Latest Hindi Banking jobs   »   क्या है AGR? कैसे करता है...

क्या है AGR? कैसे करता है टेलिकॉम कंपनियों को प्रभावित?


क्या है AGR? कैसे करता है टेलिकॉम कंपनियों को प्रभावित? | Latest Hindi Banking jobs_2.1

इस समय की बिजनेस न्यूज में  AGR का बहुत अधिक जिक्र हो रहा हैं. जिसका सम्बन्ध टेलिकॉम कंपनियों से है. आये दिन समाचारों पत्रों में इसका जिक्र होता है कि कैसे AGR की वजह से टेलिकॉम कंपनियां कैसे तबाह हो रही हैं. ऐसे में आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे कि यह AGR क्या है? इसकी शुरुआत कब हुई और यह टेलिकॉम कंपनियों को किस प्रकार प्रभावित करता है? व AGR और टेलिकॉम कंपनियों का विवाद क्या है? इन सभी प्रश्नों के जवाब हम यहाँ देंगें.

AGR क्या है? AGR का FULL FORM क्या  है?

AGR का फुल फॉर्म Adjusted Gross Revenue है, जिसे हिंदी में “समायोजित सकल राजस्व” कहते हैं. AGR दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा दूरसंचार ऑपरेटरों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिग फीस है. जिसे 2 हिस्सों में लिया जाता है – स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंसिंग फीस, जो क्रमश 3-5 फीसदी और 8 फीसदी होता है.  वर्ष 1999 नई दूरसंचार नीतियों के तहत AGR की अवधारण का विकास किया गया था.    



क्या है विवाद 

दूरसंचार विभाग के अनुसार AGR की गणना एक टेलीकॉम कंपनी द्वारा अर्जित सभी राजस्व के आधार पर की जानी चाहिए अर्थात इसमें डिपॉजिट इंट्रेस्ट और एसेट बिक्री जैसे गैर टेलीकॉम स्रोत से हुई आय भी शामिल हो. जबकि टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि  AGR की गणना सिर्फ टेलीकॉम सेवाओं के आधार पर की जानी चाहिए. इसी विवाद को लेकर 2005 में सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने AGR की दूरसंचार विभाग की परिभाषा को कोर्ट में चुनौती दी थी.




सुप्रीम कोर्ट का फैसला 


जिसमें दूरसंचार विवाद समाधान और अपील न्यायाधिकरण (TDSAT) ने सरकार द्वारा बनाये गए नियम को वैध माना था और कहा था कि कंपनियों की आय में सभी तरह की प्र‍ाप्तियों को सम्मिलित किया जायेगा. अरुण मिश्रा, S अब्दुल नाज़ेर और M.R. शाह की अगुवाई वाली जस्टिस की एक बेंच ने टेलीकॉम कंपनियों के लगभग सभी चुनौतियों को खारिज कर दिया और केंद्र सरकार के पक्ष में फैसला दिया और बकाया राशि जमा करने के आदेश दिए थे.




Practice With:


Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *