IBPS SO राजभाषा अधिकारी 2018 के लिए हिंदी प्रश्नोत्तरी
प्रिय पाठकों !!
IBPS SO राजभाषा अधिकारी की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. IBPS SO राजभाषा अधिकारी के परीक्षा प्रारूप के अनुसार व्यावसायिक ज्ञान के पाठ्यक्रम के आधार पर हम यहाँ हिंदी की प्रश्नोत्तरी प्रदान कर रहे हैं. प्रति दिन इस QUIZ का अभ्यास कीजिए तथा IBPS SO 2018 के पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन कीजिए. अपनी तैयारी को गति प्रदान करते हुए अपनी सफलता सुनिश्चित कीजिये…
निर्देश (प्रश्न 1 से 5) : निम्नलिखित प्रश्नों में गद्यांशों पर आधारित प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांशों को ध्यान से पढ़िए तथा प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए पांच विकल्पों में से उचित विकल्प का चयन कीजिए।
भारत एक विशाल देश है। वह एक उपमहाद्वीप के सदृश्य है। इसमें इतनी विभिन्नताएँ उपलब्ध हैं कि कभी-कभी इनको विश्व का संग्रहालय भी कह दिया जाता है। इस देश की विस्तृत सीमाओं के अनुरूप इसमें भौगोलिक विविधतांए स्वाभाविक रूप से उपलब्ध होती है। यहां इतने प्रकार से जलवायु उपलब्ध है कि सहसा विश्वास ही नहीं होता कि वे सब एक ही राष्ट्रीय इकाई से सम्बद्ध हैं। विभिन्नत्व में अभिन्नत्व ही भारतीय संस्कृति का प्रमुख लक्षण है। परन्तु अनेक कारणोंवश, विशेषकर राजनीतिक कारणों में भारत की इस नैसर्गिक एकता के लिए संकट उपस्थित हो गया है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने अपने उद्बोधन ‘भावना’ में कहा था कि हमें एक बने रहने के लिए राष्ट्रीय एकता की रक्षा करनी होगी, तभी हम शक्तिशाली बने रहकर अन्तर्राष्ट्रीय जगत् में अग्रसर हो सकेंगे। यदि भारत को समस्त संकटों को पार करना है, अत्याचार का सामना करना है तथा आर्थिक राजनीतिक स्थिरता प्राप्त करनी है और आत्म-निर्भर बनकर सामाजिक स्तर को ऊँचा उठाना है, तो समस्त भारतवासियों को विचार, वचन एवं कर्म की दृष्टि से राष्ट्रीय समन्वय इतिहास की रक्षा करनी होगी।
1. नैसर्गिक एकता के लिए हमें करना होगा
(a) संघर्ष
(b) आत्मोत्सर्ग
(c) अथक परिश्रम से देश का विकास करके
(d) देश के प्रति प्रेमभावना प्रकट करके
(e) इनमें से कोई नहीं
2. भ्रष्टाचार का निवारण कैसे होगा
(a) प्रतिद्वन्द्वी के प्रति उदारवादी भावना से
(b) हिंसा के द्वारा
(c) आत्मसंयम द्वारा
(d) आर्थिक राजनीतिक स्थिरता द्वारा
(e) इनमें से कोई नहीं
3. राष्ट्र का गौरव सुरक्षित रह सकता है
(a) स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग से
(b) स्वभाषाओं को ग्रहण करने से
(c) विदेशी भाषाओं को अपनाने से
(d) राष्ट्रीय एकता की रक्षा करने से
