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IBPS RRB MAINS 2020 HINDI SECTION | सामान्य हिन्दी के प्रश्न (General Hindi Language) quiz : गद्यांश में रिक्त स्थानों की पूर्ति से सम्बंधित प्रश्न

हिन्दी भाषा (HINDI LANGUAGE) Quiz 2020 | Question and Answers

हम सभी जानते हैं कि स्टूडेंट्स की पहली पसंद सरकारी नौकरी पाना यानी गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब करना है. यह सेक्टर उम्मीदवारों को अच्छा पे स्केल देता  है साथ ही जॉब सिक्योरिटी भी देता हैं. इस समय सबसे अधिक जॉब वकेंसी भी बैंकिंग सेक्टर सरकारी और प्राइवेट में निकलती है. ऐसे में हिंदी मीडियम या हिंदी भाषी क्षेत्र  के स्टूडेंट्स  (उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेशको भी सरकारी नौकरियों में ढेरों अवसर मिलते हैं. वे मंत्रालयों, संस्थानों या बैंकिंग और बीमा सेक्टर में जॉब कर सकते हैं.   

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अब IBPS RRB Assistant Mains 2020 मेंस परीक्षा के प्रिपरेशन का समय है, इसलिए, आपको हिंदी सेक्शन तैयारी भी उसी तरह करनी है जैसे आप अंग्रेजी सेक्शन की करते हैं। आज हम आपको सामान्य हिंदी के गद्यांश में रिक्त स्थानों की पूर्ति से सम्बंधित प्रश्न दे रहे हैं :  


 निर्देश (1-10)  नीचे दिए गए गद्यांश में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ गद्यांश के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक के सामने (a), (b), (c), (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पाँचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे गद्यांश के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।   

भारतीय राष्ट्रीयता की अभिवृद्धि के लिये अंग्रेजी के स्थान पर हिन्दी को प्रतिष्ठित करने का प्रस्ताव सर्वप्रथम बांग्ला विद्वानों ने रखा था। बंगाल के महानुभवों ने यह प्रस्ताव इसलिये नहीं किया कि उस समय बांग्ला भाषा उन्नत नहीं थी। उस समय भी बांग्ला साहित्य इतना …(1)… हो चुका था कि उसके मन्दिर का … (2)… अन्य भाषाओं के मन्दिरों के मध्य निजी  ….(3)…. लिए हुये चमक रहा था। बंगीय  ….(4)…. ने हिन्दी भाषा को इतना महत्व इसकी …. (5)…. विशेषताओं के कारण नहीं दिया था। अपने ….(6)…. को दबाकर अपनी भाषिक-साहित्यिक श्रेष्ठता को …..(7)…. करके उन्होंने हिन्दी का इसलिए …(8)… किया था, क्योंकि देश में इस भाषा के …. (9)….. की संख्या अधिक होने के कारण इसे ….(10)…. बनाने का कार्य उनकी दृष्टि में अपेक्षाकृति अल्प श्रम-साध्य था। कितने महान् थे वे लोग, जिनके हृदय में राष्ट्रीयता के इतने श्रेष्ठ भाव थे और जो राष्ट्र पुरुष के महाव्यक्तित्व की स्थापना करने के लिए अपने अहंभाव को दबा लेते थे। हम सभी उनके ऋणी हैं।


Q1.   

(a) विपन्न  

(b) विशद

(c) समृद्ध 

(d) संवृत

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q2. 

(a) कंगूरा  

(b) कंचन 

(c) कुलिश

(d) कलश

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q3. 

(a) वैशिष्ट्य     

(b) वैविध्य

(c) वैचित्र्य

(d) विशेष्य

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q4. 

(a) मुनीश्वरों 

(b) महिषियों

(c) मनीषियों

(d) मनीषाओं

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q5. 

(a) वैचारिक        

(b) साहित्यिक

(c) सांस्कृतिक

(d) आंलकारिक

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q6. 

(a) व्यक्तित्व  

(b) स्वामित्व 

(c) स्वत्व

(d) चरित्र

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q7. 

(a) विज्ञापित 

(b) विश्रुत

(c) विस्मित

(d) विस्मृत

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q8. 

(a) विवर्ण  

(b) वारण

(c) वरुण  

(d) वरण

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q9. 

(a) शुभचिन्तकों  

(b) प्रशंसकों

(c) प्रयोक्ताओं

(d) अध्येताओं

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q10. 

(a) राजभाषा 

(b) राष्ट्रभाषा

(c) उपभाषा

(d) मानक भाषा

(e)इनमें से कोई नहीं 



निर्देश (10-20)  नीचे दिए गए गद्यांश में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ गद्यांश के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक के सामने (a), (b), (c), (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पाँचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे गद्यांश के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।   


