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Highlights of RBI: आरबीआई द्वारा जनवरी 2022 में ज़ारी की गयी महत्वपूर्ण सूचनाएँ

Highlights of RBI: आरबीआई द्वारा जनवरी 2022 में ज़ारी की गयी महत्वपूर्ण सूचनाएँ | Latest Hindi Banking jobs_3.1

1. आरबीआई ने धन अंतरण सेवा योजना (Money Transfer Service Scheme – MTSS – MTSS) के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रेषण व्यापार (International Remittance Business) शुरू करने के लिए फिनो पेमेंट्स बैंक को मंजूरी दी। 

  • प्रेषण (Remittances), परिवार और राष्ट्रीय आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और बाहरी वित्तपोषण के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है। भारत के लाभार्थी, बैंकिंग और डाक चैनलों के माध्यम से सीमा पार (cross-border) से आने वाले प्रेषण प्राप्त कर सकते हैं। यूनिवर्सल पोस्ट यूनियन (Universal Post Union – UPU) का अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली (International Financial System – IFS) प्लेटफॉर्म आमतौर पर डाक चैनलों के लिए उपयोग किया जाता है।
  • इसके अलावा, आवक (आने वाले) प्रेषण प्राप्त करने के लिए दो और चैनल/माध्यम हैं, जिसमें पहला रुपया आहरण व्यवस्था (Rupee Drawing Arrangement – RDA) और दूसरा धन अंतरण सेवा योजना (Money Transfer Service Scheme – MTSS)  जो सबसे आम व्यवस्था है जिसके तहत देश में प्रेषण प्राप्त होते हैं।
  • धन अंतरण सेवा योजना (Money Transfer Service Scheme – MTSS)  भारत में लाभार्थियों को विदेश से व्यक्तिगत प्रेषण स्थानांतरित करने का एक तरीका है।

2. आरबीआई ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए रूपरेखा ज़ारी की है। यह रूप रेखा ऑफ़लाइन मोड में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए है। इसमें किसी भी समय ऑफ़लाइन भुगतान लेनदेन की कुल सीमा 2,000 रुपये और ऊपरी सीमा 200 रुपये है।

  • एक ऑफ़लाइन डिजिटल भुगतान का अर्थ एक ऐसा लेनदेन है जिसमें किसी भी प्रकार के इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की आवश्यकता नहीं होती है।
  • इस नए ढांचे के तहत, ये भुगतान किसी भी चैनल या साधन जैसे कार्ड, वॉलेट, मोबाइल डिवाइस आदि का उपयोग करके आमने-सामने/फेस टू फेस (proximity mode) किए जा सकते हैं। ऐसे लेनदेन के लिए ‘प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक/पहलू (Additional Factor of Authentication – AFA)’ की आवश्यकता नहीं होगी। चूंकि लेनदेन ऑफ़लाइन हैं, इसलिए ग्राहक को एक समय अंतराल के बाद अलर्ट (एसएमएस और/या ई-मेल के माध्यम से) प्राप्त होंगे।

3. भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरबीआई अधिनियम, 1934 के तहत एयरटेल पेमेंट बैंक (Airtel Payments Bank) को दूसरे शेड्यूल पेमेंट बैंक का दर्ज़ा दिया और यह दर्ज़ा प्राप्त करने वाला चौथा भुगतान बैंक बन गया।

  • दूसरी अनुसूची में जोड़े गए अन्य भुगतान बैंकों में फिनो पेमेंट्स बैंक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक शामिल हैं।
  • यह बैंक को अपने वित्तीय सेवाओं के संचालन का विस्तार करने में मदद करता है क्योंकि यह सरकार द्वारा संचालित वित्तीय समावेशन योजनाओं में भागीदार बनने के योग्य बनाता है।

4. भारतीय रिज़र्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities – G-Secs) में रिटेल/खुदरा भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए मार्केट मेकिंग योजना शुरू की है जो रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाताधारकों (Retail Direct Gilt Account Holders – RDGAHs) को मूल्य/उद्धरण प्रदान करके उन्हें आरबीआई रिटेल डायरेक्ट (RBI-RD) योजना के तहत प्रतिभूतियों को ख़रीदने/बेचने में सक्षम बनाता है।

