🌌 International Space Station: अंतरिक्ष में बना एक विशाल विज्ञान प्रयोगशाला
International Space Station (ISS) यानी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, पृथ्वी की कक्षा में स्थित एक विशाल अंतरिक्ष प्रयोगशाला है जिसे कई देशों ने मिलकर बनाया है। यह स्टेशन अंतरिक्ष में लगातार मानव उपस्थिति और वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए प्रयोग होता है। आइए जानते हैं कि यह स्टेशन कितना बड़ा है, इसका क्षेत्रफल कितना है और इसमें कितनी तकनीक लगी हुई है।
📐 International Space Station का आकार और क्षेत्रफल
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कुल लंबाई 356 फीट और चौड़ाई 240 फीट है, जो इसे एक फुटबॉल मैदान से भी बड़ा बनाता है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 13,000 वर्ग फीट है। इसमें कई बड़े मॉड्यूल, लंबे सौर पैनल और अन्य जुड़े हुए हिस्से हैं जिन्हें 42 अलग-अलग मिशनों के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया और जोड़ा गया।
🧱 प्रेसराइज्ड वॉल्यूम:
ISS के अंदर का कुल वॉल्यूम 1,005 क्यूबिक मीटर (35,491 क्यूबिक फीट) है, जिसमें से 388 क्यूबिक मीटर (13,696 क्यूबिक फीट) स्थान रहने योग्य है — यह एक 6-बेडरूम वाले घर से भी बड़ा है!
🚀 ISS की गति और यात्रा
ISS पृथ्वी की सतह से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर स्थित है और यह 5 मील प्रति सेकंड (लगभग 28,000 किमी/घंटा) की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करता है। यह हर 24 घंटे में 16 बार पृथ्वी का चक्कर लगाता है, यानी अंतरिक्ष यात्री एक दिन में 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखते हैं।
1 दिन में यह इतना सफर तय करता है जितना कि पृथ्वी से चंद्रमा और वापस आने के बराबर दूरी होती है।
🧑🚀 अंतरिक्ष में जीवन कैसा होता है?
ISS पर अधिकतम 7 अंतरिक्ष यात्री रह सकते हैं। वे विज्ञान प्रयोग, स्पेसवॉक और फिटनेस अभ्यासों में व्यस्त रहते हैं। अब तक अंतरिक्ष से 3.5 मिलियन से अधिक फोटो ली जा चुकी हैं। इस स्टेशन को सुचारु रूप से चलाने के लिए हर साल 52,560 घंटे मानव श्रम की आवश्यकता होती है।
⚙️ टेक्नोलॉजी और डिज़ाइन की बातें
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50 से अधिक कंप्यूटर पूरे स्टेशन को संचालित करते हैं।
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1.5 मिलियन से अधिक लाइनों का सॉफ्टवेयर डेटा, तापमान और हवा को नियंत्रित करता है।
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8 मील लंबी वायरिंग पावर सिस्टम से जुड़ी है।
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Canadarm2 नामक 55 फीट लंबा रोबोटिक आर्म स्टेशन की मरम्मत और प्रयोगों में मदद करता है।
निष्कर्ष
International Space Station मानव इतिहास की सबसे बड़ी अंतरिक्ष परियोजनाओं में से एक है। यह न केवल विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है, बल्कि भविष्य के चंद्र और मंगल मिशनों की भी नींव रख रहा है। इसका विशाल आकार, अत्याधुनिक तकनीक और अद्भुत कार्यप्रणाली इसे अंतरिक्ष में मानवता का सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व बनाती है।
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