Latest Hindi Banking jobs   »   Hindi Quizzes for IBPS RRB 2017

Hindi Quizzes for IBPS RRB 2017

IBPS RRB 2017 के लिए हिंदी प्रश्नोत्तरी 

प्रिय पाठकों !!

Hindi Quizzes for IBPS RRB 2017 | Latest Hindi Banking jobs_2.1

IBPS RRB की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. ऐसे में आपकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए हम आपके लिए हिंदी की प्रश्नोतरी लाये है. अपनी तैयारी को तेज कीजिए तथा अपनी सफलता को सुनिश्चित कीजिये…

निर्देश (प्रश्न 1 से 5) :  निम्नलिखित प्रश्नों में गद्यांशों पर आधारित प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांशों को ध्यान से पढ़िए तथा प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए पांच विकल्पों में से उचित विकल्प का चयन कीजिए।
अतीत की स्मृति में मनुष्य के लिए स्वाभाविक आकर्षण है। अर्थपरायण लाख कहा करें कि ‘गड़े मुर्दे उखाड़ने से क्या फायदा’ पर हृदय नहीं मानता बार-बार अतीत की ओर जाता है अपनी यह बुरी आदत नहीं छोड़ता। इसमें कुछ रहस्य अवश्य है। हृदय के लिए अतीत एक मुक्ति लोक है जहाँ वह अनेक प्रकार के बंधनों से छूटा रहता है और अपने शुद्ध रूप में विचरता है। वर्तमान हमें अंधा बनाए रहता है, अतीत बीच-बीच में हमारी आँखे खोलता रहता है। मैं तो समझता हूँ कि जीवन का नित्य स्वरूप दिखाने वाला दर्पण मनुष्य के पीछे रहता है, आगे तो बराबर खिसकता हुआ दुर्भेद्य परदा रहता है। बीती बिसारने वाले ‘आगे की सुध रखने का दावा’ किया करें, परिणाम अशांति के अतिरिक्त और कुछ नहीं। वर्तमान को संभालने और आगे की सुध रखने का डंका पीटने वाले संसार में जितने ही अधिक होते जाते हैं, संघ-शक्ति, के प्रभाव से जीवन की उलझनें उतनी ही बढ़ती जाती हैं। बीता बिसारने का अभिप्राय है जीवन की अखंडता और व्यापकता की अनुभुति का विसर्जन सहृदयता भावुकता का भंग-केवल अर्थ की निष्ठुर क्रीड़ा।


1. अतीत की स्मृति में मनुष्य के लिए स्वाभाविक आकर्षण है, क्योंकि :
(a) मनुष्य अतीत जीवी होता है।
(b) मनुष्य वर्तमान से भागना चाहता है।
(c) वहाँ मनुष्य अनेक प्रकार के बंधनों से मुक्त रहता है।
(d) मनुष्य अर्थपरायण नहीं होता है।
(e) इनमें से कोई नहीं


2. ‘वर्तमान हमें अंधा बनाए रहता है’-इसका भाव है : 
(a) वर्तमान में बहुत-सी समस्याएँ रहती हैं।
(b) हम वर्तमान की समस्याओं में ही उलझे रहते हैं।
(c) हमारी सारी समस्याएँ वर्तमान से संबद्ध रहती हैं।
(d) हमें वर्तमान से प्रेम होता है।
(e) इनमें से कोई नहीं


3. अशांति किसका परिणाम है?
(a) वर्तमान से लगाव का।
(b) वर्तमान की उपेक्षा का।
(c) भविष्य की चिंता का।
(d) अतीत की विस्मृति का।
(e) इनमें से कोई नहीं  


4. केवल अर्थ की क्रीड़ा निष्ठुर है, क्योंकि : 
(a) वह उलझनों को बढ़ाती है।
(b) वह अतीत की उपेक्षा करती है।
(c) वह वर्तमान की अधिक चिंता करती है।
(d) वह मनुष्य को सहृदय नहीं रहने देती है।
(e) इनमें से कोई नहीं


