निर्देश (1-15) : नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर
दीजिए।
दीजिए।
प्रत्येक कवि युगीन परिस्थितियों से प्रभावित है। साहित्य और जीवन का अविछिन्न
संबंध है। कवि समाज को प्रभावित करता है और उससे प्रेरणा भी ग्रहण करता है। कबीर
के व्यक्तित्व-निर्माण में भी तत्कालीन सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक शक्तियों
का योग है। तत्कालीन परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में कबीर का मूल्यांकन न करने
का परिणाम यह हुआ कि कतिपय समीक्षकों ने कबीर पर ऐसे आरोप लगा दिये हैं जो सर्वथा
निराधार हैं।
संबंध है। कवि समाज को प्रभावित करता है और उससे प्रेरणा भी ग्रहण करता है। कबीर
के व्यक्तित्व-निर्माण में भी तत्कालीन सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक शक्तियों
का योग है। तत्कालीन परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में कबीर का मूल्यांकन न करने
का परिणाम यह हुआ कि कतिपय समीक्षकों ने कबीर पर ऐसे आरोप लगा दिये हैं जो सर्वथा
निराधार हैं।
वस्तुत: न केवल कबीर अपितु समूचे हिन्दी भक्तिकाव्य को सही अर्थों में समझने
के लिए यह आवश्यक है कि तत्कालीन धार्मिक-सामाजिक स्थिति और प्रेरक-शक्तियों का
अध्ययन किया जाय। इस दृष्टि से 8वीं शताब्दी से 15वीं शताब्दी तक का साहित्य विशेष महत्व रखता
है। ग्रियर्सन ने जिस धार्मिक आंदोलन को 15वीं शताब्दी में बिजली की चमक के समान पूरे भारत में फैलने की चर्चा की है,
वह अचानक नहीं फैल गया था। इसके लिए वातावरण
पहले से तैयार हो रहा था। कम-से-कम 8वीं शताब्दी से इसके स्पष्ट प्रमाण मिलने लगते हैं। पूरे देश में वेदमत और
लोकमत का समन्वय हो रहा था। अथवा यह कह सकते हैं कि पंडित-वर्ग तक सीमित शास्त्रीय
चिन्तन के उच्च धरातल का स्थान अब जन-मानस ले रहा था। भाषा और विचार दोनों
दृष्टियों से सम्पूर्ण धार्मिक आंदोलन लोकाभिमुख हो रहा था। संस्कृत का स्थान
जनभाषाएँ ले रही थीं, जिनमें
शास्त्र-निरपेक्ष उग्र विचारधारा का स्वर सुनाई पड़ रहा था।
के लिए यह आवश्यक है कि तत्कालीन धार्मिक-सामाजिक स्थिति और प्रेरक-शक्तियों का
अध्ययन किया जाय। इस दृष्टि से 8वीं शताब्दी से 15वीं शताब्दी तक का साहित्य विशेष महत्व रखता
है। ग्रियर्सन ने जिस धार्मिक आंदोलन को 15वीं शताब्दी में बिजली की चमक के समान पूरे भारत में फैलने की चर्चा की है,
वह अचानक नहीं फैल गया था। इसके लिए वातावरण
पहले से तैयार हो रहा था। कम-से-कम 8वीं शताब्दी से इसके स्पष्ट प्रमाण मिलने लगते हैं। पूरे देश में वेदमत और
लोकमत का समन्वय हो रहा था। अथवा यह कह सकते हैं कि पंडित-वर्ग तक सीमित शास्त्रीय
चिन्तन के उच्च धरातल का स्थान अब जन-मानस ले रहा था। भाषा और विचार दोनों
दृष्टियों से सम्पूर्ण धार्मिक आंदोलन लोकाभिमुख हो रहा था। संस्कृत का स्थान
जनभाषाएँ ले रही थीं, जिनमें
शास्त्र-निरपेक्ष उग्र विचारधारा का स्वर सुनाई पड़ रहा था।
