Directions (1-10): नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। कुछ शब्दों को मोटे अक्षरों में मुद्रित किया गया है, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी। गद्यांश के अनुसार, दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए।
यह शास्वत सत्य है कि भाषा, मनुष्य के भावों व विचारों के आदान-प्रदान का सशक्त साधन है। यह भी देखने में आया है कि संसार में जितने भी राष्ट्र हैं, प्राय: उनकी राजभाषा वही है जो वहां की संपर्क भाषा है तथा वही राष्ट्रभाषा है जो वहां की राजभाषा है। भारत विविधताओं से भरा देश है जहां अनेकता में एकता झलकती है, उदाहरण के तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप के प्रत्येक राज्य में सुसंस्कारित एवं समृद्ध राज्य-भाषाएं एवं अनेक उपभाषाएँ बोली जाती हैं, अत: यह कहना समीचीन होगा कि भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है। इस परिदृश्य में किसी एक भाषा को महत्व देना कठिन हो जाता है, लेकिन आजादी के बाद सभी भारतीय भाषाओं मे जो भाषा मनोरंजन, साहित्यिक एवं संपर्क भाषा के रुप में ऊभरी है वह हिंदी ही है।
आज हिन्दी को जिस रूप में हम देखते हैं उसकी बाहरी आकृति भले ही कुछ शताब्दियों पुरानी हो, किन्तु उसकी जड़ें संस्कृत, पाली, प्राकृत और अपभ्रंश रूपी गहरे धरातल में फैली हैं। व्याकरण की अत्यधिक जटिलता और नियमबद्धता के कारण इन अपभ्रंश भाषाओं से पुनः स्थानीय बोलचाल की भाषाओं का जन्म हुआ जिन्हें हम आज की आधुनिक भारतीय भाषाओं के रूप में जानते हैं।
हिन्दी भाषा के विकास की प्रक्रिया आधुनिक भारतीय भाषाओं के विकास के साथ ही प्रारंभ होती है। आजादी से पूर्व खड़ी बोली हिन्दी या हिन्दुस्तानी ही सामान्य बोलचाल की एकमात्र ऐसी भाषा थी जो किसी न किसी रूप में देश के ज्यादातर भागों में समझी और बोली जाती थी। अत: एक राष्ट्र और एक राष्ट्रभाषा की भावना यहां जागृत हो उठी और हिन्दी सबसे आगे निकलकर राष्ट्र भाषा, संपर्क भाषा और मानक भाषा बनती चली गई। इस अभियान में गांधी जी की भूमिका अहम रही जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में राजनीतिक और सामाजिक मान्यता और संरक्षण प्रदान किया तथा इसका परिणाम यह रहा कि उत्तरी भारत में हिंदी साहित्य सम्मेलन और दक्षिण भारत में हिन्दी प्रचार सभा जैसी हिन्दी सेवा संस्थाओं का जन्म हुआ, जिसके माध्यम से हजारों अहिंदी भाषी भारतीयों ने स्वैछिक तौर पर हिन्दी को सीखना और अपनाना शुरू किया।
राजनीतिशास्त्र के कई विद्वानों ने इस बात को दोहराया है कि जब कोई देश किसी दूसरे देश को पराजित कर अपना गुलाम बना लेता है, तो वह पराजित देश की सभ्यता, संस्कृति, भाषा आदि को नष्ट करने का भरसक प्रयास करता है, पराधीन देश पर आक्रांताओं द्वारा अपनी भाषा को राजकाज की भाषा के रुप में जबरदस्ती थोपा जाता है ताकि पराधीन देश की आने वाली पीढ़ी यह भूल जाए कि वे कौन थे, उनकी संस्कृति एवं राजभाषा क्या थी। हिन्दी को राजभाषा का स्थान केवल इसलिए नहीं दिया गया कि वह देश की एक मात्र संपर्क भाषा है, बल्कि अंग्रेजी शासन को जड़ों से उखाड़ने के लिए यह आवश्यक हो गया था कि क्रांतिकारियों के बीच में कोई एक भाषा हो जिसमें वह अपनी बात एक दूसरे को समझा सके। यह वह दौर था जब देश अंग्रेजो के शासन से त्रस्त था, लोग आज़ादी के लिए तरस रहे थे। अंग्रेजी विदेशी भाषा थी, जो विदेशी शासन का अनिवार्य अंग थी, अंग्रेजी शासन का विरोध करने के साथ-साथ अंग्रेजी का विरोध करना या उससे संबंधित वस्तुओं का विरोध भी आवश्यक हो गया था।
अतः स्वाधीनता संग्राम के वक्त राष्ट्रीय नेताओं ने स्वदेशीपन या राष्ट्रीय भावना को जागृत करने का प्रयत्न किया। देशवासियों के बीच एकता का संचार करने वाली भाषा के रुप में हिन्दी ऊभर कर सामने आई। देश को आजादी मिलने के बाद यह सामने आया कि देश में संचार की भाषा कोई हो सकती है तो वह हिन्दी ही है। संपर्क या व्यवहार की भाषा के रूप में हिन्दी की अनिवार्यता पर ज़ोर दिया जाने लगा।
Q1. गद्यांश के अनुसार, मनुष्य के भावों व विचारों के आदान-प्रदान का सशक्त साधन क्या है?
