Small Finance Banks: भारतीय बैंकिंग प्रणाली में लघु वित्त बैंक (एसएफबी) एक नई तरह के बैंक हैं। स्माॅल फाइनेंस बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लाइसेंस दिया जाता है और वे मुख्य रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वित्तीय रूप से वंचित और कम सेवा प्राप्त करने वाले वर्गों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
स्माॅल फाइनेंस बैंक वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और देश के सभी कोनों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने के सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण घटक हैं. यह विषय बैंकिंग जागरूकता अनुभागों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बैंकों के प्रकार और उनकी विशेषताएं सभी उम्मीदवारों को पता होनी चाहिए. यहां इस पोस्ट में हमने उम्मीदवारों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्माॅल फाइनेंस बैंकों के बारे में सभी विवरण दिए हैं.
स्माॅल फाइनेंस बैंकों का उद्देश्य (Objective of Small Finance Banks):
- उन क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना जहां पारंपरिक बैंकों की पहुंच कम है।
- छोटे व्यवसायों, सूक्ष्म उद्यमों और सीमांत किसानों को ऋण उपलब्ध कराना।
- बचत खातों और अन्य जमा उत्पादों को बढ़ावा देना।
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।
स्माॅल फाइनेंस बैंकों की विशेषताएं (Features of Small Finance Banks):
- ये बैंक मुख्य रूप से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के रूप में कार्य करते हैं।
- ये ऋण देने और जमा स्वीकारने दोनों में सक्षम होते हैं।
- इन बैंकों की न्यूनतम पूंजी आवश्यकता ₹100 करोड़ है।
- इन बैंकों को अपने कुल ऋण का कम से कम 75% प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों (पीए) को देना होता है, जिसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और वंचित वर्ग शामिल हैं।
स्माॅल फाइनेंस बैंकों का इतिहास (History of Small Finance Banks)
स्माॅल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) भारत में एक विशेष प्रकार के बैंक हैं। जब किसी बैंक के पास एसएफबी लाइसेंस होता है, तो वह लोगों से जमा लेने और ऋण देने जैसी बुनियादी बैंकिंग गतिविधियां कर सकता है। यहां भारत में लघु वित्त बैंकों का संक्षिप्त इतिहास दिया गया है।
- जुलाई 2014 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने छोटे वित्त बैंकों के लिए प्रारंभिक दिशानिर्देश बनाए और जनता से प्रतिक्रिया मांगी.
- नवंबर 2014 में आरबीआई द्वारा छोटे वित्त बैंकों के लिए अंतिम नियम जारी किए गए थे।
- इच्छुक संस्थाओं को जनवरी 2015 तक आवेदन करना था।
- फरवरी 2015 में, RBI ने 72 समूहों को सूचीबद्ध किया जिन्होंने लघु वित्त बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।
- आवेदनों के मूल्यांकन के लिए उषा थोराट के नेतृत्व में एक सलाहकार समिति का गठन किया गया था।
- सितंबर 2015 तक, आरबीआई ने दस समूहों, मुख्य रूप से माइक्रोफाइनेंस एनबीएफसी को एक वर्ष के भीतर लघु वित्त बैंक बनने के लिए अस्थायी लाइसेंस दिए।
- कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक अप्रैल 2016 में शाखाएं खोलने वाला पहला बैंक बन गया।
- अप्रैल 2021 में, RBI ने शिवालिक मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक को लघु वित्त बैंक में बदलने वाला भारत का पहला शहरी सहकारी बैंक बनने की मंजूरी दे दी।
लघु वित्त बैंकों पर लागू अधिनियम
निम्नलिखित अधिनियम लघु वित्त बैंकों पर लागू होते हैं।
- बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999
- भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934
- भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007
- क्रेडिट सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005
- जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम अधिनियम, 1961
RBI के दिशानिर्देश – स्मॉल फाइनेंस बैंक के संचालन के लिए
यहां आरबीआई द्वारा जारी कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं, जो लघु वित्त बैंकों के परिचालन पहलुओं की देखरेख करते हैं। उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि किसी भी अन्य बैंक की तरह, सीआरआर आदि जैसे कुछ प्रावधान लघु वित्त बैंकों पर भी लागू होते हैं.
