प्रिय पाठकों !
01 अप्रैल 2017 को नया वित्तीय वर्ष (2017-18) शुरू होने के साथ ही बैंकिग क्षेत्र में सर्वाधिक नौकरियां प्रदान करने वाले IBPS परीक्षा का परिणाम जारी हुआ. IBPS PO, IBPS SO, IBPS Clerk के परिणाम आये और हजारों उम्मीदवारों ने सफ़लता का स्वाद चखा तो वहीँ लाखों को निराशा हाथ लगी. लेकिन ख़ुशी और निराशा के साथ समय अबाध गति से लगातार आगे बढ़ता रहता है. इसके साथ ही नए वित्तीय वर्ष में परीक्षाओं का दौर फिर से शुरू हो चुका है.
SBI PO 2017 और NIACL असिस्टेंट प्रारंभिक परीक्षा चंद दिनों में आपके सामने होंगी. इसमें शामिल होने वाले उम्मीदवार अब अपनी परीक्षा तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे होंगे. इसके साथ ही NICL की भर्ती प्रक्रिया भी जारी हो चुकी है. BoB ने भी अपनी भर्ती प्रक्रिया जारी कर दी है. IPPB जैसे कई परीक्षाओं के परिणाम का भी इंतज़ार है.
कहने का अर्थ है कि अतीत की आशा-निराशा को पीछे छोड़ आगे बढ़ना ही जीवन है. परीक्षाएं होती हैं, परिणाम आता है और कुछ को सफलता मिलती है, तो कुछ को सबक एवं अनुभव. जी हाँ दोस्तों, यदि किसी परीक्षा या परीक्षाओं में आपको सफलता नहीं मिली है, तो इसका अर्थ ये बिल्कुल नहीं कि आप असफल हो गए हैं. वास्तव में आप कुछ अंकों की कमी से अंतिम चयन सूची में शामिल नहीं हो पाए. अब बस आपको इस अंतर को भरना है, इसके लिए सही दिशा एवं मार्गदर्शन के साथ तैयारी, लगातार अभ्यास, टेस्ट सीरीज को हल करते रहना इत्यादि के साथ आपको अन्य कौशल भी विकसित करने होंगे.
कहने का अर्थ है कि अतीत की आशा-निराशा को पीछे छोड़ आगे बढ़ना ही जीवन है. परीक्षाएं होती हैं, परिणाम आता है और कुछ को सफलता मिलती है, तो कुछ को सबक एवं अनुभव. जी हाँ दोस्तों, यदि किसी परीक्षा या परीक्षाओं में आपको सफलता नहीं मिली है, तो इसका अर्थ ये बिल्कुल नहीं कि आप असफल हो गए हैं. वास्तव में आप कुछ अंकों की कमी से अंतिम चयन सूची में शामिल नहीं हो पाए. अब बस आपको इस अंतर को भरना है, इसके लिए सही दिशा एवं मार्गदर्शन के साथ तैयारी, लगातार अभ्यास, टेस्ट सीरीज को हल करते रहना इत्यादि के साथ आपको अन्य कौशल भी विकसित करने होंगे.
विषय पर पकड़, कांसेप्ट की समझ के साथ आपको समय प्रबंधन एवं टॉपिक प्रबंधन को भी बेहतर सीखना होगा. यह कौशल पिछले वर्षों के प्रश्न हल करके, बार-बार टेस्ट सीरीज में शामिल होकर और उसके अनुसार अपना विश्लेषण एवं सुधार करके विकसित किया जा सकता है. समय प्रबंधन एवं टॉपिक प्रबंधन ऐसे कौशल हैं जिससे आप उन कुछ अंकों के अंतर को ख़त्म कर सकते हैं जिससे आप अंतिम चयन से रह जाते हैं या कई बार किसी विषय विशेष में कट-ऑफ अंक न हासिल करने के कारण अन्य विषयों में अच्छे अंक होने पर भी चयन से बाहर हो जाते हैं.
दोस्तों, इस सबके साथ कुछ और चीजें भी जरुरी हैं जिनसे आप परीक्षा हाल में बढ़त हासिल कर सकते हैं. ये कुछ विशेष चीजें हैं – स्वयं पर विश्वास, शांत मस्तिष्क और विजिगीषु प्रवृत्ति (Never Surrender attitude) यानि अंत तक हार न मानने की इच्छा. जी हाँ दोस्तों ये कुछ ऐसे गुण हैं जिससे आप परीक्षा हाल में विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. परीक्षा हाल में जब कंप्यूटर स्क्रीन पर समय तेजी से आगे बढ़ रहा होता है उस वक़्त इन्हीं गुणों या क्षमताओं से ही आप सटीकता के साथ एवं तेजी से प्रश्नों को हल कर सकते हैं.
यदि आपको स्वयं पर विश्वास है तो आप कम समय में सही निर्णय ले सकते हैं यानि टॉपिक और समय प्रबंधन की चुनौती को हल कर सकते हैं. साथ ही शांत मस्तिष्क से आप, आपके पास उपलब्ध समय के अनुसार, प्रश्नों के स्तर या टॉपिक के अनुसार कौन सा प्रश्न करना है और कौन सा छोड़ना है, इसका निर्णय ले सकते हैं. यदि आप शांत मस्तिष्क के साथ परीक्षा हॉल में बैठे हैं तो प्रश्न हल करने के दौरान कहीं अटकने पर आप आसानी से उससे संबंधित कांसेप्ट, फ़ॉर्मूला आदि को याद करके उस उलझन से बाहर निकल सकते हैं.
इसी प्रकार, विजिगीषु प्रवृत्ति सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण गुण है. अक्सर परीक्षा हॉल में कम समय में या कुछ प्रश्नों के हल न निकलने पर हम परेशान होकर भटक जाते हैं. हम सोचने लगते हैं कि अब तो चयन संभव ही नहीं, ऐसे हालात में हम लगभग निष्क्रिय से हो जाते हैं जबकि वहां आपका एक-एक सेकंड बेहद महत्वपूर्ण है. इस समय कभी हार न मानने की प्रवृत्ति आप को इस संकट से उबार सकती है. हो सकता है आपने बेहद महत्वपूर्ण समय गँवा दिया हो, आपसे कुछ प्रश्न हल नहीं हो रहे हों, लेकिन शेष समय और शेष प्रश्न भी आपके लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं. परीक्षा के अंतिम सेकंड तक आप प्रतियोगिता में होते हैं, वास्तव में अंत के कुछ मिनट ही आपकी सफलता या असफलता का फैसला करते हैं. यही वो समय होता है जब आप स्वयं पर विश्वास कर, शांत मष्तिष्क से हार न मानते हुए भी प्रश्नों को हल करने का प्रयास करते हैं और निर्णायक स्कोर करते हैं जो आपके भविष्य बदल सकता है, जो आपके सपने सच कर सकता है, जिससे आप उस पल को जी सकते हैं जिस पर आपको, आपके माता-पिता, परिवार को आप पर बेहद गर्व होगा.
इसलिए दोस्तों, उपरोक्त गुणों को भी अपने अंदर विकसित करें जो आपको मानसिक तौर पर मजबूत करते हैं जिससे आप हर स्तर पर परीक्षा देते हैं और अंततः सफल होते हैं. सफल लोगों के संघर्ष से प्रेरणा लें, असफल लोगों के अनुभवों से सीख लें, अपनी गलतियों एवं असफलताओं से स्वयं को और बेहतर बनायें. इसके बाद आपका कठिन परिश्रम निश्चित रूप से आपको सफलता के शिखर पर पहुंचाएगा.