भाषा-भेद किसी न किसी रूप और मात्रा से सब समय रहता है। मध्यकाल में जब क्षेत्रीय बोलियाँ अपने-अपने विकास-पथ पर बड़ी तीव्र गति से अग्रसर हो रही थीं, वैसा टकराव-बिखराव न था। भाषायी विवाद और समस्या को जन्म देकर उकसाने-उभारने का सारा श्रेय ब्रिटिश शासन और उसके …..(11)…. को है। यह विरासत हमें उन्हीं की …(12)… दुष्परिणामस्वरूप मिली है। इससे …. (13)…. पाने के लिए सूझ-बूझ और …(14)…. ही आवश्यकता है। परन्तु कभी-कभी ऐसा नहीं हो पाता और …(15)…. स्वार्थ के कारण दृष्टि-पथ …(16)…. पड़ जाता है तथा मनुष्य पथभ्रष्ट ही नहीं, लक्ष्य ….(17)…. भी हो जाता हैं परिणाम यह होता है कि ….(18)…. स्वार्थ वालों की बन जाती है और उनकी …..(19)…. फलवती दिखाई देने लगती है। दाँव-पेंच से ….(20)… व्यक्तियों के निर्विकार चित्त में भी विकार घर बना लेता है जिसे दूर करने के लिए असीम धैर्य, समय तथा सक्रियता की अपेक्षा होती हैं एक बार एकता-सूत्र उलझ जाने पर अभिन्नता को बोध कराना कठिन तथा दुरूह बन जाता है।


Q11. 

(a) नियामकों      

(b) अवधारकों   

(c) अवयवों

(d) समर्थकों

(e)इनमें से कोई नहीं 



Q12. 

(a) प्रत्याशा   

(b) कूटनीति

(c) कृतघ्नता  

(d) कटूक्तियों

(e)इनमें से कोई नहीं 



Q13. 

(a) विरक्ति  

(b) वियुक्ति

(c) त्रास

(d) त्राण

(e)इनमें से कोई नहीं 



Q14. 

(a) सद्भावना  

(b) कूटनीति

(c) चिन्तन 

(d) चातुर्य 

(e)इनमें से कोई नहीं 



Q15. 

(a) विकुंचित 

(b) संकुचित    

(c) अपरोक्ष

(d) प्रच्छन्न 

(e)इनमें से कोई नहीं 



Q16. 

(a) विस्तीर्ण   

(b) संकीर्ण  

(c) धूमित

(d) धूमिल

(e)इनमें से कोई नहीं 




Q17. 

(a) विरत  

(b) रत     

(c) विरक्त

(d) आसक्त  

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q18. 

(a) व्यक्तिगत   

(b) निजी    

(c) निहित  

(d) विहित

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q19. 

(a) प्राप्त्याशा    

(b) विपाशा

(c) अभिलाषा

(d) दुराशा

(e)इनमें से कोई नहीं 


Q20. 

(a) अनभिज्ञ       

(b) अभिज्ञ

(c) अज्ञ

(d) विज्ञ   

(e)इनमें से कोई नहीं 



IBPS RRB 2020 mains 2020 Hindi Language preparation : किस टॉपिक से आते हैं कितने प्रश्न  



Solutions


‘‘भारतीय ————– ऋणी हैं।’’

S1. Ans.(c)

Sol. बांग्ला साहित्य इतना ‘समृद्ध’ हो चुका। 


S2. Ans.(d)

Sol. था कि उसके मन्दिर का ‘कलश’ अन्य भाषाओं के मन्दिरों के मध्य निजी  


S3. Ans.(a)

Sol. ‘वैशिष्ट्य’ लिए हुए चमक रहा था।


S4. Ans.(c)

Sol. बंगीय ‘मनीषियों’ ने हिन्दी भाषा को इतना 


S5. Ans.(b)

Sol. महत्व इसकी ‘साहित्यिक’ विशेषताओं के कारण नहीं दिया था। 


S6. Ans.(c)

Sol. अपने ‘स्वत्व’ को दबाकर अपनी भाविक 

 

S7. Ans.(d)

Sol. साहित्यिक श्रेष्ठता को ‘विस्मृत’ करके 


S8. Ans.(d)

Sol. उन्होंने हिन्दी का इसलिए ‘वरण’ किया था क्योंकि देश में इस भाषा के 


S9. Ans.(c)

Sol. ‘प्रयोक्ताओं’ की संख्या अधिक होने के कारण


S10. Ans.(b)

Sol. इसे ‘राष्ट्रभाषा’ बनाने का कार्य 


‘‘भाषा भेद ———- बन जाता है।’’

S11. Ans.(d)

Sol. उसके ‘समर्थकों’ को है। यह विरासत 


S12. Ans.(b)

Sol. हमें उन्हीं की ‘कूटनीति’ के दुष्परिणामस्वरूप 


S13. Ans.(d)

Sol. मिली है। इसे ‘त्राण’ पाने के लिए  


S14. Ans.(a)

Sol. सूझ-बूझ और ‘सद्भावना’ की आवश्यकता है। परन्तु कभी-कभी ऐसा नहीं हो पाता 


S15. Ans.(b)

Sol. और ‘संकुचित’ स्वार्थ के कारण दृष्टि 


S16. Ans.(d)

Sol. पथ ‘धूमिल’ पड़ जाता है तथा मनुष्य 


S17. Ans.(a)

Sol. पथभ्रष्ट ही नहीं, लक्ष्य ‘विरत’ भी हो जाता हैं परिणाम यह होता है कि 


S18. Ans.(c)

Sol. ‘निहित’ स्वार्थ वालों की बन आती है 


S19. Ans.(d)

Sol. और अनकी ‘दुराशा’ फलवती दिखाई 


S20. Ans.(a)

Sol. दाँव-पेंच से ‘अनभिज्ञ’ व्यक्तियों के निर्विकार चित में भी विकार घर बना लेता है।



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