Q2. गद्यांश के अनुसार, संसार में जितने भी राष्ट्र हैं, प्राय: उनकी राजभाषा कौन सी भाषा है?
Q3. गद्यांश के अनुसार, किस परिदृश्य में किसी एक भाषा को महत्व देना कठिन हो जाता है?
Q4. गद्यांश के अनुसार, आजादी के बाद सभी भारतीय भाषाओं में जो भाषा मनोरंजन, साहित्यिक एवं संपर्क भाषा के रुप में ऊभरी है, वह भाषा कौन सी है?
Q5. गद्यांश के अनुसार, किस व्यक्ति ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में राजनीतिक और सामाजिक मान्यता और संरक्षण प्रदान किया?
Q6. गद्यांश के अनुसार, जब कोई देश किसी दूसरे देश को पराजित कर अपना गुलाम बना लेता है, तो वह पराजित देश की सभ्यता, संस्कृति, भाषा आदि के साथ क्या व्यवहार करता है?
Q7. गद्यांश के अनुसार, स्वाधीनता संग्राम के वक्त राष्ट्रीय नेताओं ने किसे जागृत करने का प्रयत्न किया?
Q8. गद्यांश के अनुसार, किसकी जड़ें संस्कृत, पाली, प्राकृत और अपभ्रंश रूपी गहरे धरातल में फैली हैं?
Q9. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द “जटिलता” का कौन सा विकल्प समानार्थी अर्थ प्रस्तुत नहीं करता है?
Q10. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द “समीचीन” का समानार्थी शब्द कौन सा है?
Directions (11-15): नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में दो रिक्त स्थान छूटे हुए हैं और उसके पांच विकल्प सुझाए गए हैं। इनमें से कोई दो उन रिक्त स्थानों पर रख देने से वह वाक्य एक अर्थपूर्ण वाक्य बन जाता है। सही शब्द ज्ञात कर उसके विकल्प को उत्तर के रूप में अंकित कीजिए, दिए गए शब्दों में से सर्वाधिक उपयुक्त शब्दों का चयन कीजिए।
Q11.संसार के कुछ देशों के पास _______ शस्त्रों का विशाल भंडार है और वे इसका उपयोग अन्य राष्ट्रों को डराने-धमकाने व __________ में रखने के लिए कर रहे हैं।
Q12. समय के एक ही काल खण्ड में जीवन _________करने वालों में कई अनुभवों के विषय में समानता पाई जाती है और इस संदर्भ में उनकी व्याख्याएँ और अवधारणाएं कई मायनों में __________होती हैं।
Q13. चरित्र शब्द किसी व्यक्ति समाज अथवा राष्ट्र के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को ________ करता है, साथ ही उसकी सभ्यता, संस्कृति आदर्श और सम्पूर्ण __________को चित्रित करता है
Q14. आज हमारे देश में ________ किस सीमा तक पहुँच चुका है, इसका प्रमाण हमें इस तथ्य से मिलता है कि हमारे सत्ता केंद्र के शीर्ष पर बैठे हुए राजनेताओं को स्वीकारोक्ति करनी पड़ रही है और ________रूप से इसका उल्लेख व इसकी चर्चा करने को विवश हैं।
Q15. शिक्षा के क्षेत्र में भारत की स्थिति न केवल __________देशों के मुकाबले निम्न है, बल्कि सच्चाई तो यह है कि __________व गरीब कहे जाने वाले देशों की तुलना में भी भारत बहुत पिछड़ा हुआ है।