About Statue of Unity
भारत, विविधता, समृद्धि, और ऐतिहासिक धरोहर का देश है, और यह उन चीजों का प्रतीक है जिनपर हम गर्व कर सकते हैं. इन्ही में से एक ऐसा प्रतीक है “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” जो भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और एक अनमोल आकृति है जो हमारी स्वतंत्रता संग्राम के महान वीर और राष्ट्रीय नेता वल्लभभाई पटेल को समर्पित है. इस लेख में, हम “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह कैसे एक ऐतिहासिक और प्रासंगिक प्रतीक बन गया है।
Statue of Unity: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण
“स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” भारत के गुजरात राज्य में स्थित है और यह दुनिया का सबसे ऊंची प्रतिमा है, जो भगवान श्रीराम के भक्त और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल के समर्पित है. इसका निर्माण साल 2013 में शुरू हुआ था और 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल की 143वीं जयंती के मौके पर इस स्मृति का अनावरण किया गया. यह प्रतिमा लाताज जिंदागी की रूपरेखा में है और इसके निर्माण के लिए लाखों लोगों ने अपने योगदान दिया.
Statue of Unity: प्रतिमा की विशेषताएँ
ऊँचाई और आकृति: “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” की ऊँचाई करीब 182 मीटर (597 फीट) है, जो इसे दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा बनाती है। यह प्रतिमा सरदार पटेल की आकृति को दर्शाती है और उनके महत्वपूर्ण भूमिका को याद दिलाती है.
Statue of Unity: ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के महत्वपूर्ण फैक्टर
- 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, इसके बाद चीन की स्प्रिंग टेंपल बुद्धा (153 मीटर), जापान की Ushiku Daibutsu (120 मीटर) और अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) का नंबर है.
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में किया गया है। स्वतंत्र भारत में 560 रियासतों को एकजुट करने का श्रेय सरदार पटेल को दिया जाता है, इसलिये इस प्रतिमा का नाम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ’रखा गया है।
- गुजरात के नर्मदा जिला के केवड़िया में ये मूर्ति स्थापित की गई है। पूरे प्रोजेक्ट पर कुल 2989 करोड़ का खर्च आया है।
- लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की इस प्रतिमा के लिए ‘लोहा दान’ कैंपेन चलाया गया था। देश के कई कोने-कोने से आम लोगों से लोहा दान में मांगा गया था। जिसे पिघला कर प्रतिमा को बनाने में इस्तेमाल किया गया।
- ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को बनाने में 5,700 मीट्रिक टन यानी करीब 57 लाख किलोग्राम स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल हुआ। साथ ही 18,500 मीट्रिक टन छड़ भी इसमें लगा है।
- ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास दर्शकों के लिए 153 मीटर लंबी गैलरी बनाई गई है, जिसमें एक साथ 200 विजिटर आ सकते हैं।
- ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को ऐसे डिजाइन किया गया है कि भूकंप का झटका या 60 मीटर/सेकेंड जितनी हवा की रफ्तार भी इस प्रतिमा को नुकसान नहीं पहुंचा सकती।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के ऊपरी हिस्से में 306 मीटर पैदल पथ को पूरी तरह से मार्बल से तैयार किया गया है।
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