UPPSC Syllabus 2020 for PCS
कोरोना का संकट अभी देश में मंडरा रहा है, लेकिन उम्मीदवारों को इस समय का लाभ उठाना चाहिए और अपनी परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए.
Exam
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Conducting Body
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Uttar Pradesh Public Service Commission(UPPSC)
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Exam Level
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State Govt Job – UP
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Vacancies
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200
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Exam Mode
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Offline
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Language
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English and Hindi
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Selection Process
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Age Limit
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21 years to 40 years
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Official Website
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http://uppsc.up.nic.in/
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Eligibility
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Salary
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Syllabus
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UPPSC PCS 2020 चयन प्रक्रिया
- प्रीलिम्स (वैकल्पिक)
- मेंस (लिखित)
- पर्सनलिटी टेस्ट
UPPSC PCS प्रीलिम्स परीक्षा पैटर्न
Paper | Total Questions | Marks | Duration |
---|---|---|---|
Paper-1 – General Studies I | 150 | 200 marks | 2 Hours |
Paper-2 – General Studies II (CSAT) Qualifying in Nature | 100 | 200 marks | 2 Hours |
- प्रीलिम्स परीक्षा का पेपर- II एक क्वालिफाइंग पेपर होगा, जिसमें न्यूनतम 33% अंक लाने होंगे.
- उम्मीदवारों को प्रीलिम्स परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों में उपस्थित होना अनिवार्य है.
- उम्मीदवारों की योग्यता प्रीलिम्स परीक्षा के पेपर -1 में प्राप्त अंकों के आधार पर निर्धारित की जाएगी.
UPPSC सिलेबस 2020- प्रीलिम्स
विषय | प्रश्नों की संख्या | अंक |
---|---|---|
General Studies – I | 150 | 200 |
General Studies– II(Aptitude) | 100 | 200 |
प्रीलिम्स पेपर 1 के लिए, उम्मीदवार को इन टॉपिक्स पर ध्यान देना चाहिए –
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं
- भारतीय इतिहास और राष्ट्रीय आंदोलन
- भारत का भूगोल और विश्व का भूगोल
- भारतीय राजनीति और शासन
- सामाजिक और आर्थिक विकास
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी – सामान्य मुद्दे
- सामान्य विज्ञान
प्रीलिम्स पेपर 2 के लिए, उम्मीदवार को इन टॉपिक्स पर ध्यान देना चाहिए –
- Comprehension
- Interpersonal skills
- Analytical ability and Logical reasoning
- Problem-solving and decision making
- Mental ability
- Elementary Mathematics
- General Hindi
- General English
Practice With,
UPPSC Syllabus 2020- Mains
पेपर का नाम | अंक | समय अवधि |
जनरल हिंदी | 150 | 3 घंटा |
निबंध | 150 | 3 घंटा |
जनरल स्टडीज- I | 200 | 3 घंटा |
जनरल स्टडीज- II | 200 | 3 घंटा |
जनरल स्टडीज – III | 200 | 3 घंटा |
जनरल स्टडीज – IV | 200 | 3 घंटा |
ऑप्शनल विषय– पेपर I | 200 | 3 घंटा |
ऑप्शनल विषय– पेपर II | 200 | 3 घंटा |
General Studies – Paper 1
- भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला, साहित्य एवं वास्तुकला.
- स्वतंत्रता संग्राम
- स्वतंत्रता प्राप्त करनें के बाद देश के अन्दर एकीकरण और पुनर्गठन.
- विश्व के इतिहास में 18वीं सदी से 20वीं सदी के मध्य तक की महत्वपूर्ण घटनाएँ.
- भारतीय समाज और संस्कृति की विशेषताएँ.
- महिलाओं एवं महिला – संगठनों की समाज में भूमिका, जनसंख्या तथा सम्बद्ध समस्याएँ, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ आदि.
- उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज की अर्थव्यवस्था, राज्यव्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव.
- सामाजिक सशक्तिकरण, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता आदि.
- प्राकृतिक संसाधन – जल, मिट्टियाँ एवं वन, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में(मुख्य रूप से भारत के)
- आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई – 1947 ई तक) – महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व एवं समस्याएँ आदि.
- भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएँ – भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी, चक्रवात, समुद्री जल धाराएँ, हवा.
- भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभावनाएं.
- मानव प्रवास – विश्व की शरणार्थी समस्या (भारत-उपमहाद्वीप के सन्दर्भ में).
- सीमान्त एवं सीमाएँ – भारत उपमहाद्वीप के सन्दर्भ में.
- जनसंख्या एवं अधिवास – प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण, स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम.
- उत्तर प्रदेश का विशेष ज्ञान – इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य, वास्तुकला, त्यौहार, लोक-नृत्य साहित्य, प्रादेशिक भाषाएँ, धरोहरें, सामाजिक रीति-रिवाज एवं पर्यटन.
- U.P. का विशेष ज्ञान – भूगोल, मानव एवं प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टी, वन-वन्य जीव, खदान और खनिज, सिंचाई के स्रोत.
General Studies – Paper 2
- भारतीय संविधान – ऐतिहासिक आधार, संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका, विकास, विशेषताएँ, किये गए संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत संरचना.
- संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियां : संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियां, शक्तियों का हस्तांतरण और स्थानीय स्तर पर वित्त और उसमें चुनौतियां.
- केंद्र – राज्य वित्तीय संबंधों में वित्त आयोग की भूमिका.
- शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएँ. वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों का उदय एवं उनका प्रयोग.
- अन्य प्रमुख लोकतान्त्रिक देशों से भारतीय संवैधानिक योजना की तुलना.
- संसद एवं राज्य विधायिका – संरचना, संगठन और कार्य-संचालन, शक्तियां एवं विशेषाधिकार तथा सम्बंधित विषय.
- कार्यपालिका और न्यापालिका की संरचना, संगठन एवं कार्य – सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में भूमिका. जनहित वाद (PIL).
- पीपुल्स एक्ट की मुख्य विशेषताएं.
- लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका.
- भारत का अपने पड़ोसी देशों से सम्बन्ध.
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते.
- भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव.
- महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और मंच – उनकी संरचना, अधिदेश तथा उनका कार्य प्रणाली.
- उ.प्र. के राजनैतिक, प्रशासनिक, राजस्व एवं न्यायिक व्यवस्थाओं की विशिष्ट जानकारी.
- क्षेत्रीय, प्रांतीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के समसामयिक घटनाक्रम (करेंट अफेयर)
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की विशेषताएँ.
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, उनकी शक्तियां, कार्य व उत्तरदायित्व.
- सांविधिक, विनिमयामक और विभिन्न अर्ध – न्यायिक निकाय, नीति आयोग(NITI Aayog) समेत – उनकी विशेषताएँ एवं कार्यभार.
- सरकार की नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास और उनके डिजाइन, कार्यान्वयन और सूचना संचार प्रौद्योगिकी (ICT) से उत्पन्न मुद्दों के लिए हस्तक्षेप
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से सम्बंधित विषय.
- गरीबी और भूख से सम्बंधित विषय एवं राजनैतिक व्यवस्था के लिए इनका निहितार्थ.
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- भारत में खाद्य प्रसंस्करण और सम्बंधित उद्योग – कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान निर्धारण, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन.
- स्वतंत्रता के बाद भारत में भूमि सुधार.
- वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के भारत में प्रभाव, औद्योगिकी नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक संवृद्धि पर प्रभाव.
- आधारभूत संरचना : सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे आदि.
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग.
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण.नई प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, दोहरी और महत्वपूर्ण उपयोगी प्रौद्योगिकियां.
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी, ऊर्जा स्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, कंप्यूटर, जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जागरूकता. बौद्धिक संपदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से सम्बंधित मुद्दे.
- भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य और उपलब्धियाँ, नीति आयोग की भूमिका. सतत विकास लक्ष्यों का उद्देश्य (SDG).
- गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी संवृद्धि.
- सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली.
- प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पाद का भण्डारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता के लिए ई-तकनीकी.
- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से संबंधित मुद्दे – उद्देश्य, कार्यप्रणाली, सीमाएँ, पुनरावृत्ति, बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे, कृषि में प्रौद्योगिकी मिशन
- उत्तर प्रदेश के आर्थिक स्थिति का विशिष्ट ज्ञान- उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का सामान्य विवरण, राज्य के बजट, कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना एवं भौतिक संसाधनों का महत्त्व. मानव संसाधन एवं कौशल विकास, सरकार के कार्यक्रम एवं कल्याणकारी योजनाएँ.
- कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन आदि मुद्दे.
- उत्तर प्रदेश के सन्दर्भ में कानून एवं व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा.
- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां: परमाणु प्रसार के मुद्दे, चरमपंथ और प्रसार, संचार नेटवर्क, मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग की भूमिका, साइबर सुरक्षा, मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी की भूमिका.
- भारत की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां: आतंकवाद, भ्रष्टाचार, उग्रवाद और संगठित अपराध.
- सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन.
General Studies – Paper 4
मानवीय क्रिया में नैतिकता के सार, निर्धारक तत्व और परिणाम, नैतिकता के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता। मानवीय मूल्यों-महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं से सबक, मूल्यों को बढ़ाने में परिवार, समाज और शैक्षिक संस्थानों की भूमिका.
एटीट्यूड(अभिवृत्ति)
कंटेंट, संरचना, कार्य, इसका प्रभाव और विचार और व्यवहार, नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण, सामाजिक प्रभाव और अनुनय के साथ संबंध। सिविल सेवा, निष्पक्षता और गैर-पक्षपात, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवाओं के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा के लिए योग्यता और मूलभूत मूल्य.
इमोशनल इंटेलिजेंस– अवधारणा और आयाम, प्रशासन और शासन में इसकी उपयोगिता और अनुप्रयोग।
भारत और दुनिया के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान.
पब्लिक/ सिविल सेवा वैल्यू और लोक प्रशासन में नैतिकता
सरकारी और निजी संस्थानों में स्थिति और समस्याएं, नैतिक चिंताएं और दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन, जवाबदेही और नैतिक शासन के स्रोत के रूप में कानून, नियम, रेगुलेशन और विवेक, शासन में नैतिक मूल्यों को मजबूत करना, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण में नैतिक मुद्दे, कॉर्पोरेट गवर्नेंस.
शासन में ईमानदारी(प्रोबिटी)
लोक सेवा की अवधारणा, शासन और दार्शनिकता का दार्शनिक आधार, सूचना का आदान-प्रदान और सरकार में पारदर्शिता. सूचना का अधिकार, आचार संहिता, नागरिक चार्टर, सेवा वितरण(सर्विस डिलीवरी) की गुणवत्ता, सार्वजनिक निधियों का उपयोग.
उपरोक्त मुद्दों की केस स्टडी
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