(e) इनमें से कोई नहीं
4. भारत को विश्व का संग्रहालय कहा जात है क्योंकि
(a) इनमें विभिन्न भाषाएं हैं
(b) विभिन्न संस्कृतियों एवं भाषाओं का समन्वय है
(c) राजनीतिक सामाजिक समन्वय है
(d) आर्थिक रूप से सृद्धिशाली देश है
(e) इनमें से कोई नहीं
5. भारतीय संस्कृति का लक्षण है
(a) अनेकता में एकता
(b) एक में अनेक
(c) विखण्डता
(d) भौतिकता
(e) इनमें से कोई नहीं
निर्देश (प्रश्न 6 से 10) : निम्नलिखित प्रश्नों में गद्यांशों पर आधारित प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांशों को ध्यान से पढ़िए तथा प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए पांच विकल्पों में से उचित विकल्प का चयन कीजिए।
संस्कृति एक प्रकार की संस्कारात्मक परिणति है। संस्कृति का सम्बन्ध संस्कार से है। यहां संस्कार का अर्थ मनुष्य की मानसिक शिक्षा, परिष्कार और बुद्धिमता से है जो सतत विकास की ओर अग्रसर रहती है। समुदायों, जातियों, सम्प्रदायों, मतों के बीच आपसी आदान-प्रदान से संस्कार और संस्कृति का निर्माण होता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो सतत गतिशील है और जिसमें निरंतर परिवर्तन होता रहता है। भारतीय संस्कृति की मूलधारा एक रही है। इस धारा से जाति, धर्म, समुदाय, व्यक्ति समय-समय पर प्रभावित होते रहे हैं और इसे प्रभावित भी करते रहे हैं। भारतीय संस्कृति ने बाहर से आने वाली परम्पराओं और प्रवृत्तियों को भी आत्मसात् किया है। भारतीय संस्कृति की मुख्य धारा किसी भी सांस्कृतिक धारा को छोटा नहीं समझती, न ही किसी धारा को नज़रअंदाज़ कर आगे बढ़ जाती है। सत्य की खोज भारतीय संस्कृति का निरंतर चलने वाला प्रयास रहा है। सत्य की खोज में भारतीय संस्कृति सबको साथ लेकर चलती है। ग्रहण करना इस संस्कृति की विशेषता रही है।
6. ग्रहण करना भारतीय संस्कृति की विशेषता है, क्योंकि
(a) यह शरणार्थियों को आश्रय देती है
(b) यह सबको साथ लेकर चलती है, तथा उनके सद्विचारों को ग्रहण करती रहती है।
(c) यह विदेशी उपहारों, अनुदानों आदि को ग्रहण करती है।
(d) नई जन्म लेती संस्कृतियों पर आधिपत्य जमाकर अपने में मिला लेती है।
(e) इनमें से कोई नहीं
7. अन्य सांस्कृतिक धाराओं के प्रति भारतीय संस्कृति का क्या दृष्टिकोण है?
(a) भारतीय संस्कृति उन पर आधिपत्य स्थापित करना चाहती है।
(b) जो प्रत्येक दृष्टिकोण से लाभप्रद हों, मात्र उन्हें ही ग्रहण करना चाहती है।
(c) अन्य सांस्कृतिक धाराओं के दुष्प्रभावों से स्वयं को बचाने का पूरा प्रयास करती है।
(d) उन्हें न तो छोटा समझती है, न ही नज़रअंदाज़ करती है, बल्कि उन्हें साथ लेकर चलती है।
(e) इनमें से कोई नहीं
8. संस्कृति के संदर्भ में संस्कार का क्या आशय है?
