Type of Banks In India in Hindi: भारत में वर्तमान में विभिन्न प्रकार के बैंक हैं. इसमें कुछ बैंक आम जनता के लिए होते हैं जो उन्हें संभवतः सबसे आसान और सस्ता ऋण और बचत खाते प्रदान करते हैं, वहीं दूसरी ओर, कुछ बैंक बड़े व्यापारों और उद्योगों के लिए होते हैं जो उन्हें उनकी आवश्यकताओं के अनुसार वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं. यहां हम आपको भारत में विभिन्न प्रकार के बैंकों के बारे में हिंदी में जानकारी प्रदान कर रहे हैं. इसमें आपको बैंकों के प्रकार के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी, जैसे कि सरकारी बैंक, निजी बैंक, विदेशी बैंक, भंडारी बैंक, विशेष बैंक, विकास बैंक और औद्योगिक विकास बैंक आदि.
Type of Banks In India
बैंकिंग प्रणाली (Banking System)’ किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है, इसलिए यह आवश्यक है कि इसे एक ऐसे प्राधिकरण (Authority) द्वारा नियंत्रित किया जाए जिस पर जनता का पूरा भरोसा हो। सभी देशों का अपना एक केंद्रीय बैंक (Central Bank) होता है जो उस देश में बैंकिंग गतिविधियों (Banking Activities) को नियंत्रित करता है। भारत में बैंकिंग प्रणाली को नियंत्रित करने वाला निकाय भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) है।
बैंकिंग जागरूकता (Banking awareness), बैंकिंग परीक्षाओं की मुख्य परीक्षा में पूछे जाने वाले मुख्य सेक्शन में से एक है। बैंकिंग जागरूकता में विभिन्न महत्वपूर्ण टॉपिक शामिल हैं और ‘भारत में बैंकों के प्रकार (Types of banks in India)’ उनमें से एक है। आज इस लेख में, हम भारत में मौजूद विभिन्न प्रकार के बैंकों की सूची पर चर्चा करने जा रहे हैं।
Type of Banks In India: विभिन्न प्रकार के बैंकों की सूची (List of Different Types of Banks)
बैंकिंग बहुत लंबे समय से हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था में एक बड़ा योगदान देता है। भारत में बैंकिंग के इतिहास ने कई चरणों, सुधारों को देखा है और तब से लगातार विकसित हो रहा है। भारत में बैंकों के प्रकारों की ओर बढ़ने से पहले, आइए पहले जानते हैं कि बैंकिंग क्या है? (what is banking?)
बैंकिंग कंपनी अधिनियम 1949 (Banking Companies Act of 1949) के अनुसार, बैंकिंग को एक वित्तीय संस्थान (financial institution) के रूप में परिभाषित किया गया है, जो जनता से उधार या इन्वेस्टमेंट के उद्देश्य से जमा स्वीकार करता है तथा मांग पर या अन्यथा चुकाने योग्य होने पर चेक, डिमांड ड्राफ्ट और अन्य तरीकों से निकासी की व्यवस्था उपलब्ध कराता है।
Type of Banks In India: विभिन्न प्रकार के बैंकों की सूची (List of Different Types of Banks)
बैंकों के प्रकार को मोटे तौर पर दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है – अनुसूचित बैंक (Scheduled banks) और ग़ैर अनुसूचित बैंक (Non scheduled banks).
अनुसूचित बैंक (Scheduled banks): यह भारत में बैंकों के प्रकारों में से एक है जो उन बैंकों का गठन करता है, जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है। इसमें मूल रूप से वाणिज्यिक बैंक (Commercial Banks) और सहकारी बैंक (Cooperative Banks) शामिल हैं।
वाणिज्यिक बैंक (Commercial Banks)- वाणिज्यिक बैंक मुख्य रूप से लाभ के आधार (Profit Basis) पर काम करते हैं और ऋण (loans) देने के उद्देश्य से जमा (deposits) स्वीकार करने के व्यवसाय में लगे हुए हैं। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के अंतर्गत आने वाले बैंकों के प्रकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (public sector banks), निज़ी क्षेत्र के बैंक (private sector banks), विदेशी बैंक (foreign banks) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional rural banks) हैं-
ग़ैर अनुसूचित बैंक (Non scheduled banks): जिन बैंकों को आरबीआई अधिनियम,1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल नही किया गया है, उनको ग़ैर-अनुसूचित बैंक कहा जाता है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 5 के खंड (C) में ग़ैर अनुसूचित बैंकों को परिभाषित किया गया है।
Type of Banks In India: विभिन्न प्रकार के बैंकों की सूची (List of Different Types Of Banks)
वाणिज्यिक बैंक (Commercial Banks)
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks)- ऐसी संस्थाएं हैं जिनका स्वामित्व सरकार के पास है अर्थात जिनके कुल कैपिटल में 51% से अधिक हिस्सेदारी सरकार की है।
- निज़ी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks)- निज़ी बैंक वे संस्थाएँ हैं जिनका स्वामित्व निज़ी व्यक्तियों / संस्थानों के पास है और ये कंपनी अधिनियम 1956 (Companies Act 1956) के तहत लिमिटेड कंपनियों के रूप में पंजीकृत हैं।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks)- ये संस्थाएं पूरी तरह से सरकार के अधीन हैं और समाज के ग्रामीण क्षेत्र की बेहतरी के लिए कार्य करती हैं।
- सहकारी बैंक (Cooperative Banks)
- विदेशी बैंक (Foreign Banks)
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks):
- केंद्र सरकार 50% की हिस्सेदारी
- राज्य सरकार 15% की हिस्सेदारी और
- प्रायोजक बैंक की 35% हिस्सेदारी (कोई भी वाणिज्यिक बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रायोजित कर सकता है)
सहकारी बैंक (Cooperative Banks)
- शहरी सहकारी बैंक (Urban cooperative banks)
- जिला सहकारी बैंक (District cooperative banks)
- प्राथमिक कृषि सहकारी समिति (Primary agriculture cooperative society)
विदेशी बैंक (Foreign Banks)
स्थानीय क्षेत्र बैंक (Local Area Banks)
लघु वित्त बैंक (Small Finance Banks)
विशिष्ट बैंक (Specialized Banks)
- नाबार्ड (NABARD): नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट नाबार्ड का पूर्ण रूप है। यह बैंक हमारे देश में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए बनाया गया था और अब भी वही कार्य कर रहा है।
- एग्जिम (EXIM): भारतीय निर्यात आयात बैंक (Export Import Bank of India) का गठन घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था ताकि वे अपने उत्पादों का निर्यात कर सकें। यह बैंक क़र्ज़ देता है। EXIM बैंक का प्राथमिक उद्देश्य निर्यातकों और आयातकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- सिडबी (SIDBI): स्मॉल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया एक प्रमुख वित्तीय संस्थान है जो सूक्ष्म उद्योगों को उनके विस्तार और विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।