की प्रश्नोतरी लाये है. आपनी तैयारी को तेज करते हुए अपनी सफलता सुनिश्चित कीजिये…
निर्देश (1-5) : नीचे दिए गए प्रत्येक
प्रश्न में शब्दों का एक समूह या कोई वाक्यांश मोटे अक्षरों में लिखा गया है.
वाक्य के नीचे (a), (b), (c), या (d) विकल्प दिए गए हैं. इनमें से उस विकल्प का
चयन कीजिए जो कि वाक्य में मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह ले ले. अगर कोई विकल्प उस
मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह नहीं ले सकता हो तो उत्तर (e) दीजिए अर्थात् ‘संशोधन आवश्यक नहीं’.
प्रश्न में शब्दों का एक समूह या कोई वाक्यांश मोटे अक्षरों में लिखा गया है.
वाक्य के नीचे (a), (b), (c), या (d) विकल्प दिए गए हैं. इनमें से उस विकल्प का
चयन कीजिए जो कि वाक्य में मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह ले ले. अगर कोई विकल्प उस
मोटे अक्षरों वाले भाग की जगह नहीं ले सकता हो तो उत्तर (e) दीजिए अर्थात् ‘संशोधन आवश्यक नहीं’.
Q1. बहुत से
लोगों की गिर उठ जाने के बाद ही आंखें खुलती हैं.
लोगों की गिर उठ जाने के बाद ही आंखें खुलती हैं.
(a)
तोड़ फोड़ के बाद
तोड़ फोड़ के बाद
(b)
सबक सिखाने उपरांत
सबक सिखाने उपरांत
(c)
अपनी ढफली बजाने के बाद
अपनी ढफली बजाने के बाद
(d)
ठोकर खाने के बाद
ठोकर खाने के बाद
(e)
संशोधन आवश्यक नहीं
संशोधन आवश्यक नहीं
Q2. अच्छे
आदमियों को अपने मुँह मियाँ लड्डू बनना शोभा नहीं देता.
आदमियों को अपने मुँह मियाँ लड्डू बनना शोभा नहीं देता.
(a)
अपने दांत निपोरना
अपने दांत निपोरना
(b)
अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना
अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना
(c)
अपनी खाल खींचना
अपनी खाल खींचना
(d)
अपने सुर में सुर मिलाना
अपने सुर में सुर मिलाना
(e)
संशोधन आवश्यक नहीं
संशोधन आवश्यक नहीं
Q3. युवकों को
अपने पैरों पर चल कर ही विवाह करना चाहिए.
अपने पैरों पर चल कर ही विवाह करना चाहिए.
(a)
अपनी इच्छा शक्ति से
अपनी इच्छा शक्ति से
(b)
अपना डेरा जमा कर
अपना डेरा जमा कर
(c)
अपने पैरों पर खडे़ होन पर
अपने पैरों पर खडे़ होन पर
(d)
अपना घर बसा कर
अपना घर बसा कर
(e)
संशोधन आवश्यक नहीं
संशोधन आवश्यक नहीं
Q4. मेरा दोस्त
अचानक बाजार में मिल गया, कहने लगा तुम
तो यार दूज के चांद हो गए हो.
अचानक बाजार में मिल गया, कहने लगा तुम
तो यार दूज के चांद हो गए हो.
(a)
ईद के चांद हो गए हो
ईद के चांद हो गए हो
(b)
खा खा कर गोलगप्पा हो गए हो
खा खा कर गोलगप्पा हो गए हो
(c)
किस मिट्टी के बने हो
किस मिट्टी के बने हो
(d)
सूखकर कांटा हो गए हो
सूखकर कांटा हो गए हो
(e)
संशोधन आवश्यक नहीं
संशोधन आवश्यक नहीं
Q5. मैंने उसके
मुँह पर सच सच कह दिया, तो वह मुझे
आंख दिखाने लगा.
मुँह पर सच सच कह दिया, तो वह मुझे
आंख दिखाने लगा.
(a)
मारने लगा
मारने लगा
(b)
नीचा दिखाने लगा
नीचा दिखाने लगा
(c)
गोपनीय बात बताने लगा
गोपनीय बात बताने लगा
(d)
मक्कारी पर उतर आया
मक्कारी पर उतर आया
(e)
संशोधन आवश्यक नहीं
संशोधन आवश्यक नहीं
निर्देश (6-10) : नीचे दिए गए गद्यांश को
ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए. दिए गए विकल्पों में
से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए.
ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए. दिए गए विकल्पों में
से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए.