(a) माता-पिता, गुरूजनों एवं समस्त बड़ों के प्रति सम्मान भावना।
(b) रीति-रिवाज, कर्म-काण्ड आदि संस्कारों का नियमित पालन
(c) मानवीय शिक्षा, परिष्कार एवं बुद्धिमता जिनका सतत विकास आवश्यक है।
(d) भारतीय संस्कृति के प्रति आदर भाव।
(e) इनमें से कोई नहीं
9. संस्कार और संस्कृति अस्तित्व में आते है।
(a) विभिन्न समुदायों, संप्रदायों, जातियों एवं मतावलम्बियों के बीच आपसी आदान-प्रदान से
(b) एक ही स्थान पर विभिन्न समुदायों, सम्प्रदायों एवं जातियों की उपस्थिति से
(c) विभिन्न देशों के संस्कारों एवं संस्कृतियों को अपनाने से
(d) विभिन्न धर्मां की पुस्तकों के गहन अध्ययन एवं बौद्धिक क्रियाकलापों से
(e) इनमें से कोई नहीं
निर्देश (प्रश्न 1 से 5) : निम्नलिखित प्रश्नों में गद्यांशों पर आधारित प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांशों को ध्यान से पढ़िए तथा प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए पांच विकल्पों में से उचित विकल्प का चयन कीजिए।
भारत एक विशाल देश है। वह एक उपमहाद्वीप के सदृश्य है। इसमें इतनी विभिन्नताएँ उपलब्ध हैं कि कभी-कभी इनको विश्व का संग्रहालय भी कह दिया जाता है। इस देश की विस्तृत सीमाओं के अनुरूप इसमें भौगोलिक विविधतांए स्वाभाविक रूप से उपलब्ध होती है। यहां इतने प्रकार से जलवायु उपलब्ध है कि सहसा विश्वास ही नहीं होता कि वे सब एक ही राष्ट्रीय इकाई से सम्बद्ध हैं। विभिन्नत्व में अभिन्नत्व ही भारतीय संस्कृति का प्रमुख लक्षण है। परन्तु अनेक कारणोंवश, विशेषकर राजनीतिक कारणों में भारत की इस नैसर्गिक एकता के लिए संकट उपस्थित हो गया है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने अपने उद्बोधन ‘भावना’ में कहा था कि हमें एक बने रहने के लिए राष्ट्रीय एकता की रक्षा करनी होगी, तभी हम शक्तिशाली बने रहकर अन्तर्राष्ट्रीय जगत् में अग्रसर हो सकेंगे। यदि भारत को समस्त संकटों को पार करना है, अत्याचार का सामना करना है तथा आर्थिक राजनीतिक स्थिरता प्राप्त करनी है और आत्म-निर्भर बनकर सामाजिक स्तर को ऊँचा उठाना है, तो समस्त भारतवासियों को विचार, वचन एवं कर्म की दृष्टि से राष्ट्रीय समन्वय इतिहास की रक्षा करनी होगी।
1. नैसर्गिक एकता के लिए हमें करना होगा
(a) संघर्ष
(b) आत्मोत्सर्ग
(c) अथक परिश्रम से देश का विकास करके
(d) देश के प्रति प्रेमभावना प्रकट करके
(e) इनमें से कोई नहीं
2. भ्रष्टाचार का निवारण कैसे होगा
(a) प्रतिद्वन्द्वी के प्रति उदारवादी भावना से
(b) हिंसा के द्वारा
(c) आत्मसंयम द्वारा
(d) आर्थिक राजनीतिक स्थिरता द्वारा
(e) इनमें से कोई नहीं
3. राष्ट्र का गौरव सुरक्षित रह सकता है
(a) स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग से
(b) स्वभाषाओं को ग्रहण करने से
(c) विदेशी भाषाओं को अपनाने से
(d) राष्ट्रीय एकता की रक्षा करने से
(e) इनमें से कोई नहीं
4. भारत को विश्व का संग्रहालय कहा जात है क्योंकि
(a) इनमें विभिन्न भाषाएं हैं
(b) विभिन्न संस्कृतियों एवं भाषाओं का समन्वय है
(c) राजनीतिक सामाजिक समन्वय है
(d) आर्थिक रूप से सृद्धिशाली देश है
(e) इनमें से कोई नहीं
5. भारतीय संस्कृति का लक्षण है
(a) अनेकता में एकता
(b) एक में अनेक
(c) विखण्डता
(d) भौतिकता
(e) इनमें से कोई नहीं
