BRICS 2024 समिट: वैश्विक शक्ति संतुलन की ओर बढ़ता समूह
BRICS (ब्रिक्स) अब केवल पांच देशों तक सीमित नहीं है। साल 2024 से यह संगठन एक नए स्वरूप में सामने आ रहा है, जिसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया, सऊदी अरब (पुष्टि लंबित) और संयुक्त अरब अमीरात जैसे नए सदस्य शामिल हो चुके हैं। इस वर्ष का BRICS शिखर सम्मेलन 22 से 25 अक्टूबर 2024 के बीच कज़ान, रूस में आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कर रहे हैं।
BRICS क्या है?
BRICS एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं – ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका – से मिलकर बना है। इसकी स्थापना 2006 में वैश्विक आर्थिक सहयोग को बढ़ाने और एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। अब नए सदस्यों के जुड़ने से यह संगठन और भी प्रभावशाली बन गया है।
BRICS का इतिहास
- 2001 में पहली बार ‘BRIC’ शब्द का इस्तेमाल जिम ओ’नील द्वारा किया गया।
- 2006 में पहली बार चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई।
- 2009 में पहला शिखर सम्मेलन रूस के येकातेरिनबर्ग में हुआ।
- 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद इसे BRICS नाम मिला।
- 2014 में New Development Bank (NDB) की स्थापना की गई।
- 2023 में BRICS ने 6 नए देशों को 2024 से सदस्य के रूप में आमंत्रित किया।
वर्तमान सदस्य देश (2024 से)
वर्तमान सदस्य | नए सदस्य (01 जनवरी 2024 से) |
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ब्राज़ील | ईरान |
रूस | मिस्र |
भारत | इथियोपिया |
चीन | संयुक्त अरब अमीरात (UAE) |
दक्षिण अफ्रीका | सऊदी अरब (पुष्टि लंबित) |
BRICS के मुख्य उद्देश्य
- सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना।
- आर्थिक विकास और जीवन स्तर सुधारना।
- IMF और वर्ल्ड बैंक जैसी पारंपरिक वित्तीय संस्थाओं का विकल्प तैयार करना।
- वैश्विक शासन में संतुलन और न्याय सुनिश्चित करना।
BRICS के सहयोग के क्षेत्र
- वित्त और केंद्रीय बैंकिंग
- व्यापार और निवेश मंच
- स्वास्थ्य, विज्ञान एवं तकनीक
- सुरक्षा, आतंकवाद, और कृषि
- आपदा प्रबंधन और युवा कार्यक्रम
BRICS शिखर सम्मेलन की सूची और अध्यक्षता
BRICS Summits |
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वर्ष | मेज़बान देश | तिथि | अध्यक्ष |
2009 | रूस | 16 जून | दिमित्री मेदवेदेव |
2010 | ब्राज़ील | 15 अप्रैल | लूला डा सिल्वा |
2011 | चीन | 14 अप्रैल | हू जिंताओ |
2012 | भारत | 29 मार्च | मनमोहन सिंह |
2013 | दक्षिण अफ्रीका | 26-27 मार्च | जैकब जुमा |
2014 | ब्राज़ील | 15-16 जुलाई | दिलमा रूसेफ |
2015 | रूस | 8-9 जुलाई | व्लादिमीर पुतिन |
2016 | भारत | 15-16 अक्टूबर | नरेंद्र मोदी |
2017 | चीन | 3-5 सितंबर | शी जिनपिंग |
2018 | दक्षिण अफ्रीका | 25-27 जुलाई | सिरिल रामफोसा |
2019 | ब्राज़ील | 13-14 नवंबर | जेयर बोलसोनारो |
2020 | रूस (वर्चुअल) | जुलाई | व्लादिमीर पुतिन |
2021 | भारत | सितंबर | नरेंद्र मोदी |
2022 | चीन (वर्चुअल) | 23 जून | शी जिनपिंग |
2023 | दक्षिण अफ्रीका | 22-24 अगस्त | सिरिल रामफोसा |
2024 | रूस | 22-25 अक्टूबर | व्लादिमीर पुतिन |
अध्यक्षता में रूस के प्रमुख लक्ष्य
- अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में BRICS की भूमिका को मजबूत करना।
- सदस्य बैंकों के बीच सहयोग और BRICS मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देना।
- कर और सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच तालमेल बढ़ाना।
नए सदस्यों के आने से BRICS में क्या बदलाव होंगे?
- विविधता में वृद्धि: भौगोलिक और आर्थिक दृष्टिकोणों में विविधता आएगी।
- निर्णय लेना होगा कठिन: अधिक सदस्य होने से सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- चीन-भारत संबंध: संगठन की दिशा इन दो देशों के बीच संतुलन पर भी निर्भर करेगी।
- वैश्विक प्रभाव: नए सदस्य देशों के साथ BRICS अब वैश्विक GDP का 37% और जनसंख्या का बड़ा हिस्सा प्रतिनिधित्व करेगा।
अंत में
BRICS 2024 शिखर सम्मेलन सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि उभरती शक्तियों के एक नए वैश्विक मंच की दिशा में बड़ा कदम है। सदस्य देशों को मिलकर न केवल आर्थिक, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी ठोस रणनीति बनानी होगी ताकि संगठन का प्रभाव वैश्विक स्तर पर और बढ़ सके।