पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट करके लिखा, ”भारी मन के साथ, आपको यह सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणव मुखर्जी का अभी आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत में लोगों से मिली दुआओं और प्रार्थनाओं के बावजूद निधन हो गया है! मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं.”
क्या थी स्वास्थ्य समस्या (Health problems)
- भारत रत्न से सम्मानित 84 वर्षीय प्रणब मुखर्जी को मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के कारण 10 अगस्त को दोपहर 12ः07 बजे आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था।
- कोरोना संक्रमित पाए गए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत पिछले कुछ दिनों से गंभीर बनी हुई थी।
- वे धौला कुआं स्थित आर्मी आरआर (रिसर्च एंड रेफरल) अस्पताल की आइसीयू में भर्ती थे।
- उनके शरीर में रक्त का संचार बना हुआ था लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। वे वेंटीलेटर पर थे।
- ऑपरेशन से पहले हुई जांच में उन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया। इसके बाद ऑपरेशन किया गया।
- ऑपरेशन के बाद से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी।
साल 2012 में बने थे राष्ट्रपति
साल 2012 में 15 जून को प्रणव मुखर्जी, भारत के 13वें राष्ट्रपति बने थे। प्रणब मुखर्जी बेहद प्रभावी राजनीतिज्ञ रहे, उन्होंने कांग्रेस पार्टी समेत देश की समस्याओं को सुलझाने में अपना बड़ा योगदान दिया था।
उन्हें ‘PM in waiting‘ भी कहा जाता था (पीएम इन वेटिंग)
- यूपीए और कांग्रेस में प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जाते थे।
- अपनी जीवनयात्रा पर लिखी पुस्तक ‘द कोलिशन ईयर्स – 1996-2012’ में उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि वो प्रधानमंत्री बनना चाहते थे।
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