निर्देश (प्रश्न 6 से 10) : निम्नलिखित प्रश्नों में गद्यांशों पर आधारित प्रश्न दिए गए हैं। गद्यांशों को ध्यान से पढ़िए तथा प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए पांच विकल्पों में से उचित विकल्प का चयन कीजिए।
संस्कृति एक प्रकार की संस्कारात्मक परिणति है। संस्कृति का सम्बन्ध संस्कार से है। यहां संस्कार का अर्थ मनुष्य की मानसिक शिक्षा, परिष्कार और बुद्धिमता से है जो सतत विकास की ओर अग्रसर रहती है। समुदायों, जातियों, सम्प्रदायों, मतों के बीच आपसी आदान-प्रदान से संस्कार और संस्कृति का निर्माण होता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो सतत गतिशील है और जिसमें निरंतर परिवर्तन होता रहता है। भारतीय संस्कृति की मूलधारा एक रही है। इस धारा से जाति, धर्म, समुदाय, व्यक्ति समय-समय पर प्रभावित होते रहे हैं और इसे प्रभावित भी करते रहे हैं। भारतीय संस्कृति ने बाहर से आने वाली परम्पराओं और प्रवृत्तियों को भी आत्मसात् किया है। भारतीय संस्कृति की मुख्य धारा किसी भी सांस्कृतिक धारा को छोटा नहीं समझती, न ही किसी धारा को नज़रअंदाज़ कर आगे बढ़ जाती है। सत्य की खोज भारतीय संस्कृति का निरंतर चलने वाला प्रयास रहा है। सत्य की खोज में भारतीय संस्कृति सबको साथ लेकर चलती है। ग्रहण करना इस संस्कृति की विशेषता रही है।
6. ग्रहण करना भारतीय संस्कृति की विशेषता है, क्योंकि
(a) यह शरणार्थियों को आश्रय देती है
(b) यह सबको साथ लेकर चलती है, तथा उनके सद्विचारों को ग्रहण करती रहती है।
(c) यह विदेशी उपहारों, अनुदानों आदि को ग्रहण करती है।
(d) नई जन्म लेती संस्कृतियों पर आधिपत्य जमाकर अपने में मिला लेती है।
(e) इनमें से कोई नहीं
7. अन्य सांस्कृतिक धाराओं के प्रति भारतीय संस्कृति का क्या दृष्टिकोण है?
(a) भारतीय संस्कृति उन पर आधिपत्य स्थापित करना चाहती है।
(b) जो प्रत्येक दृष्टिकोण से लाभप्रद हों, मात्र उन्हें ही ग्रहण करना चाहती है।
(c) अन्य सांस्कृतिक धाराओं के दुष्प्रभावों से स्वयं को बचाने का पूरा प्रयास करती है।
(d) उन्हें न तो छोटा समझती है, न ही नज़रअंदाज़ करती है, बल्कि उन्हें साथ लेकर चलती है।
(e) इनमें से कोई नहीं
8. संस्कृति के संदर्भ में संस्कार का क्या आशय है?
(a) माता-पिता, गुरूजनों एवं समस्त बड़ों के प्रति सम्मान भावना।
(b) रीति-रिवाज, कर्म-काण्ड आदि संस्कारों का नियमित पालन
(c) मानवीय शिक्षा, परिष्कार एवं बुद्धिमता जिनका सतत विकास आवश्यक है।
(d) भारतीय संस्कृति के प्रति आदर भाव।
(e) इनमें से कोई नहीं
9. संस्कार और संस्कृति अस्तित्व में आते है।
(a) विभिन्न समुदायों, संप्रदायों, जातियों एवं मतावलम्बियों के बीच आपसी आदान-प्रदान से
(b) एक ही स्थान पर विभिन्न समुदायों, सम्प्रदायों एवं जातियों की उपस्थिति से
(c) विभिन्न देशों के संस्कारों एवं संस्कृतियों को अपनाने से
(d) विभिन्न धर्मां की पुस्तकों के गहन अध्ययन एवं बौद्धिक क्रियाकलापों से
(e) इनमें से कोई नहीं
10. भारतीय संस्कृति की धारा प्रभावित होती रही है।
(a) भारतीय महापुरूषों के जीवन में
(b) महान् ग्रंथों, पुराणों, उपनिषदों आदि के निर्माण से
(c) जाति, धर्म, समुदाय, व्यक्ति एवं विदेशी संस्कृतियों से
(d) पड़ोसी राष्ट्रों के साथ आचार-व्यवहार एवं व्यापार से
(e) इनमें से कोई नहीं
IBPS SO राजभाषा अधिकारी 2018 के लिए हिंदी की प्रश्नोतरी(उत्तर)