IBPS RRB 2017 के लिए हिंदी प्रश्नोत्तरी
प्रिय पाठकों !!
IBPS RRB की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. ऐसे में आपकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए हम आपके लिए हिंदी की प्रश्नोतरी लाये है. आपनी तैयारी को तेज करते हुए अपनी सफलता सुनिश्चित कीजिये…
निर्देश (1-5) : नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए. कुछ शब्दों को मोटे अक्षरों में मुद्रित किया गया है, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी. दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए.
विधाता रचित इस सृष्टि का सिरमौर है मनुष्य. उसकी कारीगरी का सर्वोत्तम नमूना. इस मानव को ब्रह्माण्ड का लघु रूप मानकर भारतीय दार्शनिकों ने ‘यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे’ की कल्पना की थी. उनकी यह कल्पना मात्र कल्पना नहीं थी, प्रत्युत यथार्थ भी थी क्योंकि मानव-मन में जो विचारणा के रूप में घटित होता है, उसी का कृति रूप ही तो सृष्टि है. मन तो मन, मानव का शरीर भी अप्रतिम है. देखने में इससे भव्य, आकर्षक एवं लावण्यमय रूप सृष्टि में अन्यत्र कहाँ है. अद्भूत एवं अद्वितीय है मानव सौन्दर्य. साहित्यकारों ने इसके रूप सौन्दर्य के वर्णन के लिए कितने ही अप्रस्तुतों का विधान किया है और इस सौन्दर्य-राशि से सभी को आप्यायित करने के लिए उनके काव्यसृष्टियाँ रच डाली हैं.
साहित्यशास्त्रियों ने भी इसी मानव की भावनाओं का विवेचन करते हुए अनेक रसों का निरूपण किया है, परन्तु वैज्ञानिक दृष्टि से विचार किया जाए तो मानव शरीर को एक जटिल यंत्र से उपमित किया जा सकता है जिस प्रकार यंत्र के विभिन्न अवयवों में से यदि कोई एक अवयव भी बिगड़ जाता है तो उसका प्रभाव सारे शरीर पर पड़ता है. इतना ही नहीं, गुर्दे जैसे कोमल एवं नाजुक हिस्से के खराब हो जाने से यह गतिशील वपु-यंत्र एकाएक अवरूद्ध हो सकता है, व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है. एक अंग के विकृत होने पर सारा शरीर दण्डित हो, वह काल कवलित हो जाए-यह विचारणीय है. यदि किसी यंत्र के पुर्जे को बदलकर, उसके स्थान पर नया पुर्जा लगाकर यंत्र को पूर्ववत्-सुचारू एवं व्यवस्थित रूप से क्रियाशील बनाया जा सकता है तो शरीर के विकृत अंग के स्थान पर नव्य निरामय अंग लगाकर शरीर को स्वस्थ एवं सामान्य क्यों नहीं बनाया जा सकता? शल्य चिकित्सकों ने इस दायित्वपूर्ण चुनौती को स्वीकार किया तथा निरन्तर अध्यवसाय पूर्णसाधना के अनन्तर अंग-प्रत्यारोपण के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की. अंग प्रत्यारोपण का उद्देश्य है कि मनुष्य दीर्घायु प्राप्त कर सके. यहाँ यह ध्यातव्य है कि मानव-शरीर हर किसी के अंग को उसी प्रकार स्वीकार नहीं करता, जिस प्रकार हर किसी का रक्त उसे स्वीकार्य नहीं होता. रोगी को रक्त देने से पूर्व रक्त-वर्ग का परीक्षण अत्यावश्यक है, तो अंग-प्रत्यारोपण से पूर्व ऊत्तक-परीक्षण अनिवार्य है. आज का शल्य-चिकित्सक गुर्दे, यकृत, आँत, फेफडे़ और हृदय का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक कर रहा है. साधन- सम्पन्न चिकित्सालयों में मस्तिष्क के अतिरिक्त शरीर के प्रायः सभी अंगों का प्रत्यारोपण सम्भव हो गया है.
