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विविधिता में एकता के प्रतीक – Baisakhi 2021, नववर्ष विक्रम संवत 2078, गुड़ी पड़वा, बैसाखी, उगाडी (ugaadi) त्यौहारों की शुभकामनाएं.

विविधिता में एकता के प्रतीक – Baisakhi 2021, नववर्ष विक्रम संवत 2078, गुड़ी पड़वा, बैसाखी, उगाडी (ugaadi) त्यौहारों की शुभकामनाएं. | Latest Hindi Banking jobs_2.1


हमारे सभी साथियों और पाठकों को हिन्दू नववर्ष की शुभकामनाएं. 
आज से चैत्र नवरात्र और हिंदू नववर्ष शुरू हो रहा है.  आज 13 अप्रैल से हिन्दू कैलेंडर का नववर्ष विक्रम संवत 2078  शुरू हो गया. बैंकर्स अड्डा आप सभी को हिंदी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देता है

नव वर्ष के शुभारंभ के प्रतीक के रूप में देशभर में यह त्यौहार गुड़ी पड़वा, बैसाखी, उगाडी (ugaadi), विशु, नवरेह और अन्य अलग-अलग अनेक नामों से मनाया जाता है, आज के दिन ये त्योहार देश की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं।

देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘चैत्र शुक्लादि, उगादी, गुड़ी पड़वा, चेटी चंड, बैसाखी, विशु, नवरेह और साजिबू चेराओबा त्योहारों के पावन मौके पर मैं सभी नागरिकों को शुभकामनाएं देता हूं।

ये त्योहार देशभर में विभिन्न तरीकों से मनाये जाते हैं और ये विविधिता में एकता के प्रतीक हैं । त्योहार हमारे जीवन को एक नयी सकरात्मकता और नयी सोच के लिए उर्जा से भर देते हैं. 


Baisakhi 2021: क्या है बैसाखी का महत्व 

हर साल अप्रैल के महीने में बैशाखी का पावन पर्व मनाया जाता है. यह त्योहार मुख्यत: पंजाब और हरियाणा में बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस पावन दिन किसान अपने फसलों की कटाई कर शाम के समय में आग जलाकर उसके चारो ओर एकत्र होते हैं, जिस वजह से   इस त्योहार को कृषि पर्व के नाम से भी जाना जाता है। बैशाखी के दिन से ही देश के कई हिस्सों में फसलों की  कटाई शुरु होती है। 


बैशाखी को मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं। बैशाखी बंगाली कैलेंडर का पहला दिन माना जाता है। बंगाल में इस दिन उत्सव मनाया जाता है। बंगाल में इस दिन बेहद ही शुभ माना जाता है।


आपको बता दें कि आज से नवरात्री भी शुरू हो रहे हैं,, इसलिए इनका भी हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्व होता है, आयए जानते हैं   नवरात्रि त्योहार  के बारे में : 


नवरात्रि त्योहार हिंदू देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है. संस्कृत भाषा के शब्द नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ “नौ रातें” हैं. इन नौ दिनों तक, पूरे भारत में देवी के नौ रूपों या प्रकारों की पूजा-अर्चना की जाती है. जो विभिन्न शक्तियों का  प्रतीक हैं. ये शक्तियां आपके जीवन को सफल और खुशहाल बनाने में मदद करती हैं.



कौन सी हैं नवरात्र की ये नौ शक्तियां हैं जरुरी –


  • शैलपुत्री – यह शक्ति का प्रवाह हैं,यह हमारे मन को मजबूत बनाती हैं, जिससे हम अपने लक्ष्य के प्रति दृढ रहें और कभी हार न मानें.
  • ब्रह्मचारिणी –इनसे ब्रह्मचर्य शक्ति मिलती है. ब्रह्म का अर्थ होता है अनंत और चर्य का अर्थ  चलना है. जब आप मन का विस्तार अनंत तक करते हैं तो चिंता दूर होती हैं.
  • चंद्रघंटा – यह दिमाग की अस्थिरता को दूर करके दिमाग को एकाग्रता प्रदान करती हैं.
  • कुष्मांडा – यह हमारे अन्दर प्राण स्वरूप में मौजूद हैं, हमें अनुभव कराती हैं कि हम पूर्ण हैं. मनुष्य के लिए कोई मुश्किल असंभव नहीं हैं, इसका आत्मविश्वास देती हैं.
  • स्कंदमाता – यह कौशल, करुणा और साहस की प्रतीक हैं. किसी भी विपरीत परिस्थिति से लड़ने का सहस या बल प्रदान करती हैं.
  • कात्यायनी – यह नकारात्मकता भावना को समाप्त करती हैं. 
  • कालरात्रि – यह ज्ञान में वृद्धि करती हैं और सफलता के मार्ग में आने वाली समस्याओं को दूर रखती हैं.
  • महागौरी – यह मनुष्य के अन्दर सकारात्मत ऊर्जा का संचार करती हैं, दुःख को समाप्त करती हैं और खुशियाँ प्रदान करती हैं.
  • माता सिद्धिदात्री – यह सिद्धि देने वाली अर्थात अगर आप कुछ प्राप्त करना चाहते हैं और उसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं तो सफलता प्राप्त जरुर करेंगे. 



जब, इस समय पूरी दुनियां में COVID 19 का  खतरा मंडरा रहा हैं. हम आपको सलाह देते हैं कि आप इस समय देवी पूजा करना चाहते हैं तो घर पर ही करिए. हम आपकी भावना का  आदर करते हैं. पर इस समय बहार न निकलना ही आपके लिए उचित हैं, क्योंकि बाहर निकलना किसी खतरे से खाली नहीं हैं.  नवरात्रि के इस पवन पर्व पर हम नव देवियों से प्रार्थना करते हैं कि वह इस मुश्किल घड़ी से निपटने की शक्ति हम सभी को दे.


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