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Governors of The Reserve Bank of India – भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की सूची (1935 से अब तक )

Governors of The Reserve Bank of India – भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की सूची (1935 से अब तक ) | Latest Hindi Banking jobs_2.1

List of Governors of Reserve Bank of India (RBI)- From 1935 
भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक का सबसे वरिष्ठ अधिकारी गवर्नर,होता है. भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 में हुई थी. जिसके बाद अब तक भारतीय रिजर्व बैंक को 25 गवर्नर संभाल चुके हैं. ओसबोर्न स्मिथ RBI के पहले गवर्नर थे और शक्तिकांत दास वर्त्तमान समय में गवर्नर है, जिन्होंने 11 दिसंबर 2018 को इस पद को सम्हाला है. शक्तिकांत दास RBI के 25वें गवर्नर हैं. 

RBI के गवर्नर की नियुक्ति कैसे की जाती है?


रिज़र्व बैंक सम्बंधित मामलों को Central Board of Directors (CBD) देखता है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 8 के अनुसार बोर्ड के सदस्यों को भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है. RBI के प्रशासनिक अधिकारी के रूप में केंद्रीय निदेशक मंडल (Central Board of Directors) में निदेशकों के दो सेट शामिल हैं, पहला आधिकारिक निदेशक और दूसरा, गैर-आधिकारिक निदेशक है. RBI अधिनियम के अंतर्गत केंद्र सरकार गवर्नर मनोनीत करती है.

राज्यपाल का नाम कार्यकाल
1.  सर ओसबोर्न स्मिथ 1 अप्रैल 1935 – 30 जून 1937
2. सर जेम्स ब्रेड टेलर 1 जुलाई 1937 – 17 फ़रवरी 1943
3. सर सी. डी. देशमुख 11 अगस्त 1943 – 30 जून 1949
4. सर बेनेगल रामा राव 1 जुलाई 1949 – 14 जनवरी 1957
5. के. जी. अम्बेगाओंकर 14 जनवरी 1957 – 28 फ़रवरी 1957
6. एच. वी. आर. आयंगर 1 मार्च 1957 – 28 फ़रवरी 1962
7. पी. सी. भट्टाचार्य 1 मार्च 1962 – 30 जून 1967
8. एल. के. झा 1 जुलाई 1967 – 3 मई 1970
9. बी. एन. आदरकार 4 मई 1970 – 15 जून 1970
10. एस. जगन्नाथन 16 जून 1970 – 19 मई 1975
11. एन. सी. सेनगुप्ता 19 मई 1975 – 19 अगस्त 1975
12. के. आर. पुरी 20 अगस्त 1975 – 2 मई 1977
13. एम. नरसिम्हन 3 मई 1977 – 30 नवम्बर 1977
14. डॉ. आई. जी. पटेल 1 दिसम्बर 1977 – 15 सितम्बर 1982
15. डॉ. मनमोहन सिंह 16 सितम्बर 1982 – 14 जनवरी 1985
16. ऐ. घोष 15 जनवरी 1985 – 4 फ़रवरी 1985
17. आर. एन. मल्होत्रा 4 फ़रवरी 1985 – 22 दिसम्बर 1990
18. एस. वेंकटरमनन 22 दिसम्बर 1990 – 21 दिसम्बर 1992
19. सी. रंगराजन 22 दिसम्बर 1992 – 21 नवम्बर 1997
20. डॉ. बिमल जालान 22 नवम्बर 1997 – 6 सितम्बर2003
21. डॉ. वॉय. वी. रेड्डी 6 सितम्बर 2003 – 5 सितम्बर 2008
22. डी. सुब्बाराव 4 सितम्बर 2008 – 4 सितम्बर 2013
23. रघुराम राजन 5 सितम्बर 2013 – 4 सितम्बर 2016
24. उर्जित पटेल 4 सितम्बर 2016 – 11 दिसंबर 2018
25. शक्तिकांत दास  11 दिसंबर 2018 – पदस्थ


सर ओसबोर्न स्मिथ – 1 जनवरी 1935 से 30 जून 1937

स्मिथ एक पेशेवर बैंकर थे. रिजर्व बैंक से पहले वह ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ बैंक में 20 साल और न्यू साउथ वेल्स बैंक में 10 साल तक कार्य कर चुके थे. वह इंपीरियल बैंक ऑफ इण्डिया के प्रबंधक गवर्नर 1926 में बने. उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक का गवर्नर 1 अप्रैल 1935 को नियुक्त किया गया. अपने कार्यकाल में उन्होंने किसी बैंक नोट पर हस्ताक्षर नही़ किए थे.

