The first-ever SCO Tourism and Cultural Capital in Hindi: शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization (SCO)) की 22वीं बैठक में राज्य के प्रमुखों की परिषद ने मंदिरों और घाटों के शहर वाराणसी को वर्ष 2022-2023 के लिए पहली बार एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मंजूरी दी है। एससीओ शिखर सम्मेलन 15 और 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के एक शहर समरकंद में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। भारत और एससीओ सदस्य देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को एससीओ सदस्य देशों द्वारा उठाए गए कदमों के माध्यम से बढ़ाया जाएगा। यह इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि भारत की प्राचीन सभ्यता का संबंध एससीओ सदस्य देशों से था, जिसमें मध्य एशियाई गणराज्य विशेष हैं।
मंदिरों का शहर वाराणसी: जिसे पहली बार एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी का दर्ज़ा मिला (Temple City Varanasi: The first-ever SCO Tourism and Cultural Capital)
- विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस ख़बर की पुष्टि की कि, ‘वाराणसी को पहली बार एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में सौंपा गया है।’
- विनय क्वात्रा ने कहा कि, “प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी वर्ष 2022-2023 के लिए वाराणसी को पहली एससीओ पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रमाणित करने के लिए सभी सदस्य राज्यों को धन्यवाद दिया।”
- वर्ष 2022-23 के लिए उज्बेकिस्तान ने भारत को रोटेटिंग प्रेसिडेंसी पद प्रदान किया।
- इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र के सहयोग से वाराणसी में कई कार्यक्रम आयोजित करेगी।
- वाराणसी को पहली बार एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मान्यता भारत और क्षेत्र के बीच अधिक सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों के लिए प्रवेश द्वार होगी।
- कार्यक्रम में एससीओ सदस्य देशों के मेहमानों को आमंत्रित किया जाएगा और यह विदेश मंत्रालय द्वारा घोषित भारतविदों, विद्वानों, लेखकों, संगीतकारों, कलाकारों, फोटो पत्रकारों, यात्रा ब्लॉगर्स (travel bloggers) आदि के लिए एक आकर्षण साबित होगा।
- वर्ष 2021 में दुशांबे एससीओ शिखर सम्मेलन (Dushanbe SCO Summit) में एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के नामांकन के नियमों का समर्थन किया गया था। यह एससीओ सदस्य देशों के बीच संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया था।
- शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थायी सदस्यता बेलारूस और ईरान को दी गई थी।
SCO
- शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो कि यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है।
- स्थापना: 15 जून, 2001 को शंघाई में हुई थी।
- मुख्यालय: बीजिंग, चीन
- सबसे बड़ा अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठन (Trans-regional International Organizations)
- पूरा नाम: शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization)
- संस्थापक: चीन, रूस, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान।
- सदस्य राज्य: चीन, रूस, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस।
- उद्देश्य: यूरेशियन क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे, फ़ोर्स में शामिल हों ताकि उभरती चुनौतियों और ख़तरों को रोका जा सके, और व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग को मज़बूत किया जा सके।
- भारत 9 जून, 2017 को एससीओ में शामिल हुआ।