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सरकार ने ‘कोविड-19’के चलते मौजूदा FDI पॉलिसी में किया संशोधन

सरकार ने 'कोविड-19'के चलते मौजूदा FDI पॉलिसी में किया संशोधन | Latest Hindi Banking jobs_2.1Government of India reviews extant Foreign Direct Investment (FDI) policy: Recent changes & Impacts

भारत सरकार ने वर्तमान कोविड-19 महामारी की वजह से भारतीय कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण/नियंत्रण में लेने को रोकने के लिए मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति की समीक्षा की है। भारत सरकार ने इसके साथ ही समग्र एफडीआई नीति2017 में निहित मौजूदा एफडीआई नीति के पैरा 3.1.1 में संशोधन किया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने इस संबंध में प्रेस नोट नंबर 3 (2020 सीरीज) जारी किया है। इन मामलों में वर्तमान स्थिति और संशोधित स्थिति निम्नानुसार होगी:


वर्तमान स्थिति
पैरा 3.1.1: कोई भी अनिवासी निकाय या कंपनी एफडीआई नीति के अंतर्गत भारत में निवेश कर सकती है। अनिवासी निकाय द्वारा केवल उन सेक्‍टरों/गतिविधियों में निवेश करने की मनाही है जो प्रतिबंधित हैं। हालांकिबांग्लादेश का नागरिक या बांग्लादेश में गठित कोई भी कंपनी केवल सरकारी रूट के तहत ही यहां निवेश कर सकती है। उधरपाकिस्तान का कोई नागरिक या पाकिस्तान में गठित कोई भी कंपनी केवल सरकारी रूट के तहत रक्षाअंतरिक्षपरमाणु ऊर्जा और विदेशी निवेश के लिए प्रतिबंधित सेक्‍टरों/गतिविधियों के अलावा अन्य सेक्‍टरों/गतिविधियों में निवेश कर सकती है।  

संशोधित स्थिति
पैरा 3.1.1:
3.1.1(ए): कोई भी अनिवासी निकाय या कंपनी एफडीआई नीति के अंतर्गत भारत में निवेश कर सकती है। अनिवासी निकाय द्वारा केवल उन सेक्‍टरों/गतिविधियों में निवेश करने की मनाही है जो प्रतिबंधित हैं। हालांकि एक ऐसे देशजिसके साथ भारत की भूमि सीमा जुड़ी या मिली हुई हैका कोई भी निकाय अथवा कंपनीया जहां भारत में किसी निवेश का लाभकारी मालिक अवस्थित है या इस तरह के किसी भी देश का नागरिक हैवह केवल सरकारी रूट के तहत ही यहां निवेश कर सकता है। उधरपाकिस्तान का कोई नागरिक या पाकिस्तान में गठित कोई भी कंपनी केवल सरकारी रूट के तहत रक्षाअंतरिक्षपरमाणु ऊर्जा और विदेशी निवेश के लिए प्रतिबंधित सेक्‍टरों/गतिविधियों के अलावा अन्य सेक्‍टरों/गतिविधियों में निवेश कर सकती है।

3.1.1(बी): प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत में किसी भी निकाय या कंपनी में किसी मौजूदा या भावी एफडीआई के स्वामित्व का हस्तांतरण होने की स्थिति में यदि लाभकारी स्वामित्व पैरा 3.1.1 (ए) की पाबंदी/दायरे में आ जाता हैतो लाभकारी स्वामित्व में बाद में होने वाले इस तरह के परिवर्तन के लिए भी सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
उपर्युक्त निर्णय फेमा अधिसूचना की तारीख से प्रभावी माना जाएगा।  



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