सर जेम्स ब्रेड टेलर – 21 अप्रैल 1891 – 17 फ़रवरी 1943

सर जेम्स ब्रेड टेलर भारतीय रिजर्व बैंक के पहले डिप्टी गवर्नर और भारतीय रिजर्व बैंक के दूसरे गवर्नर ओसबोर्न स्मिथ थे. उन्होंने 1 जुलाई 1937 से 17 फ़रवरी 1943 तक यह पद संभाला.

सी. डी. देशमुख – 11 अगस्त 1943 – 30 जून 1949

सी. डी. देशमुख का पूरा नाम चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख था. वह भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर थे, जिन्हें ब्रिटिश राज ने 1943 में गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया. उसी दौरान उन्हें सर की उपाधि दी थी.  उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भारत के तीसरे वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया है. “गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 1944 में ब्रेटन वुड्स वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व किया, स्वतंत्रता और देश के विभाजन, भारत और पाकिस्तान के बीच रिजर्व बैंक की संपत्ति और liabilities के विभाजन की देखरेख की थी.”

सर बेनेगल रामा राव – 1 जुलाई 1949 – 14 जनवरी 1957

सर बेनेगल रामा राउ ने सबसे लम्बे समय तक गवर्नर के रूप में कार्य किये. उन्होंने संयुक्त राज्य में भारतीय राजदूत के रूप में भी कार्य किया.

के. जी. अम्बेगाओंकर – 14 जनवरी 1957 – 28 फ़रवरी 1957

यह भारतीय रिज़र्व बैंक के पांचवे गवर्नर थे. इससे पहले वह भारतीय सिविल सेवा के सदस्य थे और भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में भी कार्य कर चुके थे. वित्त सचिव के रूप में भी वह सेवा कर चुके थे.

एच. वी. आर. आयंगर – 1 मार्च 1957 – 28 फ़रवरी 1962

रिजर्व बैंक के छठवें  गवर्नर  के रूप में नियुक्त होने से पहले H V R Iengar ने भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. उनके कार्यकाल के दौरान 1962 में बैंक डिपॉजिट के लिए बीमा शुरू किया गया, जिसने भारत को डिपॉजिट इंश्योरेंस के साथ प्रयोग करने वाले सबसे शुरुआती देशों में से एक बना दिया. मौद्रिक नीति के पहलू में, variable cash eserve ratioका पहली बार उपयोग किया गया था.


पी. सी. भट्टाचार्य – 1 मार्च 1962 – 30 जून 1967

वह भारतीय Audit और Account Service के सदस्य थे, वित्त मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया. बाद में उन्हें भारतीय स्टेट बैंक के Chairman के रूप में भी नियुक्त किया गया. इसके बाद उन्हें RBI के गवर्नर के रूप में नियुक्त किग गया. उनके कार्यकाल में हुए कुछ घटनाक्रमों में क्रेडिट रेगुलेशन स्कीम को क्रेडिट रेगुलेशन के एक साधन के रूप में पेश किया गया था, 1966 में रुपये के अवमूल्यन के साथ, आयात उदारीकरण और निर्यात सब्सिडी को खत्म करने सहित कई कार्य उसी समय किये गए.


एल. के. झा – 1 जुलाई 1967 – 3 मई 1970

RBI के गवर्नर बनने से पहले L K झा प्रधानमंत्री के सचिव थे. उनके कार्यकाल में वाणिज्यिक बैंकों पर सामाजिक नियंत्रण शुरू किया गया था. 1969 में 14 प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, एक ऐसा कदम, जिसमें रिज़र्व बैंक का समर्थन नहीं था.



बी. एन. आदरकार – 4 मई 1970 – 15 जून 1970

B N Adarkar एक पेशेवर अर्थशास्त्री थे और एस. जगन्नाथन के पदभार संभाले तब तक गवर्नर के पद पर बने रहे. उन्होंने भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में महत्वपूर्ण पदों को सम्हाला था.


एस. जगन्नाथन – 16 जून 1970 – 19 मई 1975

एस. जगन्नाथन ने भारतीय रिज़र्व बैंक में गवर्नर के रूप में नियुक्त होने से पहले केंद्र सरकार के साथ विश्व बैंक में भारत के कार्यकारी निदेशक(Executive Director) के रूप में कार्य किया. बाद में वह IMF में भारतीय कार्यकारी निदेशक(Indian Executive Director) बन गए.


 एन. सी. सेनगुप्ता – 19 मई 1975 – 19 अगस्त 1975

के. सी. पुरी के पद संभालने तक N C सेनगुप्ता को तीन महीने के लिए राज्यपाल नियुक्त किया गया था. वह पहले वित्त मंत्रालय के बैंकिंग विभाग के Secretary के रूप में कार्यरत थे.

 के. आर. पुरी  – 20 अगस्त 1975 – 2 मई 1977

के. आर. पुरी के कार्यकाल के दौरान RRBs- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना की गई थी. RBI में गवर्नर के रूप में नियुक्ति से पहले, उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम के Chairman और प्रबंध निदेशक(Managing Director) के रूप में कार्य किया था.

एम. नरसिम्हन – 3 मई 1977 – 30 नवम्बर 1977

RBI की वेबसाइट के अनुसार “एम नरसिम्हम रिजर्व बैंक कैडर से नियुक्त होने वाले पहले और अब तक के एकमात्र गवर्नर थे, जो बैंक में आर्थिक विभाग में एक Research Officer के रूप में शामिल हुए थे. वह बाद में सरकार में शामिल हुए और गवर्नर के रूप में नियुक्ति से पहले उन्होंने Economic Affairs के विभाग में Additional Secretary के रूप में कार्य किया था..”


डॉ. आई. जी. पटेल – 1 दिसम्बर 1977 – 15 सितम्बर 1982

डॉ. आई. जी. पटेल RBI के गवर्नर बनने से पहले, वित्त मंत्रालय में सचिव के रूप में और उसके बाद United Nations Development Programme में शामिल हुए थे. उनके कार्यकाल के दौरान छह निजी क्षेत्र के बैंकों(private sector banks) का राष्ट्रीयकरण किया गया था, priority sector में ऋण देने के लिए लक्ष्य प्रस्तुत किए गए, और डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन का विलय कर दिया गया, और बैंक में एक विभागीय पुनर्गठन किया गया
डॉ. आई. जी. पटेल को 1981 में IMF के Extended Fund Facility का विस्तार करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जो उस समय IMF के इतिहास में सबसे बड़ी व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती थी.


डॉ॰ मनमोहन सिंह – 16 सितम्बर 1982 – 14 जनवरी 1985

डॉ. मनमोहन सिंह ने Governor के रूप में नियुक्ति से पहले वित्त विभाग में सचिव और योजना आयोग के सदस्य सचिव के रूप में कार्य किया. उनके कार्यकाल में भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम और शहरी बैंक विभाग की नई शुरूआत हुई.


ऐ॰ घोष – 15 जनवरी 1985 – 4 फ़रवरी 1985

R N मल्होत्रा के पदभार संभालने तक 15 दिनों की अवधि के लिए घोष को Governor नियुक्त किया गया था. वह RBI के डिप्टी गवर्नर थे.


आर॰ एन॰ मल्होत्रा – 4 फ़रवरी 1985 – 22 दिसम्बर 1990

R.N. मल्होत्रा RBI में गवर्नर के रूप में नियुक्त होने से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य थे, वह IMF के सचिव, Finance और Executive Director थे


एस॰ वेंकटरमनन – 22 दिसम्बर 1990 – 21 दिसम्बर 1992

एस. वेंकटरमनन ने राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले कर्नाटक सरकार में वित्त सचिव और सलाहकार के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल IMF के stabilisation programme को अपनाने के लिए जाना जाता है, जहां रुपये का अवमूल्यन(Rupee underwent) हुआ और आर्थिक सुधारों(economic reforms) के कार्यक्रम की शुरुआत हुई.


सी. रंगराजन – 22 दिसम्बर 1992 – 21 नवम्बर 1997

डॉ. सी रंगराजन ने RBI के गवर्नर बनने से पहले एक दशक तक Deputy Governor के रूप में कार्य किया. वह योजना आयोग के सदस्य और दसवें वित्त आयोग के सदस्य भी थे. ऑफिसियल RBI वेबसाइट के अनुसार- “New institutions and instruments were introduced and changes in exchange rate management culminated in the establishment of a unified exchange rate. In the field of monetary policy, his tenure saw the historic memorandum signed between the Bank and the Government whereby a cap was put on the automatic finance by the Bank to the Government in the form of ad hoc treasury bills.”


डॉ. बिमल जालान – 22 नवम्बर 1997 – 6 सितम्बर2003

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बनने से पहले डॉ. बिमल जालान भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार, बैंकिंग सचिव, वित्त सचिव, योजना आयोग के सदस्य सचिव और प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था. अपने कार्यकाल में strengthening of the balance और विदेशी मुद्रा की स्थिति, कम मुद्रास्फीति और नरम ब्याज दरों को मजबूत करना आदि महत्वपूर्ण कार्य उन्होंने किये थे.

डॉ. वॉय. वी. रेड्डी – 6 सितम्बर 2003 – 5 सितम्बर 2008

डॉ. वॉय. वी. रेड्डी ने भारतीय रिजर्व बैंक में गवर्नर के रूप में कार्य करने से पहले. वित्त मंत्रालय में सचिव (बैंकिंग), वाणिज्य मंत्रालय में अपर सचिव, भारत सरकार में वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव, आंध्र प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया  साथ ही  Deputy Governor के रूप में छह साल का कार्यकाल पूरा किया.


डी. सुब्बाराव – 4 सितम्बर 2008 – 4 सितम्बर 2013

डॉ. डी. सुब्बाराव 2008 में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बने, इससे पहले भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव के रूप में कार्य किया. डॉ. सुब्बाराव इससे पहले प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद  के प्रमुख सचिव (2005-2007) रहे हैं विश्व बैंक (1999-2004), आंध्र प्रदेश सरकार के वित्त सचिव (1993-98) और आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार (1988-1993) आदि के रूप में कार्य कर चुके थे.


रघुराम राजन – 4 सितम्बर 2013 – 4 सितम्बर 2016

डॉ. रघुराम राजन भारतीय रिज़र्व बैंक के 23 वें गवर्नर थे और इससे पहले उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल में वित्त Eric J. Gleacher Distinguished Service Professor, भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया था. 2003 और 2006 के बीच, डॉ. राजन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में मुख्य अर्थशास्त्री(Chief Economist) और अनुसंधान निदेशक(Director of Research) थे. उन्होंने निम्न पुस्तकें लिखी हैं:
  • co-authored Saving Capitalism from the Capitalists with Luigi Zingales
  • Fault Lines: How Hidden Fractures Still Threaten the World Economy, for which he was awarded the Financial Times-Goldman Sachs prize for best business book in 2010.


उर्जित पटेल – 4 सितम्बर 2016 – 11 दिसंबर 2018

डॉ. उर्जित आर. पटेल ने RBI के गवर्नर बनने से पहले Deputy Governor के रूप में कार्य किया था. उन्होंने कई केंद्रीय और राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समितियों के साथ भी कार्य किया, जिसमें  including the Task Force on Direct Taxes (Kelkar Committee), the High Level Expert Group for Reviewing the Civil & Defence Services Pension System, the Prime Minister’s Task Force on Infrastructure, the Group of Ministers on Telecom Matters, the Committee on Civil Aviation Reforms and the Ministry of Power’s Expert Group on State Electricity Boards आदि शामिल हैं.


शक्तिकांत दास  – 11 दिसंबर 2018 – पदस्थ

श्री शक्तिकांत दास सेवानिवृत्त IAS पूर्व सचिव, राजस्व विभाग और आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय के लिए कार्य कर चुके हैं. इन्हें भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक के 25 वें गवर्नर के रूप में 12 दिसंबर, 2018 को नियुक्त किया. वर्तमान कार्यभार से तुरंत पहले, वह भारत के 15 वें वित्त आयोग और G20 Sherpa के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे थे. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंचों जैसे IMF, G20, BRICS, SAARC आदि में भारत का प्रतिनिधित्व किया है.

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