“मैं अत्यंत उत्साही और जिज्ञासु था. जब से मै तैयारी में लगा था मैंने परीक्षा के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया और दिन-रात कड़ी मेहनत की. मैं लहर के शिखर पर जाने के लिए सभी भवरों से बहार आ गया. मैं परीक्षा दी और इसके लिए मैंने पूरा जोर लगा दिया. लेकिन दुर्भाग्य से मेरे पास मौका था किन्तु मई उसका लाभ नही उठा सका. मैं अपने आस-पास के लोगों के लिए बस समय गुजारने का साधन बन गया हूं. मेरी समझ में कुछ भी नही आ रहा “
क्या आप उन लाखों सरकारी नौकरी उम्मीदवारों में से एक हैं, जो समय के अभाव के कारण तनाव में हैं? यदि हां, तो यह लेख आप लोगों को अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए निश्चित रूप से प्रोत्साहित करेगा और आपके लिए मददगार होगा…
प्रिय छात्रों, क्या आपने कभी किसी छोटे बच्चे को देखा है, जो चलना सीख रहा होता है? वह ठीक से चलना सीखने के लिए पहले सैकड़ों बार ठोकर खाता है, गिरता है, उठता है और अंततः चलना सीख ही जाता है. इस बच्चे की तरह आपको खुद पर विश्वास करना होगा कि “आप कर सकते हैं” और बस इसी सकारात्मक सोच के साथ आप पायेंगे कि आप अपना आधा रास्ता तय कर चुके हैं. जो दिन बीत चुके हैं, उसके बारे में पछताने से कोई लाभ नहीं. एक बात हमेशा अपने ध्यान में रखें, अतीत को बदला नहीं जा सकता है और भविष्य अभी भी
आपके हाथ में है. आपके हर छोटे या बड़े कदम ने, आपके द्वारा किए गए हर प्रयास ने आपको एक समझ दी है, जिससे आप आगे बढ़े और आज आप जो भी हैं उसी के कारण हैं. आपने तन-मन से तैयारी की, लेकिन कहीं लापरवाही दिखाई. क्यों? निश्चित रूप से, क्योंकि आपने गलत तरीका अपनाया. जो हो चुका है, उसके बारे में विचार करना समस्या का समाधान नही हैं बल्कि अपनी गलतियों से सीखना और अब उनसे सबक लेकर अगली बार निश्चित रूप से बेहतर तरीका सीखना है. आप मुश्किल समय में हो सकते हैं, लेकिन यदि आप आगे बढ़ते रहें और खुद को तैयार करते रहें, तो आपके पास सर्वश्रेष्ठ हासिल करने का एक और मौका होगा. संघर्ष के समय में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाएं रखें और निश्चित रूप से आपको कोई मार्ग मिल ही जाएगा.
प्रिय छात्रों, क्या आपने कभी किसी छोटे बच्चे को देखा है, जो चलना सीख रहा होता है? वह ठीक से चलना सीखने के लिए पहले सैकड़ों बार ठोकर खाता है, गिरता है, उठता है और अंततः चलना सीख ही जाता है. इस बच्चे की तरह आपको खुद पर विश्वास करना होगा कि “आप कर सकते हैं” और बस इसी सकारात्मक सोच के साथ आप पायेंगे कि आप अपना आधा रास्ता तय कर चुके हैं. जो दिन बीत चुके हैं, उसके बारे में पछताने से कोई लाभ नहीं. एक बात हमेशा अपने ध्यान में रखें, अतीत को बदला नहीं जा सकता है और भविष्य अभी भी
आपके हाथ में है. आपके हर छोटे या बड़े कदम ने, आपके द्वारा किए गए हर प्रयास ने आपको एक समझ दी है, जिससे आप आगे बढ़े और आज आप जो भी हैं उसी के कारण हैं. आपने तन-मन से तैयारी की, लेकिन कहीं लापरवाही दिखाई. क्यों? निश्चित रूप से, क्योंकि आपने गलत तरीका अपनाया. जो हो चुका है, उसके बारे में विचार करना समस्या का समाधान नही हैं बल्कि अपनी गलतियों से सीखना और अब उनसे सबक लेकर अगली बार निश्चित रूप से बेहतर तरीका सीखना है. आप मुश्किल समय में हो सकते हैं, लेकिन यदि आप आगे बढ़ते रहें और खुद को तैयार करते रहें, तो आपके पास सर्वश्रेष्ठ हासिल करने का एक और मौका होगा. संघर्ष के समय में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाएं रखें और निश्चित रूप से आपको कोई मार्ग मिल ही जाएगा.
अनंत शुभकामनाएं!!
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