इस आंदोलन का न केवल धार्मिक अपितु सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व भी है।
सामाजिक दृष्टि से यह न्याय और समता का आंदोलन है। यह वर्णाश्रम व्यवस्था में
पिसती, ऊँच-नीच की भेद-भावना में
कराहती तथाकथित अस्पृश्य समझी जाने वाली जाति का आन्दोलन है जो वर्ग-वैषम्य के
अन्यायपूर्ण जुए को उतार कर फेंकने के लिए व्याकुल हो रही थी। राजनीतिक और सामाजिक
दृष्टि से यह युग अत्यन्त कोलाहलपूर्ण और अशान्त था। उत्तर भारत निरन्तर आक्रमणों
का सामना कर रहा था।
सामाजिक दृष्टि से यह न्याय और समता का आंदोलन है। यह वर्णाश्रम व्यवस्था में
पिसती, ऊँच-नीच की भेद-भावना में
कराहती तथाकथित अस्पृश्य समझी जाने वाली जाति का आन्दोलन है जो वर्ग-वैषम्य के
अन्यायपूर्ण जुए को उतार कर फेंकने के लिए व्याकुल हो रही थी। राजनीतिक और सामाजिक
दृष्टि से यह युग अत्यन्त कोलाहलपूर्ण और अशान्त था। उत्तर भारत निरन्तर आक्रमणों
का सामना कर रहा था।
Q1. “वस्तुत: न केवल
कबीर अपितु समूचे हिन्दी भक्तिकाव्य को सही अर्थों में समझने के लिए यह आवश्यक है”। – इस वाक्य में प्रयुक्त ‘समूचे’ शब्द को प्रयोग
नहीं करना हो तो कौन-सा शब्द उसकी जगह सटीक बैठता है ?
कबीर अपितु समूचे हिन्दी भक्तिकाव्य को सही अर्थों में समझने के लिए यह आवश्यक है”। – इस वाक्य में प्रयुक्त ‘समूचे’ शब्द को प्रयोग
नहीं करना हो तो कौन-सा शब्द उसकी जगह सटीक बैठता है ?
(a) समस्त
(b) सभी
(c) सर्वथा
(d) सर्वोचित
(e) उचित
Q2. उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार ‘साहित्य और जीवन का
अविच्छिन्न सम्बन्ध है’
क्योंकि –
अविच्छिन्न सम्बन्ध है’
क्योंकि –
(a) कवि समाज को प्रभावित करता है
(b) कवि समाज से प्रेरणा भी ग्रहण करता है
(c) कवि युगीन परिस्थितियों से प्रभावित होता है
(d) कवि तत्कालीन सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक
स्थितियों से प्रभावित होता है
स्थितियों से प्रभावित होता है
(e) उपर्युक्त सभी
Q3. उपर्युक्त गद्यांश को निम्नलिखित में से किसके अंतर्गत रखा
जा सकता है?
जा सकता है?
(a) संस्मरण
(b) निबंध
(c) रेखाचित्र
(d) आलोचना
(e) जीवनी
Q4. उपर्युक्त गद्यांश में कबीर का जो चित्रण किया गया है उसके
अनुसार, निम्नलिखित में से
अनुसार, निम्नलिखित में से
कौन-सा शब्द उनके व्यक्तित्व के लिए उचित है?
(a) जाति समर्थक
(b) धर्म समर्थक
(c) वर्ग-वैषम्य विरोधी
(d) कर्मकाण्ड समर्थक
(e) ज्ञान विरोधी
Q5. कबीर के व्यक्तित्व-निर्माण में निम्नलिखित किस शक्ति का
योगदान माना जा सकता है?
योगदान माना जा सकता है?
(a) राजनीतिक
(b) सांस्कृतिक
(c) धार्मिक
(d) सामाजिक
(e) उपर्युक्त सभी
Q6. ग्रियर्सन ने निम्नलिखित में किसे 15वीं शताब्दी में बिजली की चमक के समान पूरे भारत में फैलने
की चर्चा की है?
की चर्चा की है?
(a) सांस्कृतिक आंदोलन
(b) धार्मिक आंदोलन
(c) सामाजिक आंदोलन
(d) राजनीतिक आंदोलन
(e) वर्णाश्रम आंदोलन
Q7. ‘भक्ति’ से सम्बन्धित साहित्य का साक्ष्य कब से मिलने की पुष्टि हुई
है?