भाषा का प्रयोग दो रूपों में किया जा सकता
है-एक तो सामान्य जिससे लोक में व्यवहार होता है तथा दूसरा रचना के लिए जिसमें
प्राय: आलंकारिक भाषा का प्रयोग किया जाता है. राष्ट्रीय भावना के अभ्युदय एवं
विकास के लिए सामान्य भाषा एक प्रमुख तत्व है. मानव समुदाय अपनी संवेदनाओं, भावनाओं एवं विचारों की अभिव्यक्ति हेतु
भाषा का साधन अपरिहार्यत: अपनाता है. इसके अतिरिक्त उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं
है. दिव्य-ईश्वरीय आनंदानुभूति के संबंध में भले ही कबीर ने ‘गूगे कोरी शर्करा‘ उक्ति का प्रयोग किया था, पर इससे उनका लक्ष्य शब्द-रूपा भाषा के
महत्व को नकारना नहीं था. प्रत्युत उन्होंने भाषा को ‘बहता नीर’ कह कर भाषा की गरिमा प्रतिपादित की थी. विद्वानों की
मान्यता है कि भाषा तत्व राष्ट्रहित के लिए अत्यावश्यक है. जिस प्रकार किसी एक
राष्ट्र के भू-भाग की भौगोलिक विविधताएँ तथा उसके पर्वत, सागर, सरिताओं आदि की बाधाएँ उस राष्ट्र के निवासियों के परस्पर
मिलने-जुलने में अवरोध सिद्ध हो सकती है. उसी प्रकार भाषागत विभिन्नता से भी उनके
पारस्परिक सम्बन्धों में निर्बधता नहीं रह पाती. आधुनिक विज्ञानयुग में यातायात
एवं संचार के साधनों की प्रगति से भौगोलिक-बाधाएँ अब पहले की तरह बाधित नहीं
करतीं. इसी प्रकार यदि राष्ट्र की एक सम्पर्क भाषा का विकास हो जाए तो पारस्परिक
सम्बन्धों के गतिरोध बहुत सीमा तक समाप्त हो सकते हैं.
है-एक तो सामान्य जिससे लोक में व्यवहार होता है तथा दूसरा रचना के लिए जिसमें
प्राय: आलंकारिक भाषा का प्रयोग किया जाता है. राष्ट्रीय भावना के अभ्युदय एवं
विकास के लिए सामान्य भाषा एक प्रमुख तत्व है. मानव समुदाय अपनी संवेदनाओं, भावनाओं एवं विचारों की अभिव्यक्ति हेतु
भाषा का साधन अपरिहार्यत: अपनाता है. इसके अतिरिक्त उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं
है. दिव्य-ईश्वरीय आनंदानुभूति के संबंध में भले ही कबीर ने ‘गूगे कोरी शर्करा‘ उक्ति का प्रयोग किया था, पर इससे उनका लक्ष्य शब्द-रूपा भाषा के
महत्व को नकारना नहीं था. प्रत्युत उन्होंने भाषा को ‘बहता नीर’ कह कर भाषा की गरिमा प्रतिपादित की थी. विद्वानों की
मान्यता है कि भाषा तत्व राष्ट्रहित के लिए अत्यावश्यक है. जिस प्रकार किसी एक
राष्ट्र के भू-भाग की भौगोलिक विविधताएँ तथा उसके पर्वत, सागर, सरिताओं आदि की बाधाएँ उस राष्ट्र के निवासियों के परस्पर
मिलने-जुलने में अवरोध सिद्ध हो सकती है. उसी प्रकार भाषागत विभिन्नता से भी उनके
पारस्परिक सम्बन्धों में निर्बधता नहीं रह पाती. आधुनिक विज्ञानयुग में यातायात
एवं संचार के साधनों की प्रगति से भौगोलिक-बाधाएँ अब पहले की तरह बाधित नहीं
करतीं. इसी प्रकार यदि राष्ट्र की एक सम्पर्क भाषा का विकास हो जाए तो पारस्परिक
सम्बन्धों के गतिरोध बहुत सीमा तक समाप्त हो सकते हैं.
मानव-समुदाय को एक जीवित-जाग्रत एवं
जीवन्त शरीर की संज्ञा दी जा सकती है. उसका अपना एक निश्चित व्यक्तित्व होता है.
