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नहीं रहे बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर, 67 वर्ष की आयु में निधन

नहीं रहे बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर, 67 वर्ष की आयु में निधन | Latest Hindi Banking jobs_3.1
Rishi Kapoor passes away at 67 after a long battle with Cancer

अस्सी के दशक के हिंदी सिनेमा जगत में पैर रखने वाले और रोमांटिक किरदारों के सरताज ऋषि कपूर ने 67 साल की उम्र में इस दुनियां से अलविदा कह दिया. भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े चेहरे में से एक ऋषि कपूर  ने  कैंसर के साथ लम्बी लड़ाई के बाद H.N. रिलायंस अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली. वर्ष 2018 में कैंसर का पता चला था, जिसके बाद उन्होंने लगभग एक साल तक न्यूयॉर्क में इलाज कराया. जिसके बाद सितंबर 2019 में, वह भारत लौट आये थे. ऋषि कपूर ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत सुपरहिट फिल्म बॉबी के  शुरू की थी, जो  1973 रिलीज़ हुई थी.

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बुधवार की सुबह उनकी हालत बिगड़ने के बाद मुंबई के सर H.N. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था

अमिताभ बच्चन, उनके सहकर्मियों और अच्छे दोस्त में से एक, कई फिल्मों में सह-कलाकार के रूप में कार्य कर चुके हैं आज उनकी मृत्यु का शोक मनाते हुए लिखा, “Rishi Kapoor… gone… passed away. I am destroyed!”




ऋषि कपूर को 80 के दशक के उनके जबरदस्त रोमांटिक किरदारों के  लिए जाना जाना जाता है. वह एक अभूतपूर्व अभिनेता, निर्देशक और निर्माता थे. उन्हें अपने पिता राज कपूर की 1970 की फिल्म मेरा नाम जोकर में एक बाल कलाकार के रूप में अपनी पहली भूमिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला जो उस समय की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक थी. कपूर 1973 में फिल्म बॉबी के साथ डिंपल कपाड़िया के साथ एक वयस्क के रूप में मुख्य भूमिका में थे और उन्हें बॉबी में उनके किरदार के लिए 1974 में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला.


पुरस्कार (Awards)

बॉलीवुड में रोमांटिक लड़के के रूप में फेमस ऋषि कपूर ने वर्ष 1973 से 2000 के बीच 92 फिल्मों में रोमांटिक लीड रोल का किरदार निभाया, जिनमें से 36 फ़िल्में  बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं. वर्ष 2011 में अपनी फिल्म दो दूनी चार (Do Dooni Chaar) के  किरदार के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड जीता और वर्ष 2017  में  कपूर एंड संस में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता(Best Supporting Actor) के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता. 2008 में, उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था. वर्ष 1973 से 1981के बीच वह बारह फिल्मों में अपनी पत्नी नीतू सिंह के साथ दिखाई दिए.

प्रारंभिक जीवन

ऋषि कपूर का जन्म  ऋषि राज कपूर के रूप में चेंबूर, बॉम्बे में अभिनेताओं के परिवार में हुआ था. वह अभिनेता, निर्देशक, निर्माता राज कपूर और उनकी पत्नी कृष्णा राज कपूर के दूसरे बेटे थे. वह अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पोते भी थे, जो अपने समय के महान अभिनेता में से एक थे. उन्होंने अपने भाइयों के साथ कैंपियन स्कूल, मुंबई और मेयो कॉलेज, अजमेर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की.

फिल्मों से पहला परिचय

एक फिल्म के रूप में उन्होंने अपनी शुरुआत राज कपूर की “श्री 420” से की. जिसमें वह एक गाने “प्यार हुआ, इकरार हुआ” में, उन्हें 2 अन्य छोटे बच्चों के साथ बारिश में घूमते हुए देखा जा सकता है. उस समय उनकी उम्र 3 वर्ष थी और उन्होंने एक बार नरगिस को कुछ चॉकलेट की रिश्वत देने का सीन किया था.

फ़िल्मी करियर 

ऋषि कपूर ने राज कपूर की (उनके पिता) 1970 की फिल्म मेरा नाम जोकर में अभिनय शुरू किया, जहाँ उन्होंने अपने पिता की बचपन की भूमिका निभाई. 1973 की फिल्म बॉबी में उन्होंने पहली बार मुख्य किरदार का  रोल निभाया, जिसमें डिंपल कपाड़िया अभिनेत्री थी, जिसके लिए उनके पिता शुरू में राजेश खन्ना को चाहते थे लेकिन उनके पास उस समय पैसा नहीं था. बॉबी इस दशक की सबसे बड़ी हिट बन गई.

51 solo hero films में से उनकी 11 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं, और 41 मल्टी-हीरो फिल्मों में से 25 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं. 1973 से 2000 तक, ऋषि कपूर ने सोलो लीड हीरो के रूप में 51 फिल्में कीं, लेकिन उनमें से 40 फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं और केवल 11 हिट रहीं. उनकी कुछ प्रतिष्ठित फिल्मों के नाम बॉबी, लैला मजनू, रफू चक्कर, सरगम, कर्ज़, प्रेमरोग, नगीना, हनीमून, चांदनी, हीना, बोल राधा बोल और ये वादा रहा” है.

1999 में उन्होंने राजेश खन्ना, ऐश्वर्या राय और अक्षय खन्ना की मुख्य भूमिकाओं वाली फ़िल्म आ अब लौट चलें का निर्देशन भी किया था.

2001–2020

अपने जीवन के अंतिम दो दशक में ऋषि कपूर ने सहायक भूमिका के किरदार निभाये.  उन्होंने – ये है जलवा (2002), हम तुम (2004), फना (2006), नमस्तस्य लंदन (2007), लव आज कल (2009) और पटियाला हाउस (2010) जैसी फिल्मों में काम किया, जिसमें इनके अभिनय सराहा गया. वह British films Don’t Stop Dreaming (2007) और सांभर सालसा (2008) में भी दिखाई दिए. 2010 में, उन्होंने फिल्म दो दूनी चार में नीतू सिंह के साथ ऑनस्क्रीन वापसी की, जिसमें रणबीर कपूर (उनके बेटे) भी थे.

Rishi Kapoor के Famous Quotes

  • Har ishq ka ek waqt hota hai … woh hamara waqt nahi tha … par iska yeh matlab nahi ki woh ishq nahi tha
  • Baadshahat bhaichare ko nahi dekhti
  • Tu saath hokar bhi saath nahi hoti … ab toh rahat mein bhi rahat nahi hoti
  • Hum sainkadon janam lete hai … kabhi pati patni bankar, kabhi premi bankar, toh kabhi anjaane bankar … lekin milte zaroor hai aakhir mein … nahi milenge toh kahani khatam kaise hogi … isse pyar kehte hai
  • Sharaab peene de masjid mein bahetkar ghalib … yah woh jagah dikha de jahan khuda na ho
  • Nawazish, karm, shukriya, meherbani … mujhe baksh diya aapne zindagani
  • Zinda laane ki zaroorat nahi … murde bhi chalenge
  • Bekhabar soye hai woh loot ke woh neendein meri, jazba-e-dil pe taras khane ko jee chahta hai … kabse khamosh hue ho jaane jahan kuch bolo … kya abhi aur sitam dhane ko jee chahta hai



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