है?
(a) 8वीं शताब्दी
(b) 10वीं शताब्दी
(c) भक्तिकाल से
(d) 14वीं शताब्दी
(e) 15वीं शताब्दी
Q8. “भाषा और विचार
दोनों दृष्टियों से सम्पूर्ण धार्मिक आंदोलन लोकाभिमुख हो रहा था” इसका तात्पर्य है –
दोनों दृष्टियों से सम्पूर्ण धार्मिक आंदोलन लोकाभिमुख हो रहा था” इसका तात्पर्य है –
(a) देश में वेदमत और लोकमत का समन्वय हो रहा था
(b) शास्त्रीय चिन्तन के उच्च धरातल का स्थान जन-मानस ले रहा था
(c) संस्कृत का स्थान जनभाषाएँ ले रही थीं
(d) उपर्युक्त सभी
(e) केवल (a) और (b)
Q9. उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार “सामाजिक दृष्टिकोण से
भक्ति आन्दोलन मुख्यत: किस प्रकार का आंदोलन था” ?
भक्ति आन्दोलन मुख्यत: किस प्रकार का आंदोलन था” ?
(a) क्षेत्रीय आंदोलन
(b) भाषायी आंदोलन
(c) जातीय आंदोलन
(d) साम्प्रदायिक आंदोलन
(e) न्याय और समता का आंदोलन
Q10. उपर्युक्त गद्यांश में प्रयुक्त ‘निराधार’ शब्द का अर्थ है
(a) जिसका कोई विवरण न हो
(b) जिसका कोई अर्थ न हो
(c) जिसका कोई आधार न हो
(d) जिसका कोई सन्दर्भ न हो
(e) जिसका कोई स्पष्टीकरण न हो
Q11. उपर्युक्त गद्यांश में ‘लोकमत’ के लिए उचित समानार्थक
शब्द है-
शब्द है-
(a) जनश्रुति
(b) जनता-जनार्दन
(c) जनता की राय
(d) जन-रीति
(e) जन-प्रतिनिधि
Q12. ‘समता’ का विलोमार्थक शब्द है-
(a) समानता
(b) विषमता
(c) समभाव
(d) समाहार
(e) विशालता
Q13. निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द ‘व्याकुल’ का समानार्थी नहीं है?
(a) व्यग्र
(b) विकल
(c) कातर
(d) उत्कंठित
(e) संतुष्ट
Q14. उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार “समाज का वह कौन-सा वर्ग था
जो वर्ग-वैषम्य के अन्यायपूर्ण जुए को उतार कर फेंकने के लिए व्याकुल था” ?
जो वर्ग-वैषम्य के अन्यायपूर्ण जुए को उतार कर फेंकने के लिए व्याकुल था” ?
(a) तथाकथित स्पृश्य समझी जाने वाली जाति
(b) तथाकथित अस्पृश्य समझी जाने वाली जाति
(c) तथाकथित संभ्रान्त वर्ग
(d) तथाकथित विद्वान वर्ग
(e) आक्रमणकारी वर्ग
Q15. उपर्युक्त गद्यांश का उपर्युक्त शीर्षक क्या हो सकता
है ?
है ?
(a) युगीन परिस्थितियाँ और उनका कबीर पर प्रभाव
(b) युगीन परिस्थितियाँ और भक्तिकाव्य
(c) युगीन परिस्थितियाँ में अस्पृश्यों की स्थिति
(d) युगीन परिस्थितियाँ और वर्ग वैषम्य
(e) युगीन परिस्थितियाँ और शास्त्र-निरपेक्ष उग्र विचारधारा
हल
S1 Ans. (a)
S2 Ans. (e)
S3 Ans. (d)
S4 Ans. (c)
S5 Ans. (e)
S6 Ans. (b)
S7 Ans. (a)
S8 Ans. (d)
S9 Ans. (e)
S10 Ans. (c)
S11 Ans. (c)
S12 Ans. (b)
S13 Ans. (e)
S14 Ans. (b)
S15 Ans. (a)