GA Topper Series: Central Excise Duty 2022- सरकार ने कई उपायों की घोषणा की जिसमें पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कमी के साथ-साथ प्लास्टिक और स्टील के कच्चे माल के लिए सीमा शुल्क (customs duty) में कमी तथा लौह अयस्क और इस्पात मध्यवर्ती (बिचौलियों) पर निर्यात शुल्क (export duty) में वृद्धि शामिल है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को प्रति गैस सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी देने की भी घोषणा की गई है।
यह कदम क्यों उठाया गया (Why this move)?
चूंकि खुदरा मुद्रास्फीति 8 साल में सबसे उच्च स्तर पर है, इस समय सीपीआई 7.79% है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
इस कदम के क्या प्रभाव हैं (What are the effects of this move)?
इससे जनता का ईंधन बिल (fuel bill) कम होगा। इस प्रकार यह मुद्रास्फीति से निपटने के लिए जनता को लाभान्वित करेगा।
ऑटो ईंधन पर रविवार की प्रभावी कटौती ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय करों को पूर्व-महामारी के स्तर पर ला दिया है। विश्लेषकों ने कहा कि इस कदम से जून से मुद्रास्फीति को 20 आधार अंकों (20 basis points) तक कम करने में मदद मिल सकती है।
इस घटी एक्साइज ड्यूटी से सरकारी राजस्व पर करीब 1 लाख करोड़ का असर पड़ेगा।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क क्या है (What is central excise duty)?
केंद्रीय उत्पाद शुल्क एक अप्रत्यक्ष कर है, अर्थात प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वो अमीर हो या ग़रीब, उन वस्तुओं की ख़रीद पर अप्रत्यक्ष रूप से कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है जिन पर पहले ही शुल्क लगाया जा चुका है। यह कर भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के सातवीं अनुसूची की संघ सूची की प्रविष्टि 84 के अधिकार के तहत प्रशासित है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana)
लॉन्च वर्ष: 2016
मंत्रालय (Ministry): पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (Petroleum and Natural Gas)
ग्रामीण और वंचित परिवारों के लिए रसोई गैस जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गयी एक प्रमुख योजना (flagship scheme) है, अन्यथा वे पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन जैसे कि जलाऊ लकड़ी, कोयला, गोबर के उपले आदि का उपयोग करती थीं। पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन के उपयोग से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ा है।
योजना के तहत मार्च 2020 तक वंचित परिवारों को करोड़ एलपीजी कनेक्शन ज़ारी करने का लक्ष्य था जो 2019 में हासिल कर लिया गया था।
वित्त वर्ष 21-22 के केंद्रीय बजट के तहत पीएमयूवाई योजना के तहत अतिरिक्त 1 करोड़ एलपीजी कनेक्शन ज़ारी करने का प्रावधान किया गया है। इस चरण में प्रवासी परिवारों को विशेष सुविधा दी गई है।
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