COVID 19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस वर्ष सरकार वित्त वर्ष की समयसीमा में विस्तार कर सकती हैं. पर अब सरकर ने स्पष्ट कर दिया है कि वित्त वर्ष की समयसीमा में कोई विस्तार नहीं किया गया है यह प्रत्येक वर्ष की तरह तय समय पर ही शुरू होगा. इससे पहले इंडियन स्टांप एक्ट में कुछ संशोधन किये गए थे जिसे बाद मिडिया में यह खबर चल रही थी कि वित्त वर्ष की समय-सीमा में विस्तार किया जा सकता है.
इंडियन स्टांप एक्ट में कुछ संशोधन करने का उद्देश्य, स्टॉक एक्सचेंजों के जरिये सिक्योरिटी मार्केट लेनदेन या स्टॉक एक्सचेंज डिपोजिटरीज द्वारा क्लियरिंग कॉरपोरेशन से होने वाले लेनदेन के जरिये स्टांप ड्यूटी संग्रह की प्रणाली को सक्षम बनाना है. पहले यह बदलाव 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी होने वाले थे पर अब कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए इसको आगू करने की तिथि बढ़ा कर 1 जुलाई 2020 कर दी गई है.
केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इसका वित्त वर्ष पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मिडिया में चर्चा जोरो पर थी कि सरकार कोरोना के चलते वित्त वर्ष की समय-सीमा का विस्तार कर सकती हैं, जिसका खंडन करते हुए सरकार ने यह स्पष्टीकरण दिया था.
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