मारिया कोरीना माचाडो को मिला नोबेल शांति पुरस्कार 2025 – वेनेज़ुएला की “लोकतंत्र की लौ” बनीं विश्व की नई आशा
ओस्लो (नॉर्वे): 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेज़ुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरीना माचाडो (María Corina Machado) को प्रदान किया गया है। नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने उन्हें “तानाशाही के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखने वाली साहसी महिला” बताया।
कमेटी के अनुसार, “मारिया कोरीना माचाडो ने शांतिपूर्ण तरीके से तानाशाही से लोकतंत्र की ओर परिवर्तन के लिए निरंतर संघर्ष किया। उन्होंने यह दिखाया कि लोकतंत्र के उपकरण ही शांति के उपकरण हैं।”
कौन हैं मारिया कोरीना माचाडो?
मारिया कोरीना माचाडो वेनेज़ुएला की एक जानी-मानी राजनीतिक नेता, समाजसेवी और लोकतंत्र की मुखर आवाज़ हैं। वे Vente Venezuela नामक उदारवादी (liberal) राजनीतिक पार्टी की राष्ट्रीय संयोजक (National Coordinator) हैं, जिसे उन्होंने 2013 में सह-स्थापित किया था।
वे 2010 से 2015 तक वेनेज़ुएला की नेशनल असेंबली की सदस्य रहीं, लेकिन 2014 में मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद उन पर देशद्रोह, साजिश और यात्रा प्रतिबंध जैसे कई आरोप लगाए गए, पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
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लोकतंत्र की लड़ाई में अग्रदूत
माचाडो ने सूमाते (Súmate) नामक नागरिक संगठन की स्थापना की, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए कार्य करता है। उन्होंने SoyVenezuela नामक लोकतांत्रिक गठबंधन की भी शुरुआत की, जिसका उद्देश्य वेनेज़ुएला को एक सशक्त लोकतांत्रिक देश बनाना है।
2024 के विवादित राष्ट्रपति चुनाव में, जब सरकार ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी, तब भी उन्होंने पीछे नहीं हटते हुए विपक्षी प्रतिनिधि एडमुंडो गोंज़ालेज़ उर्रुटिया का समर्थन किया। उन्होंने नागरिकों के साथ मिलकर मतदान केंद्रों की निगरानी, वोटों की गणना का दस्तावेजीकरण और चुनावी धोखाधड़ी को उजागर करने का अभियान चलाया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
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BBC की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं (2018) की सूची में शामिल
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चार्ल्स टी. मनाट पुरस्कार (2014)
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लिबर्टाद कॉर्टेस दे काडिज़ पुरस्कार (2015)
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लिबरल इंटरनेशनल फ्रीडम प्राइज (2019) की विजेता
उनका संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय भी है — उन्होंने लाखों वेनेज़ुएलावासियों को यह विश्वास दिलाया कि लोकतंत्र तानाशाही पर हमेशा भारी पड़ सकता है।
आर्थिक दृष्टिकोण
मारिया कोरीना माचाडो का आर्थिक दृष्टिकोण स्पष्ट और साहसिक है — वेनेज़ुएला की तेल उद्योग का निजीकरण, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से पुनः सहयोग, और बाज़ार आधारित अर्थव्यवस्था की पुनर्बहाली। उनकी आर्थिक नीति की तुलना अक्सर अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जावियर मिलेई के दृष्टिकोण से की जाती है।
शिक्षा और व्यक्तिगत जीवन
मारिया कोरीना माचाडो ने Universidad Católica Andrés Bello से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है और IESA से वित्त (Finance) में विशेष योग्यता प्राप्त की है।
नोबेल शांति पुरस्कार की प्रक्रिया
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन एक गोपनीय और सख्त प्रक्रिया के तहत किया जाता है। केवल कुछ चुनिंदा लोग — जैसे सरकार के सदस्य, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, पूर्व नोबेल विजेता आदि — नामांकन भेज सकते हैं।
नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी जनवरी के अंत तक प्राप्त नामांकनों की समीक्षा करती है और विजेता का चयन सम्मति या बहुमत से करती है।
नोबेल शांति पुरस्कार के रोचक तथ्य
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अल्फ्रेड नोबेल ने 1895 में इस पुरस्कार की स्थापना की थी।
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अब तक यह 106 बार दिया जा चुका है, जबकि 19 बार इसे रोक दिया गया था।
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मलाला यूसुफजई सबसे कम उम्र (17 वर्ष) की विजेता रहीं।
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अब तक 20 महिलाएं इस पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।
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यह पुरस्कार ओस्लो (नॉर्वे) में दिया जाता है, जबकि बाकी नोबेल पुरस्कार स्टॉकहोम (स्वीडन) में दिए जाते हैं।
मारिया कोरीना माचाडो सिर्फ एक राजनीतिक चेहरा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की उस अडिग आवाज़ का प्रतीक हैं जो तानाशाही के सन्नाटे में भी गूंजती है। 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार उनके लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए है जो स्वतंत्रता, शांति और न्याय की राह पर डटे हैं।