अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस ने दक्षिण पूर्व एशिया का पहला कोरल क्रायोबैंक लॉन्च किया
फिलीपींस ने 2025 में दक्षिण-पूर्व एशिया का पहला कोरल लार्वा क्रायोबैंक (Coral Larvae Cryobank) शुरू किया, जिसका उद्देश्य कोरल की आनुवंशिक विविधता को संरक्षित करना और समुद्री रीफ पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा करना है। यह पहल उस समय की गई है जब वैश्विक कोरल आबादी जलवायु परिवर्तन, ब्लीचिंग और मानवीय गतिविधियों के कारण गंभीर खतरे में है।
राज्य
अरुणाचल प्रदेश ने नामचिक में पहली वाणिज्यिक कोयला खदान शुरू की
केन्द्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू ने 6 अक्तूबर 2025 को अरुणाचल प्रदेश की पहली वाणिज्यिक कोयला खदान का उद्घाटन किया। यह खदान चांगलांग जिले के नमचिक-नमफुक क्षेत्र में स्थित है और क्षेत्र के आर्थिक विकास और भारत के ऊर्जा मानचित्र में एक नया अध्याय जोड़ती है।
रक्षा
आईएनएस एंड्रोथ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया
विशाखापत्तनम नौसेना डॉकयार्ड में 6 अक्तूबर 2025 को भारतीय नौसेना ने आईएनएस अन्द्रोथ (INS Androth) को औपचारिक रूप से शामिल किया। यह अत्याधुनिक एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) है और अर्नाला श्रेणी (Arnala-class) का दूसरा जहाज़ है। यह भारत की स्वदेशी नौसैनिक रक्षा क्षमता (Indigenous Naval Defence Capability) की दिशा में एक और सशक्त कदम है।
भारत और ब्रिटेन की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘कोंकण-2025’ शुरू
भारतीय नौसेना और ब्रिटेन की रॉयल नेवी के बीच द्विपक्षीय अभ्यास कोंकण-2025 आज भारत के पश्चिमी तट पर शुरू हुआ। ये अभ्यास सुरक्षित, खुले और समावेशी समुद्र के लिए दोनो देशों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और भारत-ब्रिटेन दृष्टिकोण-2035 में निहित रणनीतिक साझेदारी का उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह अभ्यास 5 से 12 अक्टूबर 2025 तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। इसके बंदरगाह चरण में नौसेना कर्मियों के बीच पेशेवर बातचीत, क्रॉस-डेक दौरे, खेल कार्यक्रम और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल होंगे।
आईसीजीएस अक्षर का जलावतरण: तटरक्षक बेड़े को बढ़ावा
भारतीय तटरक्षक बल के जहाज (आईसीजीएस) 4 अक्टूबर, 2025 को अक्षर का पुडुचेरी के कराईकल में आधिकारिक रूप से जलावतरण किया गया, जो समुद्री आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा डिज़ाइन और निर्मित, यह पोत ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहलों के तहत भारत के रक्षा क्षेत्र की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
सम्मेलन
प्रधानमंत्री 8 अक्टूबर को दिल्ली में आईएमसी 2025 का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अक्टूबर, 2025 को यशोभूमि, नई दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 का उद्घाटन करेंगे। यह आयोजन 11 अक्टूबर तक चलेगा और एशिया के प्रमुख दूरसंचार और तकनीकी सम्मेलनों में से एक होगा, जिसका विषय “नवाचार से परिवर्तन” होगा।
विकसित भारत बिल्डथॉन 2025: भारत का स्कूल इनोवेशन ड्राइव
विकसित भारत बिल्डाथॉन 2025 को भारत का सबसे बड़ा स्कूल-स्तरीय नवाचार चुनौती (School-Level Innovation Challenge) कहा जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों को राष्ट्र निर्माण और विकास लक्ष्यों के अनुरूप विचार करने और समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित करना है। यह पहल देशभर के युवाओं में सृजनशीलता, डिज़ाइन थिंकिंग और समस्या-समाधान (Problem-Solving) की संस्कृति को प्रोत्साहित करती है।
पुरस्कार
भारत के राष्ट्रपति ने 2022-23 के लिए “मेरा भारत – एनएसएस” पुरस्कार प्रदान किए
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 6 अक्टूबर, 2025 को, राष्ट्रपति भवन में वर्ष 2022-23 के लिए मेरा भारत – राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार प्रदान किए। इस समारोह में स्वैच्छिक सेवा और राष्ट्र निर्माण में उनके असाधारण योगदान के लिए छात्रों, कार्यक्रम अधिकारियों और संस्थानों को सम्मानित किया गया।
अर्थव्यवस्था
GST सुधारों से त्योहारी खर्च बढ़ने से नवरात्रि 2025 की बिक्री दशक के उच्चतम स्तर पर
नवरात्रि 2025 के दौरान भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था ने अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की। ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और रिटेल सेक्टर में बिक्री पिछले एक दशक में सबसे ऊँचे स्तर पर पहुंची। Business Standard (3 अक्टूबर 2025) के अनुसार, इस उछाल का मुख्य कारण GST सुधार (GST Rationalisation) था, जिसने प्रमुख श्रेणियों की कीमतों को कम कर उपभोक्ता आत्मविश्वास और खरीद क्षमता को बढ़ाया।
साइंस
दिसंबर में लॉन्च होगा व्योममित्र
भारत अपने गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत एक ह्यूमनॉइड (मानव-सदृश) रोबोट “व्योममित्र” (Vyommitra) को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। यह रोबोट अंतरिक्ष यान के अंदर विभिन्न प्रणालियों का परीक्षण करेगा ताकि भविष्य की मानव उड़ानों से पहले सभी तकनीकी और जीवन-समर्थन तंत्रों की पुष्टि की जा सके।