भाषा अभिव्यक्ति के माध्यम से इस व्यक्तित्व को साकार करती है, उसके अमूर्त मानसिक वैचारिक स्वरूप को
मूर्त एवं बिम्बात्मक रूप प्रदान करती है. मनुष्यों के विविध समुदाय हैं, उनकी विविध भावनाएँ हैं, विचारधाराएँ हैं, संकल्प एवं आदर्श हैं, उन्हें भाषा ही अभिव्यक्त करने में सक्षम
होती है. साहित्य, शस्त्र, गीत-संगीत आदि में मानव-समुदाय अपने
आदर्शो, संकल्पनाओं, अवधारणाओं एवं विषिष्टताओं को वाणी देता
है, पर क्या भाषा के अभाव
में काव्य, साहित्य, संगीत आदि का अस्तित्व सम्भव है? वस्तुतः ज्ञानराशि एवं भावराशि का अपार
संचित कोष जिसे साहित्य का अभिधान दिया जाता है, शब्द रूप ही तो है. अत: इस सम्बन्ध में वैमत्य की किचित्
गुंजाइश नहीं है कि भाषा ही एक ऐसा साधन है जिससे मनुष्य एक-दूसरे के निकट आ सकते
हैं, उनमें परस्पर घनिष्ठता
स्थापित हो सकती है. यही कारण है कि एक भाषा बोलने एवं समझने वाले लोग परस्पर
एकानुभूती रखते हैं, उनके विचारों
में ऐक्य रहता है. अत: राष्ट्रीय भावना के विकास के लिए भाषा तत्व परम आवश्यक है.
जीवन्त शरीर की संज्ञा दी जा सकती है. उसका अपना एक निश्चित व्यक्तित्व होता है.
भाषा अभिव्यक्ति के माध्यम से इस व्यक्तित्व को साकार करती है, उसके अमूर्त मानसिक वैचारिक स्वरूप को
मूर्त एवं बिम्बात्मक रूप प्रदान करती है. मनुष्यों के विविध समुदाय हैं, उनकी विविध भावनाएँ हैं, विचारधाराएँ हैं, संकल्प एवं आदर्श हैं, उन्हें भाषा ही अभिव्यक्त करने में सक्षम
होती है. साहित्य, शस्त्र, गीत-संगीत आदि में मानव-समुदाय अपने
आदर्शो, संकल्पनाओं, अवधारणाओं एवं विषिष्टताओं को वाणी देता
है, पर क्या भाषा के अभाव
में काव्य, साहित्य, संगीत आदि का अस्तित्व सम्भव है? वस्तुतः ज्ञानराशि एवं भावराशि का अपार
संचित कोष जिसे साहित्य का अभिधान दिया जाता है, शब्द रूप ही तो है. अत: इस सम्बन्ध में वैमत्य की किचित्
गुंजाइश नहीं है कि भाषा ही एक ऐसा साधन है जिससे मनुष्य एक-दूसरे के निकट आ सकते
हैं, उनमें परस्पर घनिष्ठता
स्थापित हो सकती है. यही कारण है कि एक भाषा बोलने एवं समझने वाले लोग परस्पर
एकानुभूती रखते हैं, उनके विचारों
में ऐक्य रहता है. अत: राष्ट्रीय भावना के विकास के लिए भाषा तत्व परम आवश्यक है.
Q6. उपर्युक्त
अनुच्छेद का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक है
अनुच्छेद का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक है
(a)
राष्ट्रीयता और भाषा-तत्व
राष्ट्रीयता और भाषा-तत्व
(b)
बहता नीर भाषा का
बहता नीर भाषा का
(c)
व्यक्तित्व-विकास और भाषा
व्यक्तित्व-विकास और भाषा
(d)
साहित्य और भाषा तत्व
साहित्य और भाषा तत्व
(e)
इनमें से कोई नहीं
इनमें से कोई नहीं
Q7. मानव के
पास अपने भावों, विचारों, आदशों आदि को सुरक्षित रखने के सशक्त
माध्यम है—
पास अपने भावों, विचारों, आदशों आदि को सुरक्षित रखने के सशक्त
माध्यम है—
(a)
कला और शैली
कला और शैली
(b)
भाषा और साहित्य
भाषा और साहित्य
(c)
साहित्य शास्त्र एवं संगीत
साहित्य शास्त्र एवं संगीत
(d)
व्यक्तित्व एवं चरित्र
व्यक्तित्व एवं चरित्र
(e)
इनमें से कोई नहीं
इनमें से कोई नहीं
Q8. ‘भाषा बहता नीर’ से आशय है–
(a)