Q1. मानव को सृष्टि का लघु रूप माना गया है, क्यांकि-
(a) मन की शक्ति अपराजेय है
(b) मानव-मन में जो घटित होता है, वही सृष्टि में घटित होता है
(c) मानव सृष्टि का सिरमौर है
(d) लघु मानव ही विधाता की सच्ची सृष्टि है
(e) इनमें से कोई नहीं
Q2. शल्य-चिकित्सकों का मूल ध्येय है-
(a) ऊतक-परीक्षण करना
(b) साधन-सम्पन्न चिकित्सालयों को खोलना
(c) शल्य-चिकित्सा द्वारा मानव को चिरायु प्रदान करना
(d) अंग-प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अनुसंधान करना
(e) इनमें से कोई नहीं
Q3. शल्य-चिकित्सकों द्वारा स्वीकार की गई उत्तरदायित्वपूर्ण चुनौती थी-
(a) मानव-शरीर को मृत्यु से बचाना
(b) जीर्ण शरीर के स्थान पर स्वस्थ शरीर देना
(c) शल्य-चिकित्सा का महत्त्व स्थापित करना
(d) अंग-प्रत्यारोपण द्वारा शरीर को सामान्य बनाना
(e) इनमें से कोई नहीं
Q4. मानव-शरीर को यन्त्रवत् कहा गया है, क्योंकि-
(a) अवयव रूपी पुर्जों के विकृत होने से शरीर यन्त्रवत् निष्क्रिय हो जाता है
(b) मानव-शरीर विधाता की सृष्टि की अनुपम कृति है
(c) मानव-शरीर दृढ़ माँसपेशियों और अवयवों से निर्मित है
(d) मानव-शरीर यंत्र की भाँति लावण्यमय होता है
(e) इनमें से कोई नहीं
Q5. कवियों के मानव-सौन्दर्य के वर्णन-हेतू जिस सृष्टि का निर्माण किया है, उसकी संज्ञा है-
(a) बिम्ब-सृष्टि
(b) काव्य-सृष्टि
(c) उपमान-सृष्टि
(d) अविष्कारों की सृष्टि
(e) इनमें से कोई नहीं
निर्देश (6-10) : निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द/वाक्यांश गद्यांश में छोटे अक्षरों में लिखे गए शब्द/वाक्यांश का समानार्थी है?
Q6. अवयव
(a) निरूपण
(b) भंजन
(c) कोष
(d) अंग
(e) यंत्र
Q7. अप्रतिम
(a) कल्पना
(b) यथार्थ
(c) अद्वितीय
(d) अकुशल
(e) जटिल
Q8. काल कवलित हो जाना
(a) अंग विकृत हो जाना
(b) समय का मापन
(c) व्याकुल हो जाना
(d) निधन हो जाना
(e) प्रफुल्लित हो जाना
Q9. वर्तमान में शरीर के प्रायः सभी अंगों का प्रत्यारोपण संभव है, सिवाय-
(a) यकृत के
(b) हृदय के
(c) फेफडे़ के
(d) आँत के
(e) मस्तिष्क के
Q10. उपमित
(a) अप्रस्तुत
(b) आकर्षक
(c) तुलना
(d) स्वीकार
(e) गतिशील
निर्देश (11-15) : नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में एक रिक्त स्थान छूटा हुआ है और उसके पांच शब्द सुझाए गए हैं। इनमें से कोई एक उस रिक्त स्थान पर रख देने से वह वाक्य एक अर्थपूर्ण वाक्य बन जाता हैं। सही शब्द ज्ञात कर उसके क्रमांक को उत्तर के रूप में अंकित कीजिए, दिए गए शब्दों में से सर्वाधिक उपयुक्त शब्द का चयन करना है.
Q11. राष्ट्रभाषा की समस्या जटिल है किन्तु उसका ……….. जटिल नहीं हैं।
(a) बोध
(b) व्याकरण
(c) समाधान
(d) रूप
(e) इनमें से कोई नहीं
Q12. प्रकृति के ………… वातावरण में रहकर ग्रामीणजन-नैसर्गिक जीवन का आनंद लेते हैं।
(a) ललित
(b) स्वच्छन्द
(c) मधुर
(d) सुन्दर
(e) इनमें से कोई नहीं
Q13. विज्ञान की ………….. ने विश्व को युद्ध एवं विनाश के भय से आतंकित कर दिया है।
(a) अवांक्षनीय
(b) मनोवांक्षित
(c) प्रगतिशीलता
(d) गतिशील
(e) इनमें से कोई नहीं
Q14. भारतीय संविधान के अनुसार हमारे देश में रहनेवाले प्रत्येक नागरिक को अपने …………. को मानने की स्वतंत्रता प्राप्त है.
(a) धर्म
(b) अधिकार
(c) नागरिकता
(d) राजनीति
(e) इनमें से कोई नहीं
Q15. पूजागृह एक ……………….. जलने मात्र से चमचमा उठता है।
(a) कन्दर्प
(b) कन्दील
(c) चंदोवा
(d) कनीनिका
(e) इनमें से कोई नहीं