SBI ने FY25 में सरकार को ₹8,076.84 करोड़ का डिविडेंड दिया, ₹70,901 करोड़ का रिकॉर्ड मुनाफा
देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार को ₹8,076.84 करोड़ का रिकॉर्ड डिविडेंड अदा किया है। यह भुगतान सरकार की गैर-कर राजस्व (Non-Tax Revenue) को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह डिविडेंड चेक SBI चेयरमैन सी.एस. सेटी द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सोमवार को सौंपा गया। इस अवसर पर वित्त सचिव अजय सेठ और वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू भी मौजूद रहे।
डिविडेंड में बड़ा इजाफा: ₹13.70 से बढ़ाकर ₹15.90 प्रति शेयर
पिछले साल SBI ने ₹6,959.29 करोड़ का डिविडेंड दिया था, जबकि इस बार यह आंकड़ा ₹8,076.84 करोड़ तक पहुंच गया। प्रति शेयर डिविडेंड भी बढ़कर ₹15.90 हो गया है, जो पिछले साल के ₹13.70 प्रति शेयर से अधिक है।
यह इजाफा बैंक के वित्तीय प्रदर्शन में मजबूती और शेयरधारकों को अधिक लाभांश देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
रिकॉर्ड प्रॉफिट: SBI ने कमाए ₹70,901 करोड़
SBI ने वित्त वर्ष 2024-25 में ₹70,901 करोड़ का शुद्ध लाभ (Net Profit) दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष के ₹61,077 करोड़ से 16% अधिक है। यह SBI के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सालाना मुनाफा है।
इस प्रॉफिट ग्रोथ का श्रेय बैंक की मजबूत ऑपरेशनल एफिशिएंसी, डिजिटल बैंकिंग में विस्तार और एनपीए मैनेजमेंट को जाता है।
सरकार को क्या मिलेगा लाभ?
SBI में सरकार की बड़ी हिस्सेदारी है, इसलिए डिविडेंड से सीधे सरकारी खजाने को फायदा होता है। इस प्रकार के डिविडेंड भुगतान सरकार के बजटीय घाटे को कम करने, नई योजनाओं में निवेश और बिना अतिरिक्त टैक्स लगाए राजस्व जुटाने में मदद करते हैं।
FY25 में सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे, कल्याणकारी योजनाओं और पूंजीगत निवेश पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में SBI जैसे पीएसयू से मिलने वाला डिविडेंड राजकोषीय स्थिरता बनाए रखने में सहायक है।
Cheque सौंपने का औपचारिक कार्यक्रम
इस डिविडेंड भुगतान को और अधिक पारदर्शी और औपचारिक बनाने के लिए दिल्ली में एक आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस तरह के कार्यक्रम सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच मजबूत साझेदारी और उत्तरदायित्व को दर्शाते हैं।
SBI द्वारा FY25 में दिया गया यह डिविडेंड न केवल बैंक की वित्तीय स्थिति की मजबूती का संकेत है, बल्कि सरकार के बजट और विकास योजनाओं के लिए भी यह एक बड़ा सहयोग है। इस तरह के मजबूत सार्वजनिक उपक्रम देश की आर्थिक स्थिरता में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।