  • रिटेल डायरेक्ट योजना व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सुविधा के लिए वन-स्टॉप समाधान (One-Stop Solution) है। इस योजना के तहत व्यक्तिगत खुदरा निवेशक आरबीआई के साथ गिल्ट सिक्योरिटी खाता (Gilt Securities Account) – “रिटेल डायरेक्ट गिल्ट (Retail Direct Gilt – RDG)” खाता खोल सकते हैं। इसे 12 नवंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था।

5. आरबीआई ने घोषणा की कि भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI), भारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम (Industrial Credit and Investment Corporation of India – ICICI) और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (Housing Development Finance Corporation Limited – HDFC) बैंकों को घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक (Domestic Systemically Important Banks – D-SIBs) के रूप में पहचाना जाना ज़ारी रहेगा।

  • रिज़र्व बैंक ने 2015 और 2016 में SBI और ICICI बैंक को D-SIB के रूप में घोषित किया था। HDFC बैंक को 2017 में D-SIB के रूप में भी वर्गीकृत किया गया था। D-SIB ढांचा/प्रारूप साल 2014 में आया था। SBI बकेट 3  D-Sib, HDFC और ICICI बकेट 1 D-Sib है।

6. आरबीआई ने सीआईसी (संशोधन) विनियम, 2021 के विनियमन 3 (J) के तहत क्रेडिट सूचना कंपनियों (Credit Information Companies – CICs) के ‘निर्दिष्ट उपयोगकर्ता’ के रूप में वर्गीकृत होने वाली संस्थाओं के लिए पात्रता मानदंड ज़ारी किया।

  • कंपनी को भारत में निगमित किया जाना चाहिए या भारत में गठित एक सांविधिक निगम होना चाहिए।
  • नवीनतम लेखापरीक्षित बैलेंस शीट (Mmost recent audited balance sheet) में कंपनी की निवल संपत्ति (Net Worth) कम से कम दो करोड़ रुपये होनी चाहिए, और इसे निरंतर आधार पर मानदंड को पूरा करना चाहिए।
  • कॉरपोरेशन के पास क्रेडिट/ऋण संस्थानों की सहायता या लाभ के लिए ज़ानकारी को संसाधित करने के व्यवसाय/गतिविधि में कम से कम तीन (3) वर्ष का अनुभव होना चाहिए, साथ ही एक अच्छा और स्वच्छ ट्रैक रिकॉर्ड भी होना चाहिए।

7. आरबीआई ने ग़ैर-वित्तीय लघु व्यवसाय ग्राहकों से प्राप्त जमा और अन्य ‘धन के विस्तार’ पर तरलता कवरेज अनुपात (Liquidity Coverage Ratio – LCR) बनाए रखने के लिए बैंकों के लिए सीमा को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7.5 करोड़ रुपये कर दिया।

  • सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और भुगतान बैंकों के अलावा)
  • तरलता कवरेज अनुपात (LCR) संभावित चलनिधि व्यवधानों के लिए बैंकों के अल्पकालिक लचीलेपन को बढ़ावा देता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास 30 दिनों तक चलने वाले तीव्र तनाव परिदृश्य से बचने के लिए पर्याप्त उच्च गुणवत्ता वाली तरल संपत्ति (High quality liquid assets – HQLAs) है।

8. आरबीआई ने भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग (Department of payment and settlement systems – DPSS), केंद्रीय कार्यालय (सीओ) के फिनटेक डिवीजन को मिलाकर फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) के लिए एक अलग आंतरिक विभाग की स्थापना की। अजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में नवाचार की सुविधा के लिए।

  • आरबीआई ने अजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में नवाचार की सुविधा के लिए भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग (Department of payment and settlement systems – DPSS), केंद्रीय कार्यालय (सीओ) के फिनटेक डिवीजन को शामिल करके फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) के लिए एक अलग आंतरिक विभाग की स्थापना की।