स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFBs) का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। इन्हें मुख्य रूप से छोटे व्यवसायियों, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लोगों के लिए सेवाएं प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है।
1. स्थापना और लाइसेंस
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RBI के बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 के तहत ही SFBs को लाइसेंस मिलता है।
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ये बैंक छोटी बचत और ऋण सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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प्रारंभिक पूंजी आवश्यकताएं: न्यूनतम ₹200 करोड़ (सामान्य रूप से)।
2. लक्ष्य और उद्देश्य
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छोटे कर्जदारों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
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वित्तीय समावेशन के माध्यम से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग पहुंच बढ़ाना।
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गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (NBFCs) से ग्राहकों को जोड़कर लघु ऋण सुविधा देना।
3. वित्तीय संचालन के दिशा-निर्देश
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ऋण वितरण: SFBs को अपने कुल ऋण पोर्टफोलियो का 75% तक लघु और सूक्ष्म ऋणों में निवेश करना आवश्यक है।
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बचत खाते: बैंक बचत खाता खोल सकते हैं, न्यूनतम शेष राशि और ब्याज दर RBI दिशानिर्देशों के अनुसार।
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वित्तीय स्थिरता: सभी बैंक को न्यूनतम पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CRAR) 15% बनाए रखना अनिवार्य है।
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निषेध और प्रतिबंध: SFBs को बड़े कॉर्पोरेट लोन देने की अनुमति नहीं होती है।
4. प्रबंधन और गवर्नेंस
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बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स: कम से कम 5 निदेशक होने चाहिए, जिसमें अनुभव वाले बैंकिंग और वित्तीय पेशेवर शामिल हों।
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कॉर्पोरेट गवर्नेंस: RBI के गाइडलाइन के अनुसार आंतरिक ऑडिट, जोखिम प्रबंधन और वित्तीय रिपोर्टिंग को सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
5. डिपॉजिट और ऋण उत्पाद
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बचत और चालू खाते: ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सरल और सुविधाजनक खाता विकल्प।
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लघु ऋण: कृषि, खुदरा व्यापार, और छोटे व्यवसायों के लिए।
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अन्य सेवाएं: डिजिटल बैंकिंग, माइक्रो लोन, बीमा और पेंशन उत्पादों की पेशकश।
6. नियामक अनुपालन
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RBI रेगुलर रिपोर्टिंग: सभी बैंक को मासिक और त्रैमासिक रिपोर्ट RBI को जमा करना अनिवार्य।
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लोन रिस्क प्रबंधन: NPA (Non-Performing Assets) नियंत्रण के लिए उचित जोखिम मूल्यांकन।
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ऑडिट और निरीक्षण: RBI समय-समय पर निरीक्षण करता है और अनुपालन सुनिश्चित करता है।
7. डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक सहयोग
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SFBs को डिजिटल लेनदेन, मोबाइल बैंकिंग और UPI भुगतान सेवाओं को अपनाने की सलाह दी जाती है।
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स्थानीय फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग पहुंच बढ़ाई जा सकती है।
List of Small Finance Banks In India
भारत में स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Banks) की पूरी सूची नीचे दी गई है। ये बैंक मुख्य रूप से वित्तीय समावेशन, लघु और सूक्ष्म कर्ज, और ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के लिए कार्यरत हैं।
| # | बैंक का नाम | मुख्यालय |
|---|---|---|
| 1 | AU Small Finance Bank | जयपुर, राजस्थान |
| 2 | Ujjivan Small Finance Bank | बैंगलोर, कर्नाटक |
| 3 | Equitas Small Finance Bank | चेन्नई, तमिलनाडु |
| 4 | Fincare Small Finance Bank | बैंगलोर, कर्नाटक |
| 5 | Jana Small Finance Bank | बैंगलोर, कर्नाटक |
| 6 | North East Small Finance Bank | गुवाहाटी, असम |
| 7 | Suryoday Small Finance Bank | मुंबई, महाराष्ट्र |
| 8 | Capital Small Finance Bank | नई दिल्ली |
| 9 | Utkarsh Small Finance Bank | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
| 10 | ESAF Small Finance Bank | कोचीन, केरल |
नोट:
- सभी SFBs का उद्देश्य वित्तीय समावेशन, ग्रामीण और अर्ध-शहरी बैंकिंग को बढ़ावा देना है।
- ये बैंक लघु व्यवसाय, कृषि, और व्यक्तिगत लघु ऋण प्रदान करते हैं।
- RBI की गाइडलाइन के अनुसार, इन्हें कुल ऋण का बड़ा हिस्सा लघु और सूक्ष्म ऋणों में निवेश करना अनिवार्य है।
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