Earth Day 2025: पृथ्वी बचाने की पुकार, अब नहीं तो कभी नहीं!
Earth Day 2025: हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला “अर्थ डे” (Earth Day) इस बार एक नई चेतावनी और चुनौती लेकर आया है. 2025 का अर्थ डे न सिर्फ एक औपचारिकता है, बल्कि यह मानवता को अपनी ही बनाई समस्याओं से जूझती धरती की दर्दनाक चीख है। जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, प्रदूषण और प्लास्टिक से भरते महासागर — इन सबके बीच “पृथ्वी दिवस” हमें याद दिलाता है कि समय तेजी से निकल रहा है.
Earth Day का इतिहास
Earth Day की शुरुआत 22 अप्रैल 1970 को अमेरिका में हुई थी। इसका श्रेय जाता है अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को, जिनकी प्रेरणा से पर्यावरण के मुद्दे वैश्विक विमर्श में आए।
Earth Day 2025 की थीम क्या है?
इस वर्ष की थीम है: “OUR POWER, OUR PLANET”
पृथ्वी दिवस 2025 का विषय है – हमारी शक्ति, हमारा ग्रह, जिसमें सभी से एकजुट होने और नवीकरणीय ऊर्जा का आह्वान किया गया है ताकि हम 2030 तक स्वच्छ बिजली को तीन गुना कर सकें.
खतरे की घंटी: जलवायु संकट की ताज़ा स्थिति
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भारत में मार्च 2025 सबसे गर्म मार्च रहा पिछले 122 वर्षों में
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दिल्ली और राजस्थान में इस वर्ष अप्रैल के पहले सप्ताह में ही तापमान 45°C पार कर गया
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उत्तराखंड और हिमाचल में असमय बर्फबारी और लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ी हैं
वैज्ञानिक चेतावनी: अब भी संभले तो देर नहीं
संयुक्त राष्ट्र की इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) की रिपोर्ट के अनुसार:
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समुद्र का जलस्तर 2100 तक 1 मीटर तक बढ़ सकता है।
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अगर ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन यूं ही चलता रहा, तो पृथ्वी का औसत तापमान 2.5°C तक बढ़ सकता है।
क्या कर रहा है भारत सरकार?
भारत सरकार ने Earth Day 2025 के मौके पर कई अहम घोषणाएं की हैं:
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सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध की योजना को 2026 तक राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का लक्ष्य।
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हरित भारत मिशन को 1,000 करोड़ की अतिरिक्त सहायता।
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50 नए ईको-सेंसिटिव ज़ोन की पहचान
निष्कर्ष: धरती मां को बचाना है तो अभी उठाइए कदम
Earth Day 2025 एक अलार्म है — अगर अब भी नहीं चेते, तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट या एक दिन के इवेंट्स से नहीं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव से ही हम इस धरती को बचा सकते हैं।