9. आरबीआई ने 2020-21 (1 जुलाई, 2020 से 31 मार्च, 2021) के लिए लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया है कि सभी 3 लोकपाल योजनाओं के तहत प्राप्त शिकायतों की मात्रा में वार्षिक आधार पर 22.27% की वृद्धि हुई है और कुल संख्या 3,03,107 रही हैं।

  • वार्षिक रिपोर्ट में बैंकिंग लोकपाल योजना  (Banking Ombudsman Scheme – BOS), 2006, ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना (Ombudsman Scheme for Non-Banking Financial Companies – OSNBFC), 2018 और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (Ombudsman Scheme for Digital Transactions – OSDT), 2019 के तहत गतिविधियों को शामिल किया गया है।

10. आरबीआई ने सितंबर 2021 के लिए आरबीआई – डिजिटल भुगतान सूचकांक (RBI – Digital Payments Index) ज़ारी किया और इसमें कहा गया है कि डिजिटल भुगतान सितंबर 2020 में 217.74 के मुकाबले 39.64 प्रतिशत बढ़कर 304.06 हो गया।

  • आरबीआई-डीपीआई में 5 व्यापक मानदंड शामिल हैं जो विभिन्न समय अवधि में देश में डिजिटल भुगतान की गहराई और पैठ को मापने में सक्षम बनाते हैं। ये पैरामीटर हैं – (i) पेमेंट एनेबलर्स (25%), (ii) पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर – डिमांड-साइड फैक्टर (10%), (iii) पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर – सप्लाई-साइड फैक्टर (15%), (iv) पेमेंट परफॉर्मेंस (45%) और (v) उपभोक्ता केंद्रितता (5%)।

11. भारतीय रिज़र्व बैंक 1,000 करोड़ रुपये और उससे अधिक की परिसंपत्ति आकार वाली सभी मौजूदा गैर-जमा स्वीकार करने वाली ग़ैर-बैंकिंग वित्त कंपनी-निवेश और क्रेडिट कंपनियों (NBFC-ICCs) को फैक्टरिंग व्यवसाय करने की अनुमति देता है।

  •  फैक्टरिंग एक प्रकार का लेनदेन है जिसमें एक इकाई (आमतौर पर एमएसएमई या छोटा व्यवसाय) अपनी प्राप्य राशि (ग्राहकों से बकाया) को किसी अन्य इकाई को बेच सकती है, यही एक फैक्टर/कारक कहा जाता है। जैसे एक एनबीएफसी, तत्काल कार्यशील पूंजी या नकदी प्रवाह आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भुगतान में देरी के कारण बाधित हो जाती है।

12. आरबीआई ने 20 जनवरी, 2022 और 24 जनवरी 2022 को 50,000 करोड़ रुपये की ओवरनाइट वैरिएबल रेट रिवर्स रेपो (VRRR) नीलामी आयोजित की,

  • आरबीआई ने तरलता समायोजन सुविधा (Liquidity Adjustment Facility – LAF) के तहत वैरिएबल रेट रिवर्स रेपो (VRRR) नीलामी के माध्यम से बैंकों की बोली के मुकाबले 75,000 करोड़ रुपये के साथ भारत की बैंकिंग प्रणाली को रातोंरात तरलता की पेशकश की।

 

13. अन्य अधिसूचना (Other notification):

  • डेक्कन अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की वर्तमान तरलता की स्थिति पर विचार करते हुए आरबीआई ने बैंक के ग्राहकों पर 1,000 रुपये की निकासी कैप लगा दी है।
  • आरबीआई ने श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक नियमिता, बेंगलुरु (कर्नाटक) के लिए अपने निर्देशों की वैधता को 4 महीने के लिए बढ़ाकर 10 मई, 2022 तक कर दिया।
  • आरबीआई ने इंडियन मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर निकासी पर 1 लाख रुपये की सीमा सहित कई प्रतिबंध लगाए।
  • आरबीआई ने भारत के 12वें लघु वित्त बैंक (SFB) यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (USFBL) के साथ पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (PMC Bank) के एकीकरण के लिए भारत सरकार की मंजूरी की घोषणा की।


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