भारत सरकार ने ग्रामीण बैंकिंग प्रणाली को और अधिक मजबूत और कारगर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय के अधीनस्थ वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने “One State, One RRB” नीति के तहत देशभर के 26 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) का विलय करने की अधिसूचना जारी कर दी है. इस ऐतिहासिक निर्णय का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच, कार्यक्षमता और लागत दक्षता को बेहतर बनाना है.
क्यों है One State One RRB योजना चर्चा में-
केंद्र सरकार ने हाल ही में One State One RRB योजना के तहत ग्रामीण बैंकिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव करते हुए राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक और बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का विलय कर “राजस्थान ग्रामीण बैंक” के नाम से एक नई इकाई बनाने को मंजूरी दे दी है. यह नया बैंक SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) की स्पॉन्सरशिप में 1 मई 2025 से प्रभावी रूप से काम शुरू करेगा.
क्या है ‘One State, One RRB’ योजना?
“One State, One RRB” योजना सरकार द्वारा लागू की गई एक प्रमुख बैंकिंग सुधार नीति है, जिसके तहत प्रत्येक राज्य में केवल एक ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) होगा। इसका मुख्य उद्देश्य है:
-
बैंकिंग संचालन में एकरूपता लाना
-
तकनीकी और मानव संसाधनों का कुशल उपयोग
-
प्रशासनिक लागत में कमी लाना
-
ग्रामीण ग्राहकों को तेज और सरल सेवाएं उपलब्ध कराना
यह योजना RRB एकीकरण (consolidation) प्रक्रिया का चौथा चरण है, जो वर्ष 2023 में शुरू हुई थी और अब 2025 में इसका बड़ा विस्तार देखने को मिला है।
आरआरबी एकीकरण प्रक्रिया
- केंद्र सरकार द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के एकीकरण की प्रक्रिया वर्ष 2004-05 में शुरू की गई थी। इस प्रक्रिया के तहत तीन चरणों में वर्ष 2020-21 तक आरआरबी की संख्या को 196 से घटाकर 43 कर दिया गया।
- आरआरबी की स्थापना RRB अधिनियम, 1976 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि श्रमिकों और कारीगरों को ऋण और अन्य सुविधाएं प्रदान करना था।
किसे किया गया है विलय और इसका असर
सरकार ने 10 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश में कार्यरत 26 RRBs का आपस में विलय कर दिया है। इस विलय के बाद अब भारत में 28 RRBs बचेंगे, जो देश के 700 जिलों में अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।
-
कुल 22,000 से अधिक शाखाएं अब इन 28 RRBs के अंतर्गत कार्य करेंगी
-
इनमें से 92% शाखाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं
-
ग्राहकों को अब एकीकृत बैंकिंग अनुभव मिलेगा – एक ही बैंक में खाते, सेवाएं और सुविधाएं
क्या होंगे One State One RRB कदम के फायदे?
1. बेहतर स्केल और नेटवर्क:
एकीकृत बैंकिंग मॉडल से RRBs बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी, ऋण योजनाएं और ग्राहक सेवा में सुधार कर सकेंगे।
2. लागत में कटौती:
प्रशासनिक खर्चों में कमी आने से संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा।
3. डिजिटल बैंकिंग में तेजी:
अब डिजिटल सेवाओं जैसे मोबाइल बैंकिंग, UPI, AEPS को ग्रामीण इलाकों में और तेज़ी से लागू किया जा सकेगा।
4. ग्राहक अनुभव में सुधार:
उत्पादों, ब्याज दरों और नीतियों से ग्राहकों को आसान और पारदर्शी सेवाएं मिलेंगी।
सरकार का दृष्टिकोण
सरकार का कहना है कि “One State, One RRB” नीति से RRBs आत्मनिर्भर और वित्तीय रूप से सशक्त बनेंगे। इसके तहत बैंक अपने कर्ज वितरण, एनपीए प्रबंधन और ग्रामीण विकास योजनाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा, यह नीति PM मोदी के “संपूर्ण डिजिटल ग्रामीण भारत” विजन को भी गति प्रदान करेगी.