Latest Hindi Banking jobs   »   National Judicial Appointments Commission

राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC)

सुप्रीम कोर्ट भारतीय संविधान का संरक्षक है और यह भारतीय संसद के क़ानून की व्याख्या करने वाला सबसे बड़ा अधिकरण है। लेकिन क्या होगा जब इसके स्वयं के पदाधिकारी चिंता का विषय बन जायेंगे? न्यायाधीशों की नियुक्ति भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप के साथ चर्चा में आया था। अब तक एक 20 वर्षीय कॉलेजियम प्रणाली, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पांच सबसे वरिष्ठ जजों के एक पैनल द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए इस्तेमाल की जाती थी जिसे सरकार के विरोध (यदि कोई हो तो) के बावजूद नियुक्तियों की पुष्टि की शक्ति प्राप्त थी. इस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए भारत सरकार द्वारा 2014 में लोकसभा में, विधि और न्याय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा नई ‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक’ लाया गया राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) एक संवैधानिक संस्था है जोकि न्यायाधीशों की वर्तमान नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को बदलने के लिए प्रस्तावित है।

 ☛  एनजेएसी क्या है (राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग)
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) | Latest Hindi Banking jobs_2.1➜ NJAC, सरकार द्वारा प्रस्तावित एक संस्था है जिसमे छ: सदस्य होते हैं — मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठतम न्यायाधीश, विधि एवं न्याय मंत्री और मुख्य न्यायाधीश या प्रधानमंत्री या लोकसभा में विपक्ष के नेता द्वारा नामित किये गए दो प्रतिष्ठित व्यक्ति। NJAC का सचिवालय कानून मंत्रालय के साथ ही प्रस्तावित किया गया था।
 
 ☛  एनजेएसी के सदस्य
➜ इसमें छ: सदस्य होते हैं — मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों, विधि एवं न्याय मंत्री और मुख्य न्यायाधीश या प्रधानमंत्री या लोकसभा में विपक्ष के नेता द्वारा नामित किये गए दो प्रतिष्ठ व्यक्ति, और वे फिर से नामांकन के लिए पात्र नहीं होते हैं।
 ☛  कॉलेजियम प्रणाली क्या है?
➜ कॉलेजियम प्रणाली भारतीय संविधान में वर्णित नहीं है इस प्रणाली को (28 अक्टूबर, 1998) को तीन न्यायाधीशों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के माध्यम से विकसित किया गया था । कॉलेजियम प्रणाली वह है जिसमें भारत का मुख्य न्यायधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायधीश शामिल होते हैं और न्यायधीशों की नियुक्ति और स्थानान्तरण की सलाह देते हैं।
 ☛  कॉलेजियम के खिलाफ क्या तर्क हैं?
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) | Latest Hindi Banking jobs_3.1➜ भारत सरकार ने कॉलेजियम की प्रणाली को ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ परिभाषित किया गया है। भारत सरकार के अनुसार कॉलेजियम प्रणाली भारतीय संविधान द्वारा प्रस्तावित नहीं की गई थी और इसमें पारदर्शिता का अभाव है। सरकार का तर्क है कि कॉलेजियम प्रणाली के अस्तित्व में आने से पूर्व न्यायधीशों का चुनाव संविधान में उल्लिखित तरीके से किया जाता था।
अनुच्छेद 124 और अनुच्छेद 217 राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के न्यायधीशों की नियुक्ति से सम्बंधित है
 
 ☛ एनजेएसी की स्थापना कब हुई थी?
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) | Latest Hindi Banking jobs_4.1➜ राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की स्थापना, संविधान संशोधन द्वारा, लोक सभा में 13 अगस्त, 2014 को और राज्यसभा में 14 अगस्त, 2014 को 99वां संविधान संशोधन विधेयक, 2014 को सर्वसम्मति से पारित कर की गई. इसे कार्यात्मक रूप देने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम 2014 भी संसद द्वारा पारित किया गया इन दोनों विधेयकों को 16 राज्य सरकारों द्वारा अनुसमर्थन के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेज गया यह 13 अप्रैल, 2015 से प्रभावी हुआ। 
 ☛  एनजेएसी की वर्तमान स्थिति
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) | Latest Hindi Banking jobs_5.1➜ एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एनजेएसी को असंवैधानिक  घोषित कर दिया गया। पांच जजों की एक बेंच ने 4:1 के बहुमत से ये फैसला दिया कि जजों की नियुक्ति कॉलेजियम प्रणाली द्वारा ही जारी रखी जाएगी जिसमें मुख्य न्यायधीश का फैसला अंतिम फैसला था।

 

न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से कार्य करती है और एनजेएसी न्यायपालिका को सरकार की देखरेख के अंतर्गत रखने की एक कोशिश थी। हालांकि भारतीय न्यायपालिका धीरे-धीरे कार्य करती है लेकिन अभी भी भारतीय लोगों को भारतीय न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्र संरचना पर बहुत भरोसा है। पारदर्शिता हर प्रणाली में चिंता का विषय बनी रहेगी, अंतर केवल पारदर्शिता की डिग्री में निहित है।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) | Latest Hindi Banking jobs_6.1

FAQs

National Judicial Appointments Commission

National Judicial Appointments Commission