वर्ष 2018 आ चुका है. इस समय आप सभी इस वर्ष कि अपनी सफलताओं और असफलताओं के बारे में आपस में चर्चा कर रहे होंगे. नए साल का संकल्प उन सभी के लिए एक बहुत ही अच्छा अवसर है जो पिछले वर्ष अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल थे. आप में से बहुत लोग ऐसे हैं जो अपने नए वर्ष के संकल्प को ‘कल करूँगा कल करूँगा’ कह कर पूरा नहीं करते और जिस वजह से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में नाकाम हो जाते हैं.
जब नए वर्ष के संकल्प कि बात आती है, तो आप सभी बड़े बड़े संकल्प लेते हैं. आप अपने आप को समझाते हैं कि इस वर्ष आप कुछ न कुछ अवश्य करके दिखाएँगे, आप अपने कार्यों को उसी समय पूरा करेंगे, सुबह जल्दी उठेंगे कड़ी मेहनत करेंगे आदि आप सभी शुरू में अपन नए संकल्प के अनुसार चलते हैं और बहुत ही उत्सुकता के साथ उसका अनुसरण करते हैं लेकिन कुछ समय बाद आप वाही आ जाते हैं जिस स्थिति में आप पहले थे.
तो छात्रों, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सेट किए गए अपने नए साल के संकल्प के इस पतन से बचने के लिए क्या किया जा सकता है? क्या आपको नहीं लगता कि आपको एक नए संकल्प के बजाय एक पूरी रीसेट की आवश्यकता है? नया साल एक नई शुरुआत का प्रतीक है. हालांकि, प्रत्येक नया दिन एक नई शुरुआत को चिन्हित कर सकता हैं.
एक रिसेट एक संकल्प से अलग कैसे है? एक संकल्प आपका निर्णय है कि आपको करना है या नहीं, जबकि, एक रिसेट दोबारा से सेट करने का एक अवसर है, अपने कार्यों को एक तरह से सेट करने के लिए कि आप अपने नए साल के संकल्प पर अभिनय करने के विचार को नहीं छोड़ना है. एक रीसेट के साथ, आप उस लक्ष्य को प्रतिबद्ध करते हैं जिसे आप न केवल साल के पहले दिन बल्कि दैनिक रूप से छोटे बदलाव करके अपने लक्ष्य प्राप्ति कि ओर बढ़ते हैं.
एक रिसेट बहुमुखी प्रतिभा कि अनुमति देता है और आपकी यह जानने में मदद करता है कि आपके लिए क्या लाभदायक है और आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में क्या आपकी सहायता कर सकता है. प्रत्येक दिन उसी उत्साह और जोश के साथ अपने लक्ष्य कि ओर बढिए जिस उत्साह और जोश से आपने पहले दिन शुरुआत कि थी. और केवल यही चीज 2018 में आपकी किस्मत का ताला खोल सकती है. तो विद्यार्थियों, निर्णय कीजिये और उसपर कार्य कीजिये और आप उसे पाने में सक्षम होंगे.
All the best!!