5. जीवन का नित्य स्वरूप दिखाने वाला दर्पण क्या है? 
(a) अतीत की स्मृति
(b) अतीत का सुख
(c) अतीत का दुख
(d) अतीत का मोह
(e) इनमें से कोई नहीं


निर्देश (प्रश्न 1 से 5) :  निम्नलिखित प्रश्नों में गद्यांशों पर आधारित प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांशों को ध्यान से पढ़िए तथा प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए पांच विकल्पों में से उचित विकल्प का चयन कीजिए।
श्रद्धा द्वारा हम दूसरे के महत्त्व के किसी अंश के अधिकारी नहीं हो सकते, पर भक्ति द्वारा हो सकते हैं। श्रद्धालु महत्त्व को स्वीकार करता है, पर भक्त महत्त्व की ओर अग्रसर होता है। श्रद्धालु अपने जीवन-क्रम को ज्यो का त्यों छोड़ता है। पर भक्त उनकी काट-छाँट में लग जाता है। अपने आचरण द्वारा दूसरों की भक्ति के अधिकारी होकर ही संसार के बड़े-बड़े महात्मा समाज के कल्याण-साध्य में समर्थ हुए हैं। गुरू गोविन्द सिंह को यदि केवल दण्डवत् करने वाले और गद्दी पर भेंट चढ़ाने वाले श्रद्धालु ही मिलते, दिन रात साथ रहने वाले-अपने सारे जीवन को अर्पित करने वाले-भक्त न मिलते तो वे अन्याय-दमन में कभी समर्थ न होते। इससे भक्ति के सामाजिक महत्त्व को, इसकी लोक-हितकारिणी शक्ति को स्वीकार करने में किसी को आगा-पीछा नहीं हो सकता। सामाजिक महत्त्व के लिए आवश्यकता है कि या तो आकर्षित करो या आकर्षित हो। जैसे इस आकर्षण विधान के बिना अणुओं द्वारा व्यक्त पिण्डों का आविर्भाव नहीं हो सकता, वैसे ही मानव जीवन के विशद् अभिव्यक्ति भी नहीं हो सकती।


6. हम दूसरे के महत्त्व के अधिकारी कैसे हो सकते हैं? 
(a) श्रद्धा द्वारा
(b) आचरण द्वारा
(c) आस्था द्वारा
(d) भक्ति द्वारा
(e) इनमें से कोई नहीं

7. महात्मा अन्याय का दमन करने में कैसे समर्थ होते हैं? 
(a) लोक कल्याण साधना में सब कुछ समर्पित करने वाले भक्तों के सहयोग से
(b) भेंट चढ़ाने वाले भक्तों की दक्षिणा से
(c) श्रद्धालुओं के सहयोग से
(d) दण्डवत् करने वाले भक्तों के सहयोग से
(e) इनमें से कोई नहीं


8. समाज कल्याण संभव हो पाता है, यदि : 
(a) अपना आचरण ठीक होता है
(b) दूसरों का आचरण ठीक होता है
(c) ऐसा आचरण हो कि दूसरे आप के प्रति भक्ति रखें
(d) दिन रात काम करते रहें
(e) इनमें से कोई नहीं


9. भक्ति के सामाजिक महत्त्व का अभिप्राय है : 
(a) लोकहितकारिणी शक्ति को अस्वीकार करना
(b) समाज के प्रति आकर्षित होना
(c) भक्त को सर्वोपरि मानना
(d) लोक-हितकारिणी शक्ति को स्वीकार करना
(e) इनमें से कोई नहीं


10. मानव जीवन की सार्थक और व्यापक अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक है :
(a) आकर्षण विधान
(b) सामाजिक लगाव
(c) पिण्डों का आविर्भाव
(d) अणुओं का अस्तित्व
(e) इनमें से कोई नहीं

CRACK IBPS PO 2017



11000+ (RRB, Clerk, PO) Candidates were selected in IBPS PO 2016 from Career Power Classroom Programs.


9 out of every 10 candidates selected in IBPS PO last year opted for Adda247 Online Test Series.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *