Wholesale Inflation Slowed To 11-Month Low At 12.4% In August: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) द्वारा घोषित रिपोर्ट में कहा गया है कि थोक मुद्रास्फीति (Wholesale Inflation) अगस्त में घटकर 11 महीने के निचले स्तर 12.4% पर आ गई है। थोक मुद्रास्फीति थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale price index (WPI)) पर आधारित है और यह लगातार तीसरे महीने धीमी रही। मुख्य थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर 7.9 प्रतिशत हो गई जो 17 महीने का निचला स्तर है।
Wholesale Inflation Slowed To 11-Month Low At 12.4% In August: महत्वपूर्ण बिंदु (Important points)
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अगस्त में खाद्य महंगाई दर तेज होकर 12.37 फीसदी पर पहुंच गई। एक साल पहले गेहूं, सब्जियों, फलों और प्रोटीन से भरपूर उत्पादों की कीमतों में उनकी कीमतों की तुलना में वृद्धि हुई है।
- ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं (manufactured items) के लिए मुद्रास्फीति में कमी देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार, ईंधन के लिए 33.67% मुद्रास्फीति और विनिर्मित वस्तुओं के लिए 7.51% मुद्रास्फीति है।
- अगस्त में पूरी दुनिया में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर के स्तर पर आ गई और अप्रैल के बाद पहली बार ऐसा हुआ। तरल पेट्रोलियम गैस (Liquified Petroleum Gas (LPG)), पेट्रोल और डीजल के लिए डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में गिरावट आई है। एलपीजी (19.75%), पेट्रोल (38.68%), और डीजल (60.15%) के लिए थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति की गणना की गई।
डब्ल्यूपीआई क्या है? (What is WPI?)
- थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) एक मूल्य सूचकांक है जो कुछ चुनी हुई वस्तुओं के सामूहिक औसत मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।
- यह थोक व्यवसायों द्वारा अन्य व्यवसायों को बेची जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को मापता है।
- इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) के आर्थिक सलाहकार (Office of Economic Adviser) के कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
- यह भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मुद्रास्फीति संकेतक (Inflation Indicator) है।
- इस सूचकांक की सबसे प्रमुख आलोचना यह की जाती है कि आम जनता थोक मूल्य पर उत्पाद नहीं खरीदती है।
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