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PM Matsya Sampada Yojana : प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY)

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What is Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana?

Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) को हाल ही में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा approved किया गया है. इस योजना को वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक लागू किया गया है यानी सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 5 साल की अवधि के लिए. जैसा कि नाम से पता चलता है, PMMSY एक fisher centric umbrella scheme है जिसके माध्यम से फिशर, मछली किसान, मछली श्रमिक और मछली विक्रेता को लाभ पहुंचाना है. 


क्या है Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY)?

PMMSY एक ऐसी योजना है जो भारत में मत्स्य क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार विकास के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा नीली क्रांति लाने के लिए शुरू की गई है. यह योजना मछली उत्पादन के साथ-साथ productivity, technology, modernisation और strengthening of value chain, traceability, quality आदि को मजबूत करने व महत्वपूर्ण खामियों को दूर करने के इरादे से बनाई गई है.

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Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) का Structure :

PMMSY एक umbrella scheme है जिसमें दो अलग-अलग घटक होते हैं जैसे: Central Sector Scheme और Centrally Sponsored Scheme. PMMSY योजना के लिए 20,050 करोड़ रुपये का कुल निवेश सरकार ने किया है. निवेश की संरचना इस प्रकार है:
  • Central Share of Rs 9407 crore
  • State Share of Rs 4880 crore
  • Beneficiaries Share of Rs 5763 crore


Objective Of The Scheme- योजना का उद्देश्य:

  • मछलियों के रिटेल आउटलेट को लेकर एक वर्तमान रूपरेखा इस योजना के  माध्यम से तैयार की जाएगी.
  • इस योजना का उद्देश्य एक स्थायी, जिम्मेदार, समावेशी और समान रूप से मत्स्य पालन क्षमता को दो गुना करना है.
  • मछली उत्पादकता में सुधार करना है. 
  • आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण का एक लक्ष्य प्राप्त करना है.
  • रेंजर्स को बेहतर लागत देने और उनके वेतन को दुगना करने में भी मदद मिलेगी.
  • सरकार द्वारा जारी की गई मत्स्य संपदा योजना बागवानी वस्तुओं की विशाल बर्बादी को रोकने में सहायक भी होगी. 
  • मछुआरों के लिए सामाजिक, शारीरिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है. 



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Some activities to be undertaken under PMMSY:

PMMSY के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित गतिविधियां होंगी: आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम(Genetic improvement programmes) और न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर(Nucleus Breeding Centres); प्रशिक्षण(Training), जागरूकता, जोखिम दूर करने की क्षमता निर्माण; जलीय संगरोध सुविधाएं स्थापित करना; केंद्र सरकार और इसकी संस्थाओं के मछली पकड़ने के बंदरगाह का आधुनिकीकरण; मछली किसान उत्पादक संगठनों / कंपनियों की स्थापना करना, आदि.
योजना का कार्यान्वयन : 
PMMSY को फाइनल रूप प्रदान करने  के लिए निम्न Agencies कार्य करेंगी:
  • केंद्र सरकार और उसकी संस्थाएँ जैसे राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड
  • राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकार और साथ ही उनकी संस्थाएँ जैसे राज्य मत्स्य विकास बोर्ड
  • अन्य एजेंसी जिसे मत्स्य विभाग द्वारा चुना जायेगा.

PMMSY के लाभार्थी(Beneficiaries):

PMMSY में एक बहुत व्यापक कवरेज होगा और इसमें लाभार्थी के रूप में निम्नलिखित शामिल होंगे: Fishers, fish farmers, fisheries development corporations, Self Help Groups, Fisheries Federations, fish workers and fish vendors, fish farmers producer organisations, etc.

PMMSY का प्रभाव:

20,050 करोड़ रुपये का निवेश मत्स्य पालन और Aquaculture Sector के लिए किया जा रहा है, जो बहुत बड़ी राशि है. पीएमएमएसवाई से मछली उत्पादन 13.75 मिलियन मीट्रिक टन (2018-19) से बढ़कर 22 मिलियन मीट्रिक टन (20-25-25) होने की उम्मीद है. यह 2024-25 तक निर्यात आय को दोगुना करने का  प्रयास किया जायेगा जो लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये तक हो सकती है. साथ ही मछलीपालकों(fishers) के साथ-साथ मछली किसानों(fish farmers) की आय को दोगुना करना है. इस क्षेत्र में भारी मात्रा में  निवेश से supply और value chain  के साथ लगभग 55 लाख लाभकारी रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे. 


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