लालित्यपूर्ण भाषा
लालित्यपूर्ण भाषा
(b)
साधुक्कडी भाषा
साधुक्कडी भाषा
(c)
सरल-प्रवाहमयी भाषा
सरल-प्रवाहमयी भाषा
(d)
तत्समनिष्ठ भाषा
तत्समनिष्ठ भाषा
(e)
इनमें से कोई नहीं
इनमें से कोई नहीं
Q9 राष्ट्रीय
भावना के विकास के लिए भाषा-तत्व आवश्यक है,
क्योंकि—
भावना के विकास के लिए भाषा-तत्व आवश्यक है,
क्योंकि—
(a)
वह ज्ञान राशि का अपार भंडार है
वह ज्ञान राशि का अपार भंडार है
(b)
वह शब्दरूपा है और उसमें साहित्य सजना संभव है
वह शब्दरूपा है और उसमें साहित्य सजना संभव है
(c)
वह मानव-समुदाय की विचाराभिव्यक्ति का साधन है
वह मानव-समुदाय की विचाराभिव्यक्ति का साधन है
(d)
वह मानव-समुदाय में एकानुभूति और विचार-ऐक्य का साधन है
वह मानव-समुदाय में एकानुभूति और विचार-ऐक्य का साधन है
(e)
इनमें से कोई नहीं
इनमें से कोई नहीं
Q10. ‘गूंगे केरी शर्करा” से कबीर का
अभिप्रेत है कि ब्रह्मानंद की अनुभूति—
अभिप्रेत है कि ब्रह्मानंद की अनुभूति—
(a)
अनिर्वचनीय होती है
अनिर्वचनीय होती है
(b)
अत्यन्त मधुर होती है
अत्यन्त मधुर होती है
(c)
मौनव्रत से प्राप्त होती है
मौनव्रत से प्राप्त होती है
(d)
अभिव्यक्ति के लिए कसमसाती है
अभिव्यक्ति के लिए कसमसाती है
(e)
इनमें से कोई नहीं
इनमें से कोई नहीं
निर्देश (11-15): निम्नलिखित अनुच्छेदों
में रिक्त स्थान दिए गए है प्रत्येक प्रश्न के लिए पांच विकल्प दिए गए है. अनुच्छेद
के विषय को समझने के लिए उसे सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये और प्रश्नों के उत्तर
दीजिये.
में रिक्त स्थान दिए गए है प्रत्येक प्रश्न के लिए पांच विकल्प दिए गए है. अनुच्छेद
के विषय को समझने के लिए उसे सावधानीपूर्वक अध्ययन कीजिये और प्रश्नों के उत्तर
दीजिये.
महँगाई की समस्या का
…………(11)………… करने के लिए यह आवश्यक है कि जनसंख्या वृद्धि पर
तुरन्त रोक लगाई जाए ……….(12)………. को बढ़ाने के लिए भरसक ………..(13)…………
किए जाएँ, सरकारी
योजनाओं को ढंग से चलाने के लिए …………..(14)…………. दिया जाए, करों की वृद्धि को रोका जाए, भ्रष्टाचार का पूर्णतया
………….(15)…………. किया जाए,
तभी जनता इस महँगाई से मुक्त हो सकती है।
…………(11)………… करने के लिए यह आवश्यक है कि जनसंख्या वृद्धि पर
तुरन्त रोक लगाई जाए ……….(12)………. को बढ़ाने के लिए भरसक ………..(13)…………
किए जाएँ, सरकारी
योजनाओं को ढंग से चलाने के लिए …………..(14)…………. दिया जाए, करों की वृद्धि को रोका जाए, भ्रष्टाचार का पूर्णतया
………….(15)…………. किया जाए,
तभी जनता इस महँगाई से मुक्त हो सकती है।
Q11. (a) समाधान
(b)
संधान
संधान
(c)
लोप
लोप
(d)
शोध
शोध
(e)
इनमे से कोई नहीं
इनमे से कोई नहीं
Q12. (a) निर्माण
(b)
उत्पादन
उत्पादन
(c)
सृजन
सृजन
(d)
निष्पादन
निष्पादन
(e)
इनमे से कोई नहीं
इनमे से कोई नहीं
Q13. (a) परिवर्तन
(b)
सायाम
सायाम
(c)
उद्यम
उद्यम
(d)
प्रयत्न
प्रयत्न
(e)
इनमे से कोई नहीं
इनमे से कोई नहीं
Q14. (a) प्रोत्साहन
(b)
उत्साह
उत्साह
(c)
साहस
साहस
(d)
प्रेरणा
प्रेरणा
(e)
इनमे से कोई नहीं
इनमे से कोई नहीं
Q15. (a) सम्मेलन
(b)
विस्थापन
विस्थापन
(c)
उन्मूलन
उन्मूलन
(d)
भेदन
भेदन
(e)
इनमे से कोई नहीं
इनमे से कोई नहीं