Latest Hindi Banking jobs   »   COVID-19 का असर : रिजर्व बैंक...

COVID-19 का असर : रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 75 बेसिस पॉइंट घटाकर दर की 4.40%

COVID-19 का असर : रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 75 बेसिस पॉइंट घटाकर दर की 4.40% | Latest Hindi Banking jobs_2.1

RBI Repo Rate 2020: कोरोनवायरस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था(global economy) में उथल-पुथल मचा दी है. दुनिया भर के देश आर्थिक संकट से जूझ रहें हैं और स्थिति गंभीर होती जा रही हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान को रखते हुए RBI ने कुछ अहम् फैसले लिए. RBI ने repo rate में 75 basis points की कमी कर दी है. जिसके बाद अब नई दर 4.40% हो गई है. 
यह भी पढ़ें 

RBI ने अर्थव्यवस्था में liquidity बढ़ाने के लिए रेपो रेट में की कटौती

यह रेपो रेट में सबसे बड़ी कटौती है, जिसे कोरोनोवायरस क्राइसिस को देख्नते हुए किया गया है. आर्थिक संकट के इस दौर में देशवासियों की मदद के लिए यह फैसल RBI ने लिया हैं. केंद्रीय बैंक ने cash reserve ratio को 100 अंक कम करके दर 3% कर दी गई है. बदलाव 28 मार्च से लागू हो गए हैं .



Practice with,

RBI ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. मौद्रिक नीति तय करते समय समीक्षा समिति की बैठक के दौरान ये निर्णय लिए गए. मौजूदा आर्थिक स्थिति पर तीन दिन के विचार-विमर्श के बाद रेपो रेट में कटौती का फैसला किया है.
लॉकडाउन की वजह से देश भर में व्यावसाय पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा हैं. बिज़नेस ठप हो गया है. जिसे देखते हुए समीक्षा समिति की बैठक की की गई. इस समिति के छह सदस्यों में से 4 सदस्यों ने इस कटौती के पक्ष में वोट किया था. RBI ने इस दौरान कहा भी कि current crisis को देखते हुए RBI युद्ध स्तर का  प्रयास कर रही है. RBI ने कहा कि इन कटौतियों के बाद आर्थव्यवस्था की गिरती हुयी स्थिति को सुधरने में मदद मिलेगी.
वित्त मंत्री ने कटौती का स्वागत किया है और कहा है कि यह वित्तीय स्थिरता और विकास को गति देगा. इस मुश्किल परिस्थिति में liquidity पर जोर देने की आवश्यकता है. इन फैसलों से आर्थिक वृद्धि और निवेश में तेजी आएगी.
RBI ने देश में बैंकों और ऋण देने वाले संस्थानों को तीन महीने के लिए पुनर्भुगतान अनुसूची और स्थगन का पुन: संचालन करने का निर्देश दिया है. ये उपाय बड़े NPAs को रोकने के लिए किए जाते हैं जो व्यापार और उद्योगों में निम्न स्तर पर होंगे. यह जोखिम(risk weights) को कम करने का एक तरीका है. यह 1 मार्च 2020 से शुरू होने वाले ऋण संस्थानों द्वारा दिए गए टर्म लोन के लिए काम करेगा. केंद्रीय बैंक के इस कदम से होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को काफी राहत मिलेगी.
RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि ऋण सर्विसिंग को शिफ्ट करने के लिए बोझ को कम करना होगा, ये उपाय निश्चित रूप से काम करेंगे
  • Easing working capital pain
  • Reduce liquidity costs
  • Provide moratorium on term loans
अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों बढ़ रहे तनाव को कम करने में यह उपाय मदद करेगें. RBI ने इन दिनों से liquidity को बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं. जिससे बैंक अपनी अतिरिक्त नकदी निकाल सकें और सिस्टम को पुनर्जीवित कर सकें.
अंत में, आरबीआई ने जिन उपायों की घोषणा की है, उन्होंने जमाकर्ताओं को आश्वस्त किया है कि उनका पैसा सुरक्षित है और बैंक के स्टॉक क्रैश के कारण उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. नागरिकों, उद्योगपतियों, अर्थशास्त्रियों, और व्यापार विश्लेषकों ने कार्रवाई की प्रशंसा की है और इन फैसलों का स्वागत किया है और अनुमान लगाया है कि अर्थव्यवस्था एक बार फिर कोरोना उथल-पुथल के बाद वापस उछाल देगी.



Also Read,



Frequently Asked Questions


Q. क्या है रेपो रेट?
यह वह दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक किसी भी तरह की धनराशि की कमी होने की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. REPO RATE, Repurchase Rate का संक्षिप्त रूप है.

Q. रिवर्स रेपो रेट क्या है?
यह रेपो रेट के बिल्कुल विपरीत है, यह वह दर है जिस पर RBI अल्पावधि के लिए बैंकों से धन उधार लेता है. रेपो रेट हमेशा रिवर्स रेपो रेट से अधिक होता है

Q. रेपो रेट कम होने पर क्या होता है?
Low repo rate की स्थिति में बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से कम लागत पर पैसा उधार ले सकते हैं.

COVID-19 का असर : रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 75 बेसिस पॉइंट घटाकर दर की 4.40% | Latest Hindi Banking jobs_3.1