Mega merger of PSU banks comes into force from April 1, says RBI
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एक बड़े विलय की घोषणा की थी। विलय की इस योजना के अनुसार, 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का 4 बैंकों में विलय किया जाना है। अब, भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर के साथ सूचना जारी की है कि 10 PSBs का मेगा मर्जर नए वित्त वर्ष की शुरुआत से यानी 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी होगा।
हाल ही में जारी, RBI सर्कुलर के अनुसार, 10 PSB को निम्नलिखित तरीके से 4 बैंकों में मर्ज किया जाएगा (As per the recent RBI circular, 10 PSBs will be merged into 4 in the following manner):
- 1 अप्रैल, 2020 से, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की सभी शाखाएं पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं के रूप में काम करेंगी। इसके अलावा, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के जमाकर्ताओं सहित ग्राहकों को 1 अप्रैल, 2020 से पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहकों के रूप में माना जाएगा।
- 1 अप्रैल, 2020 से, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक की सभी शाखाएँ यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखाओं के रूप में काम करेंगी। साथ ही, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक के जमाकर्ताओं सहित ग्राहकों को 1 अप्रैल, 2020 से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों के रूप में माना जाएगा।
- 1 अप्रैल, 2020 से, इलाहाबाद बैंक की सभी शाखाएँ इन्डियन बैंक की शाखाओं के रूप में काम करेंगी। इसके अलावा, इलाहाबाद बैंक के जमाकर्ताओं सहित ग्राहकों को 1 अप्रैल, 2020 से भारतीय बैंक के ग्राहकों के रूप में माना जाएगा।
- 1 अप्रैल, 2020 से सिंडिकेट बैंक की सभी शाखाएँ केनरा बैंक की शाखाओं के रूप में संचालित होंगी। साथ ही सिंडिकेट बैंक के जमाकर्ताओं सहित ग्राहकों को 1 अप्रैल, 2020 से केनरा बैंक के ग्राहकों के रूप में माना जाएगा।
Weekly Current-Affairs One-Liners PDF : 23 मार्च से 29 मार्च 2020 तक
क्या होगा ग्राहकों पर असर :
इन दस बैंकों के मर्जर से चार बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक वजूद में आएंगी। 1 अप्रैल 2020 से पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, केनरा बैंक जैसी बड़ी राष्ट्रीयकृत बैंकों में मर्जर होना है। ग्राहकों पर इस विलय का सीधा असर पड़ेगा। माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा लोन के मामले और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन जैसे काम प्रभावित हो सकते हैं। इस मर्जर के बाद कई बैंकों के खाताधारकों के Bank Account Numbers से लेकर IFSC कोड तक सब बदल जाएंगे। ग्राहकों के ट्रांजेक्शन, कारोबार, जीवन पर सीधा असर पड़ेगा।