RBI Financial Stability Report 2025: भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितता में भी बनी स्थिरता की मिसाल
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जून 2025 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report) जारी की है, जिसमें बताया गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी सबसे तेज़ी से बढ़ती और सबसे स्थिर अर्थव्यवस्था बनी हुई है। रिपोर्ट में बैंकिंग, बीमा, NBFC और बाह्य क्षेत्र के प्रदर्शन को भी मजबूती से दर्शाया गया है।
वैश्विक संकट, फिर भी भारत में मजबूती
RBI की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था फिलहाल नीति अनिश्चितता, व्यापार विवादों और ऋण संकट से जूझ रही है। IMF ने 2025 के लिए वैश्विक विकास दर को घटाकर 2.8% कर दिया है। वहीं भारत की GDP विकास दर 6.5% बनी हुई है और 2025-26 में भी इसी दर से बढ़ने की उम्मीद है।
मुद्रास्फीति नियंत्रण में
रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में भारत में CPI मुद्रास्फीति 2.8% रही, जो पिछले 6 वर्षों का न्यूनतम स्तर है। खाद्य उत्पादन अच्छा होने और कमोडिटी कीमतों में स्थिरता से आगामी महीनों में भी मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहने की संभावना है।
बैंकिंग सेक्टर की मजबूती
SCBs (Scheduled Commercial Banks):
- CRAR (Capital to Risk-Weighted Assets Ratio): 17.3% (रिकॉर्ड उच्च स्तर)
- CET1 Ratio: 14.7%
- GNPA (Gross NPA): घटकर 2.3%
- NNPA (Net NPA): मात्र 0.5%
- PCR (Provision Coverage Ratio): 76.3%
Stress Test: सबसे खराब परिस्थिति में भी सिस्टम का CRAR 14.2% रहेगा, जो 9% के न्यूनतम मानक से ऊपर है।
NBFCs, UCBs और बीमा क्षेत्र:
- NBFCs का CRAR: 25.8%
- Urban Cooperative Banks का CRAR: 18.0%
- बीमा कंपनियों का Solvency Ratio:
- जीवन बीमा: 204%
- गैर-जीवन बीमा: 166%
भारत विदेशी मुद्रा भंडार
- विदेशी मुद्रा भंडार: US$ 697.9 बिलियन (11 महीनों के आयात के लिए पर्याप्त)
- Current Account Deficit (CAD): मात्र 0.6%
- अंतिम तिमाही में सरप्लस रिकॉर्ड किया गया
प्रमुख नियामकीय कदम
- SRVA Framework: भारतीय रुपए के अंतरराष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने के लिए
- Digital Lending गाइडलाइंस: ट्रांसपेरेंसी और ग्राहक संरक्षण के लिए
- Liquidity Coverage Ratio में संशोधन: डिजिटल फाइनेंस के जोखिम को कम करने के लिए
Systemic Risk Survey Highlights
RBI के मई 2025 सर्वे में विशेषज्ञों ने भू-राजनीतिक संघर्ष, पूंजी बहिर्गमन, और व्यापारिक मंदी को प्रमुख जोखिम बताया, लेकिन 92% उत्तरदाताओं ने भारतीय वित्तीय प्रणाली पर भरोसा जताया।
भारत की वित्तीय प्रणाली न केवल वैश्विक चुनौतियों के बीच स्थिर है, बल्कि आगे भी विकास की मजबूत संभावनाएं बनाए रखे हुए है। मजबूत बैंकिंग प्रणाली, नियंत्रित मुद्रास्फीति, भारी विदेशी मुद्रा भंडार और नीतिगत स्पष्टता भारत को निवेश के लिए विश्व का सबसे भरोसेमंद गंतव्य बना रहे हैं।