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अप्रैल में पिछले 11 साल के उच्च स्तर 10.49% पर पहुँचा थोक मूल्य सूचकांक (WPI hits 11-year high of 10.49% in April) – करेंट अफेयर्स स्पेशल सीरीज

अप्रैल में पिछले 11 साल के उच्च स्तर 10.49% पर पहुँचा थोक मूल्य सूचकांक (WPI hits 11-year high of 10.49% in April) – करेंट अफेयर्स स्पेशल सीरीज | Latest Hindi Banking jobs_3.1


WPI hits 11 years high of 10.49% in April: Current Affairs Special Series


Adda247 अपने सभी उम्मीदवारों के एक नई करेंट अफेयर्स स्पेशल सीरीज़ की शुरुआत की है, इस सीरीज़ में, रोज़ाना (daily basis) पर Candidates को महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स के टॉपिक्स में किसी एक टॉपिक के बारे में Detailed information दी जाएगी, जिससे न केवल उनकी जनरल अवेयरनेस में सुधार होगा, बल्कि परीक्षा में उम्मीदवार कर्रेंट अफेयर्स विषय से पूछे जाने वाले सवाल का जवाब Confident के साथ दे सकेगे.


 इसी कड़ी में आज का हमारा करेंट अफेयर्स टॉपिक है- अप्रैल में पिछले 11 साल के उच्च स्तर 10.49% पर पहुँचा थोक मूल्य सूचकांक (WPI hits 11-year high of 10.49% in April). यदि आप किसी Government Bank Job में जाना चाहते है तो ये बहुत ही जरुरी हो जाता है कि आपको – इकोनोमी जैसे करेंट अफेयर्स की अच्छी Knowledge हो.




अप्रैल में पिछले 11 साल के उच्च स्तर 10.49% पर पहुँचा थोक मूल्य सूचकांक (WPI hits 11-year high of 10.49% in April) – करेंट अफेयर्स स्पेशल सीरीज 



WPI Inflation Effect: वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में एक डेटा जारी किया है जिसके
अनुसार अप्रैल 2021 में थोक मूल्य सूचकांक (
WPI) आधारित मुद्रास्फीति 10.49% थी। इसके कारण बेसिक धातुओं, ईंधन और बिजली में तेज
वृद्धि पर भारत का
WPI पिछले 11 सालों के उच्च स्तर यानी 10.49% पर पहुँच गया
है। ईंधन तथा विनिर्माण वस्तुओं की मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर
क्रमशः 20.94% और 9.01% हो गई है जो कि मार्च
महीने में
10.25% और 7.34% थी।

  • प्रमुख खाद्य पदार्थों जैसे फल, मांसाहारी
    प्रोटीन वस्तुओं
    आदि की
    WPI मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 4.9% हो गई है। 
  • अप्रैल 2020 के
    थोक मुद्रास्फीति के निम्न आधार
    (-1.57) ने अप्रैल
    2021 में मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण वस्तुओं को महँगा कर दिया है। 
  • रेटिंग
    एजेंसी
    ICRA के मुख्य अर्थशास्त्री ने
    कहा कि “
    WPI मुद्रास्फीति ने एक बार फिर नकारात्मक परिणाम दिया है तथा
    यह अप्रैल 2021 में बढ़कर
    10.5% हो गई है।
 

पिछले तीन महीने का रिकॉर्ड देखा जाए तो अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.29% हो गई है जिसे
विशेषज्ञ अस्थायी मान रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति में आई
यह कमी अस्थाई है क्योंकि किसी भी चीज के नीचे जाने की भी एक सीमा होती है। ईंधन
की कीमतें बढ़ रहीं हैं तथा न खराब होने वालों की कीमतें अभी भी ऊँची हैं।


अर्थशास्त्री इस उम्मीद में हैं कि वस्तुओं की
कीमतों में वृद्धि के साथ ही
WPI में अभी और वृद्धि देखने को मिलेगी। अप्रैल में धान, गेहूँ
जैसे अनाज तथा प्याज और दालों में थोक मुद्रास्फीति में गिरावट आई है जो कि यह दर्शाती
है कि सरकार महामारी के समय में आवश्यक खाद्य वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए
प्रतिबद्ध है। सरकार की मूल्यों को स्थिर करके आवश्यक खाद्य पदार्थों का बफर स्टॉक
बनाने की पहल से सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।


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