World Bicycle Day: दुनिया भर में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस या World Bicycle Day मनाया जाता है. इसे मनाने के पीछे उद्देश्य पर्यावरण को बचाना और अपने आप को फिट रखना है. साइकिल एक ऐसा साधन है जो किसी तरह का प्रदुषण नहीं फैलता है साथ ही इसे चलाने से हमारी exercise भी हो जाती है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ और फिट रखने में भी काफी मदद करता है.
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World Bicycle Day – कैसे और कब हुई शुरुआत?
इसकी शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी, जब समाजशास्त्र के प्रोफेसर और एक कार्यकर्ता, लेसज़ेक सिबिल्स्की ने विश्व बैंक के लिए साइक्लिंग के बारे में एक ब्लॉग पोस्ट लिखा. यहीं से आंदोलन शुरू हुआ. अगले साल उन्होंने एक बार फिर से ब्लॉग पोस्ट लिखा.
प्रोफेसर सिबिल्सकी और उनकी कक्षा ने बाद में सोशल मीडिया के द्वारा प्रचार-प्रसार हुआ और 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में मनाया जाने लागा, जिसे 56 देशों का सर्पोट मिला था.
वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की.
Practice with,
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हमेशा चलने और इसी तरह की गतिविधियों के स्वास्थ्य लाभों का उल्लेख किया है. लेकिन जल्द ही इसने यह सिद्धांत भी स्थापित किया कि साइकिल चलाना एक और अद्भुत व्यायाम है जो मानव शरीर को फिट और स्वस्थ रहने में मदद करता है. साइकिल चलाने और विश्व साइकिल दिवस का समर्थन करने वाले कारण हैं:
- यह सस्ती है और पर्यावरण के अनुकूल भी है
- यह परिवहन के लिए एक बढ़िया विकल्प है और साथ ही साथ यह व्यायाम भी हो जाता है.
- यह न केवल मानव शरीर पर बल्कि आसपास के वातावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.
साइकिल का इतिहास
18वीं शताब्दी में Bicycle की शुरुआत हुई. 1816 में पेरिस के एक कारीगर ने सबसे पहले साइकिल का शुरूआती रूप दिया था. इसे काठ का घोड़ा या हॉबी हॉर्स भी कहते हैं. सन् 1865 ई. पैर से घुमाए जानेवाले क्रैंकों (पैडल) युक्त पहिए का आविष्कार पेरिस निवासी लालेमें (Lallement) ने किया. जिसे वेलॉसिपीड (velociped) कहते थे. इसके बाद इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इंग्लैंड, फ्रांस और अमेरिका में यंत्रनिर्माताओं ने इसमें अनेक महत्वपूर्ण सुधार करके 1872 में नया रूप दे दिया. इसमें 64 इंच से 30 इंच व्यास का आगे का पहिया और 12 इंच व्यास का पीछे का पहिया होता था. वेयरिंग और ब्रेक भी लगाए गए थे.